आदरणीय मित्रों,
सादर प्रणाम,
एक नई कविता आपके सम्मुख प्रस्तुत कर रहा हूँ | आशा करता हूँ आपकी सराहना प्राप्त होगी |
ऐ वादियों
मैं तुम से पूछता हूँ
झरनों में भी देखता हूँ
ये नयन न जाने
किसे खोजते हैं
किसकी सज़ा है
ये किसकी सज़ा है
प्रभाकर जब आएगा
चमक उठेगा मन
डोल उठेगी आत्मा
पर्वतों पर कूदती
झरनों को लूटती
रौशनी समेटे
तब
दूंगा अंधियारे को सज़ा
किसकी सज़ा है
ये किसकी सज़ा है
-----------------------------------
आज की बुलेटिन
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इंडियन इंडिपेंडेस लीग के जनक : रासबिहारी बोस - शिवम् मिश्रा
तेरा चाहने वाला - मधु सिंह
बेटी का जन्म :हाइकू - राजेंद्र कुमार
सूफ़ी - ताबिश 'शोह्दाह' जावेद
अपना कर्त्तव्य - मुकेश पंजियार
जिससे बिछड़ना था मैं उसी के शहर में था - राज कानपुरी
पिंजरें में कैद पंछी - कमलेश भट्ट कमल
माँ - आनंद विक्रम त्रिपाठी
मेरी किताब रूठ गई - श्रीराम रॉय
तुम मुझसे मिलने आ जाओ - दीपक चौबे
अमर कर दूँ तुझे कुछ इस तरह मैं - सौरभ शेखर
मैं तनहा नहीं हूँ - हेमंत कुमार दुबे
उम्मीद है आज का बुलेटिन पसंद आएगा । धन्यवाद्
सादर प्रणाम,
एक नई कविता आपके सम्मुख प्रस्तुत कर रहा हूँ | आशा करता हूँ आपकी सराहना प्राप्त होगी |
ऐ वादियों
मैं तुम से पूछता हूँ
झरनों में भी देखता हूँ
ये नयन न जाने
किसे खोजते हैं
किसकी सज़ा है
ये किसकी सज़ा है
प्रभाकर जब आएगा
चमक उठेगा मन
डोल उठेगी आत्मा
पर्वतों पर कूदती
झरनों को लूटती
रौशनी समेटे
तब
दूंगा अंधियारे को सज़ा
किसकी सज़ा है
ये किसकी सज़ा है
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आज की बुलेटिन
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इंडियन इंडिपेंडेस लीग के जनक : रासबिहारी बोस - शिवम् मिश्रा
तेरा चाहने वाला - मधु सिंह
बेटी का जन्म :हाइकू - राजेंद्र कुमार
सूफ़ी - ताबिश 'शोह्दाह' जावेद
अपना कर्त्तव्य - मुकेश पंजियार
जिससे बिछड़ना था मैं उसी के शहर में था - राज कानपुरी
पिंजरें में कैद पंछी - कमलेश भट्ट कमल
माँ - आनंद विक्रम त्रिपाठी
मेरी किताब रूठ गई - श्रीराम रॉय
तुम मुझसे मिलने आ जाओ - दीपक चौबे
अमर कर दूँ तुझे कुछ इस तरह मैं - सौरभ शेखर
मैं तनहा नहीं हूँ - हेमंत कुमार दुबे
उम्मीद है आज का बुलेटिन पसंद आएगा । धन्यवाद्
तुषार राज रस्तोगी
जय बजरंगबली महाराज | हर हर महादेव शंभू | जय श्री राम
10 टिप्पणियाँ:
बेहद सार्थक कविता और उम्दा लिंक्स, आभार.
रामराम.
सार्थक कविता है। लिंक्स देखता हूँ..
बहुत ही सार्थक कविता के साथ पठनीय लिंक्स.
bahut acchhi hai prastuti........badhiya links ....
वाह तुषार भाई ... बेहद उम्दा रचना ... और बढ़िया लिंक्स ... इतने दिनों की कमी पूरी कर दी आपने !
बेहद अच्छी कविता उम्दा लिंक्स.......
शुक्रिया साहिबान कद्रदान | आप सभी मेहरबानो का तहेदिल से आभार |
बहुत बेहतरीन सुंदर रचना,,,के साथ पठनीय लिंक्स ,,,
RECENT POST : बेटियाँ,
bahut sundar links,behatareen sanyojan
रोचक और सुन्दर सूत्र..
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