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सोमवार, 6 मई 2013

कोई अनोखी नहीं ऐसी ज़िन्दगी - खूब न हो



ज़िन्दगी से बचपन चला गया,खो गई रिश्तों की गर्माहट,बेमानी हो गई हया .......... हर युग में कुछ अनोखा होता है,कुछ परिवर्तन,कुछ नयापन - पर जड़ से मिट जाये जो एहसास या हो फिर प्रयास तो कहना होगा -

कोई अनोखी नहीं ऐसी ज़िन्दगी 
लेकिन खूब न हो ......पर यहाँ तो जो भी मिला है , मिल रहा है - वह अति है ! कोई किसी से मिलना नहीं चाहता, या जो मिलता है वह संदेह के घेरे में होता है .... सोचना पड़ता है 

अब कहाँ जाएँ हम ये बता दे कोई 
अब किसी को किसी पर भरोसा नहीं ..... 

भरोसा हो भी कैसे मुखौटों की भरमार में, तीखे-व्यंग्यात्मक बोल में . तारीफ करने में लोग भले चूक जाएँ - पर टाँग खींचने में सबसे आगे. अपनी टाँग हो तो फिर देखिये . एक माध्यम मिल गया ब्लॉग और फेसबुक इत्यादि का ..... सभी मिडिया वालों को पीछे छोड़ देते हैं .... अगले क्षण जाना है,पर ...............
अरे गाइये भी -

रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ 
आज फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ 
पहले से मरासिम न सही फिर भी कभी तो
रस्म-ओ-राहे दुनिया ही निभाने के लिए आ
किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम
तू मुझसे खफा है तो ज़माने के लिए आ ..... 

कितना अच्छा था वो वक़्त जब हम मस्ती में कहते थे -

दिन के झगडे दिन को भूलें 
रात को सपनों में हम झूलें ................अरे हम पंछी एक डाल के = क्यूँ ?

सोचिये,क्या मिला है,क्या मिलेगा शिकायतों से .............सोचते हुए पढ़िए कुछ अनजाने,कुछ पहचाने लिंक्स 

ख्वाइशें और ज़िन्दगी | Utterly Uncreative


9 टिप्पणियाँ:

shikha varshney ने कहा…

सुन्दर बुलेटिन
आभार

शिवम् मिश्रा ने कहा…

"अब कहाँ जाएँ हम ये बता दे कोई
अब किसी को किसी पर भरोसा नहीं ..... "

बहुत बुरा दौर है :(


ऐसे मे आपकी बुलेटिन देखें कितनी आशा दे जाती है ... जाता हूँ लिंक्स पर इसी आशा की तलाश मे !

रश्मि शर्मा ने कहा…

सुंदर बुलेटि‍न..

Dr. sandhya tiwari ने कहा…

sundar buletin .........bahut kuch padhne ko mila ..

Unknown ने कहा…

sunadr buletin

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

बहुत बेहतरीन लिंक्स ,,

RECENT POST: दीदार होता है,

चला बिहारी ब्लॉगर बनने ने कहा…

रश्मि दी! मेरे गुरु जी कहा करते थे कि सफाई करनी पडती है, गन्दगी खुद ब खुद चली आती है.. ऐसे में जो मुखौटे लगाए, सिर्फ आलोचना करते हों, उनपर ध्यान नहीं देना चाइये..
मन की गहरी बात लिखी है आपने.. लेकिन अडिग रहिये अपने मिशन पर!!शुभकामनाएँ!!

Tamasha-E-Zindagi ने कहा…

भाई बहुत सुन्दर बुलेटिन

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

सुन्दर सूत्रों से सजी बुलेटिन।

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