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गुरुवार, 30 मई 2013

जीवन के कुछ सत्य अनुभव

आदरणीय मित्रों,
सादर प्रणाम

आज के बुलेटिन में जीवन के कुछ सत्य अनुभव बतला रहा हूँ |  कहने को तो बातें और अनुभव पुराने हैं कहे सुने हैं परन्तु जीवन की आपा-धापी में हम इन्हें भुलाये बैठे हैं | मेरी कोशिश यही है के यदि हो सके तो इन्हें फिर से एक बार याद किया जाये और जीवन को सुखमय बनाया जाये | 
  • जीवन में हमें वही लौट कर मिलता है, जो हम दूसरों को दिया करते हैं |  
  • जीवन में हमें दूसरों को वही देना चाहियें, जिसकी अपेक्षा हम स्वयं दूसरों से करते हैं | 
  • हमारा शरीर भी एक मकान है, इस मकान की उचित देखभाल करनी चाहियें | 
  • यदि आप एकाग्र नहीं हैं, चित्त चलायमान है और यदि आपका ध्यान कहीं और है, तो आप कोई भी कार्य सही प्रकार से नहीं कर सकते | 
  • क्रोध सदैव मूर्खता से आरम्भ होता है और पश्चताप पर समाप्त होता है |
  • जीवन में कभी भी किसी पर भी आँख मूँद कर विश्वास नहीं करें |
  • जीवन में हमेशा अपनी बुद्धि, विवेक, कानो सुनी और आँखों देखि पर ही भरोसा करें | 
  • जीवन में सच्चा मित्र वही है जो कठिन समय में आपके साथ खड़ा रहे | 
  • जीवन में सुख दुःख आते जाते रहते हैं | विषम परिस्थितियों में सदैव धैर्य से काम लेना चाहियें | 
  • क्रांतियाँ छोटी छोटी बातों के विषय में नहीं होतीं, किन्तु छोटी छोटी बातों से उत्पन्न होती हैं | 
आज की कड़ियाँ 






















कृपा कर आज के बुलेटिन की बातों पर अवश्य ध्यान देने का प्रयास करें और हो सके तो जीवन में इन्हें अपनाने का भी | आभार |

धन्यवाद्
तुषार राज रस्तोगी 

जय बजरंगबली महाराज | हर हर महादेव शंभू  | जय श्री राम 

15 टिप्पणियाँ:

HARSHVARDHAN ने कहा…

बढ़िया बुलेटिन प्रस्तुत की है भईया। जल्द ही लिंक्स को पढ़ते हैं .........आभार।

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

वाकई इन बातों पर गौर करके इंसान चले तो कभी तकलीफ़ ही नही पाये, बहुत ही श्रेष्ठ वचन.

रामराम.

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

बेहतरीन ताजा लिंक्स मिले, आभार.

रामराम.

शिवम् मिश्रा ने कहा…

यही छोटे छोटे पर बेहद जरूरी जीवन सूत्र हमारे जीवन को सुखद करने मे बेहद सहयोगी होते है ... आभार तुषार बाबू !

विभा रानी श्रीवास्तव ने कहा…

बुलेटिन की बातों पर अवश्य ध्यान देने का प्रयास करूंगी और हो सका तो जीवन में इन्हें अपनाने का भी
आभार
धन्यवाद
हार्दिक शुभकामनायें

रचना ने कहा…

naari blog post ko shamil kiyaa thanks

रश्मि प्रभा... ने कहा…

सच्ची बात ................... मेरी कोई पोस्ट शामिल नहीं = मुझे दुःख है :)

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

रुचिकर सत्य, रोचक सूत्र।

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

लगता है ब्लॉग बुलेटिन मात्र कुछ लोगो के बीच सिमट कर रह गया है,,,,मुझे इस बात का खेद है,

Rajesh Kumari ने कहा…

ब्लॉग बुलेटिन पर सभी शानदार सूत्रों के साथ अपनी रचना को पाकर मन मुग्ध हो गया हार्दिक आभारी हूँ तुषार राज जी।

शिवम् मिश्रा ने कहा…

@धीरेन्द्र जी ,
क्या करें कि हमेशा से 'क्वालिटी' पर ध्यान दिया है , 'क्वान्टिटी' पर नहीं ... ;)

सादर !

Tamasha-E-Zindagi ने कहा…

शिवम् भाई इग्नोर करें :)...

वसुन्धरा पाण्डेय ने कहा…

शुक्रिया तुषार जी ...बुलेटिन पर अपनी अदद सी रचना को देख हर्षित और बिह्वल हूँ...आपने इस लायक समझा आभारी हूँ आपकी...बहुत बहुत धन्यवाद...
साथ ही सभी पोस्ट बहुत ही सुन्दर और भावमय हैं...
एक बार फिर से आभार...!!

http://bal-kishor.blogspot.com/ ने कहा…

Dhanyavad tushar ji blog bulletin par meri bal kahani 'swad me kya rakha hai' dalane ke liye .
'jeevan ke satya anubhav 'yah vah sutra hai jinhe ham sab janate hai par samay samay par yad karate rahane ki jarurat bhi hai'dhanyvad

sushila ने कहा…

जीवन के अनुभव हमें बहुत कुछ सिखाते हैं किंतु हम हैं कि जल्दी ही भूल जाते हैं....स्मरण करते/कराते रहना आवश्यक है।
बढ़िया बुलेटिन के लिए बधाई !

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