आदरणीय मित्रों,
सादर प्रणाम,
आज की बुलेटिन आईपीएल के नाम मेरी कविता के माध्यम से
हल्ला बोल हल्ला बोल
आईपीएल की खुल गई पोल
अन्दर खाने कित्त्ते हैं झोल
हो रही सबकी सिट्टी गोल
ये मैच नहीं ये फिक्सिंग है
लगता मुझको तो मिक्सिंग है
बीमारी है अड़ियल अमीरों की
ये नसल है घटिया ज़मीरों की
नैतिकता ताख पे रक्खी हैं
ये खिलाड़ी हैं या झक्की हैं
जो चंद करोड़ पर नक्की हैं
लगते गोबर की मक्खी हैं
नारी गरिमा पर धुल पड़ी
आधी नंगी हो फूल खड़ी
चीयर गर्ल बन इतराती है
मैदान में कुल्हे मटकाती है
बस संत इनमें श्रीसंत हैं जी
आईयाशी के बड़े महंत हैं जी
फिक्सिंग में पकड़े जाते हैं जी
रंगरलियाँ खूब मनाते हैं जी
फ़िल्मी बकरे भी जमकर के
आईपिएल में मटर भुनाते हैं
विन्दु सरीखे पूत यहाँ पर
पिता की लाज गंवाते है
मैच के बाद की पार्टी में
आइयाशियों के दौर चलते हैं
दारु, लड़की, चिकन, कबाब
हर एक के साथ में सजते हैं
जीजा, साले, और सुसर यहाँ
एक दूजे की विकेट उड़ाते हैं
सट्टेबाजी के बाउंसर पर
बेटिंग अपनी दिखलाते हैं
मोहब्बत, जंग और राजनीति में
कहते हैं सबकुछ जायज़ है
आईपीएल की नई दुनिया में
सुना है खेल में सबकुछ जायज़ है
मैं पूछता हूँ अब आपसे यह
क्या जायज़ है ? क्या नाजायज़ है ?
जनता करेगी यह फैसला अब
कौन लायक है ? कौन नालायक है ?
बल्ला बोल बल्ला बोल
हल्ला बोल हल्ला बोल
आईपीएल की खुल गई पोल
आईपीएल की खुल गई पोल
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आज की कड़ियाँ
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आशा करता हूँ आज का बुलेटिन पसंद आएगा
16 टिप्पणियाँ:
शुक्रिया तुषार जी ,
एक अच्छा अनुभव रहा साथी रचनाकारों को पढना ..
हार्दिक आभार ..
आईपीएल की खुल गई पोल
बहुत सुंदर तुषार जी
आज की पोस्ट pdf file editor जिससे पीडीऍफ़ फाइल को एडिट करें
वाह भाई जी क्या पोल खोली है आई पी एल की
गजब की रचना है
बधाई
बहुत सुंदर लिंक्स सहेजे हैं
आपको और समूची ब्लॉग बुलेटिन को शानदार संयोजन का
आभार
क्या बात है ... सही है तुषार भाई बिलकुल सटीक धुलाई कर दी कविता के माध्यम से आईपीएल की ... जय हो !
अब जाते है लिंक्स की सैर पर !
वाह भाई
दारु, लड़की, चिकन, कबाब
हर एक के साथ में सजते है....widabna hai apne desh ki ......kis par bharosa karen ?
sunder kvita IPL ka pol kholti hui
Shaandaar.... Bahut khoob
आप सभी यहाँ आये और मेरे बुलेटिन पर अपनी राय व्यक्त की उसके लिए आप सभी मित्रों का धन्यवाद् | मेरा रचना की सराहना करने और मेरा हौसला बढ़ने के लिए आप सभी मित्रों का हार्दिक आभार | बुलेटिन पर पधारने के लिए शुक्रिया :) |
waaah bahut badhiya kavita tushar ji abbhar apka
बहुत ही सुन्दर! रचना भी और लिंक्स भी। मजा आ गया। समसामयिक विषय चुना आपने रचना के लिए! आपको ढेरों बधाई!
बहुत सुन्दर ...
सटीक कविता है तुषार राज रस्तोगी जी और एक अच्छा बुलेटिन भी...
बढ़िया समसामयिक विषय लेकर सार्थक बुलेटिन प्रस्तुति ..
इज़्ज़त धुल गयी बीच बाज़ार
बहुत सुंदर । मेरी कविता शामिल करने के लिए बहुत आभार ।
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