प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
दुनिया गोल है ... बिना विज्ञान की सहायता लिए केवल एक लतीफे के माध्यम से यह साबित करने की कोशिश कर रहा हूँ ...
जल्द
ही हवाई यात्रा में विमान के टेकऑफ करने से पहले मोबाइल फोन, टैबलेट व
लैपटॉप बंद करने की घोषणा की बजाय एयरहोस्टेस से यह सुनने को मिल सकता है
कि अपने मोबाइल फोन को 'फ्लाइट मोड' पर कर लें।
यह इसलिए, क्योंकि
नागरिक विमानन मंत्रालय (डीजीसीए) ने उड़ानों के दौरान मोबाइल फोन, टैबलेट व
लैपटॉप चालू रखने की मंजूरी दे दी है। डीजीसीए ने बुधवार को उस नियम में
बदलाव कर दिया, जिसमें उड़ानों के दौरान पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज
(पीईडी) के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई थी।
सिर्फ फ्लाइट मोड में
सिविल
एविएशन रिक्वायरमेंट (सीएआर) यानी नए नियम के तहत अब उड़ानों में इन
उपकरणों का इस्तेमाल किया जा सकेगा, लेकिन सिर्फ 'नॉन ट्रांसमिटिंग मोड या
फ्लाइट मोड' में ही।
क्या होंगे बदलाव
नए
नियमों के मुताबिक उड़ान के दौरान यात्री अपने मोबाइल फोन, टैबलेट, लैपटॉप
को फ्लाइट मोड में चालू रख सकेंगे। यात्री इन उपकरणों पर वीडियो गेम खेलना,
संगीत सुनना, पहले से लोड की गई फिल्में देखना या ई-मेल टाइप करने जैसे
काम कर सकेंगे। हालांकि ये ई-मेल तभी भेजे जा सकेंगे, जब विमान लैंड करेगा।
डीजीसीए
ने फ्लाइट क्रू के लिए दिशानिर्देश भी जारी किए हैं। नए नियम में यह भी
कहा गया है कि सभी विमानन कंपनियां इन उपकरणों से किसी भी व्यवधान या धुआं व
आग पैदा होने के बारे में डीजीसीए को सूचित करेंगी।
गौरतलब है कि
विमानन कंपनियां लंबे समय से इस सुविधा की मांग करती आ रही हैं। पिछले
सप्ताह भी विमान कंपनियों ने इसी मुद्दे पर सरकार के साथ बैठक की थी। इससे
खास तौर पर कम किराए वाली विमानसेवाओं के यात्रियों को फायदा होगा, क्योंकि
ऐसी उड़ानों में मनोरंजन के साधन मुहैया नहीं कराए जाते हैं।
इससे
पहले अमेरिका व यूरोप में उड़ानों के दौरान इन उपकरणों के इस्तेमाल की छूट
मिल चुकी है। अब भारत भी इसकी मंजूरी वाले चुनिंदा देशों की सूची में शामिल
हो जाएगा।
- See more at:
http://naidunia.jagran.com/technology/tech-dgca-approves-in-flight-mobile-laptop-and-tablet-operations-76951#sthash.dhNuH04T.dpuf
बॉस (सेक्रेटरी से): तुम और मैं एक हफ्ते के लिए लंदन जा रहे हैं। ज़रूरी मीटिंग है।
सेक्रेटरी (पति से): ऑफिस के काम से मुझे बॉस के साथ एक हफ्ते के लिए लंदन जाना है। जरूरी मीटिंग है।
पति (अपनी गर्लफ्रेंड से, जो एक टीचर है): मेरी बीवी एक हफ्ते के लिए बाहर जा रही है। उसके जाते ही तुम घर आ जाना।
गर्लफ्रेंड (स्टूडेंट्स से): बच्चो, मैं एक हफ्ते के लिए बाहर जा रही हूं, इसलिए तुम्हारी एक हफ्ते की छुट्टी।
एक स्टूडेंट (अपने पिता से, जो कि बॉस है): डैड, मेरी एक हफ्ते की छुट्टी है। मैं घर आ रहा हूं, आप कहीं मत जाना।
बॉस (सेक्रेटरी से): मेरा बेटा आ रहा है। लंदन जाना कैंसल।
सेक्रेटरी (पति से): लंदन जाना कैंसल हो गया।
पति (गर्लफ्रेंड से, जो कि टीचर है): पत्नी नहीं जा रही। हमारा प्रोग्राम कैंसल।
टीचर (स्टूडेंट्स से): बच्चो, आपकी छुट्टियां कैंसल।
स्टूडेंट (पिता से, जो कि बॉस है): पापा, मैं नहीं आ सकता। छुट्टियां कैंसल हो गईं।
.
.
.
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बॉस (सेक्रेटरी से): मेरा बेटा नहीं आ रहा, हम एक हफ्ते के लिए लंदन जा रहे हैं!
तो साहब बताएं ... क्या यह साबित हुआ कि दुनिया गोल है !?
सादर आपका
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निवेदिता श्रीवास्तव at झरोख़ा
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
जल्द
ही हवाई यात्रा में विमान के टेकऑफ करने से पहले मोबाइल फोन, टैबलेट व
लैपटॉप बंद करने की घोषणा की बजाय एयरहोस्टेस से यह सुनने को मिल सकता है
कि अपने मोबाइल फोन को 'फ्लाइट मोड' पर कर लें।
यह इसलिए, क्योंकि
नागरिक विमानन मंत्रालय (डीजीसीए) ने उड़ानों के दौरान मोबाइल फोन, टैबलेट व
लैपटॉप चालू रखने की मंजूरी दे दी है। डीजीसीए ने बुधवार को उस नियम में
बदलाव कर दिया, जिसमें उड़ानों के दौरान पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज
(पीईडी) के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई थी।
सिर्फ फ्लाइट मोड में
सिविल
एविएशन रिक्वायरमेंट (सीएआर) यानी नए नियम के तहत अब उड़ानों में इन
उपकरणों का इस्तेमाल किया जा सकेगा, लेकिन सिर्फ 'नॉन ट्रांसमिटिंग मोड या
फ्लाइट मोड' में ही।
क्या होंगे बदलाव
नए
नियमों के मुताबिक उड़ान के दौरान यात्री अपने मोबाइल फोन, टैबलेट, लैपटॉप
को फ्लाइट मोड में चालू रख सकेंगे। यात्री इन उपकरणों पर वीडियो गेम खेलना,
संगीत सुनना, पहले से लोड की गई फिल्में देखना या ई-मेल टाइप करने जैसे
काम कर सकेंगे। हालांकि ये ई-मेल तभी भेजे जा सकेंगे, जब विमान लैंड करेगा।
डीजीसीए
ने फ्लाइट क्रू के लिए दिशानिर्देश भी जारी किए हैं। नए नियम में यह भी
कहा गया है कि सभी विमानन कंपनियां इन उपकरणों से किसी भी व्यवधान या धुआं व
आग पैदा होने के बारे में डीजीसीए को सूचित करेंगी।
गौरतलब है कि
विमानन कंपनियां लंबे समय से इस सुविधा की मांग करती आ रही हैं। पिछले
सप्ताह भी विमान कंपनियों ने इसी मुद्दे पर सरकार के साथ बैठक की थी। इससे
खास तौर पर कम किराए वाली विमानसेवाओं के यात्रियों को फायदा होगा, क्योंकि
ऐसी उड़ानों में मनोरंजन के साधन मुहैया नहीं कराए जाते हैं।
इससे
पहले अमेरिका व यूरोप में उड़ानों के दौरान इन उपकरणों के इस्तेमाल की छूट
मिल चुकी है। अब भारत भी इसकी मंजूरी वाले चुनिंदा देशों की सूची में शामिल
हो जाएगा।
- See more at:
http://naidunia.jagran.com/technology/tech-dgca-approves-in-flight-mobile-laptop-and-tablet-operations-76951#sthash.dhNuH04T.dpuf
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ही हवाई यात्रा में विमान के टेकऑफ करने से पहले मोबाइल फोन, टैबलेट व
लैपटॉप बंद करने की घोषणा की बजाय एयरहोस्टेस से यह सुनने को मिल सकता है
कि अपने मोबाइल फोन को 'फ्लाइट मोड' पर कर लें।
यह इसलिए, क्योंकि
नागरिक विमानन मंत्रालय (डीजीसीए) ने उड़ानों के दौरान मोबाइल फोन, टैबलेट व
लैपटॉप चालू रखने की मंजूरी दे दी है। डीजीसीए ने बुधवार को उस नियम में
बदलाव कर दिया, जिसमें उड़ानों के दौरान पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज
(पीईडी) के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई थी।
सिर्फ फ्लाइट मोड में
सिविल
एविएशन रिक्वायरमेंट (सीएआर) यानी नए नियम के तहत अब उड़ानों में इन
उपकरणों का इस्तेमाल किया जा सकेगा, लेकिन सिर्फ 'नॉन ट्रांसमिटिंग मोड या
फ्लाइट मोड' में ही।
क्या होंगे बदलाव
नए
नियमों के मुताबिक उड़ान के दौरान यात्री अपने मोबाइल फोन, टैबलेट, लैपटॉप
को फ्लाइट मोड में चालू रख सकेंगे। यात्री इन उपकरणों पर वीडियो गेम खेलना,
संगीत सुनना, पहले से लोड की गई फिल्में देखना या ई-मेल टाइप करने जैसे
काम कर सकेंगे। हालांकि ये ई-मेल तभी भेजे जा सकेंगे, जब विमान लैंड करेगा।
डीजीसीए
ने फ्लाइट क्रू के लिए दिशानिर्देश भी जारी किए हैं। नए नियम में यह भी
कहा गया है कि सभी विमानन कंपनियां इन उपकरणों से किसी भी व्यवधान या धुआं व
आग पैदा होने के बारे में डीजीसीए को सूचित करेंगी।
गौरतलब है कि
विमानन कंपनियां लंबे समय से इस सुविधा की मांग करती आ रही हैं। पिछले
सप्ताह भी विमान कंपनियों ने इसी मुद्दे पर सरकार के साथ बैठक की थी। इससे
खास तौर पर कम किराए वाली विमानसेवाओं के यात्रियों को फायदा होगा, क्योंकि
ऐसी उड़ानों में मनोरंजन के साधन मुहैया नहीं कराए जाते हैं।
इससे
पहले अमेरिका व यूरोप में उड़ानों के दौरान इन उपकरणों के इस्तेमाल की छूट
मिल चुकी है। अब भारत भी इसकी मंजूरी वाले चुनिंदा देशों की सूची में शामिल
हो जाएगा।
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