Subscribe:

Ads 468x60px

कुल पेज दृश्य

मंगलवार, 6 नवंबर 2012

देशी एजुकेशन बेकार, विदेशी यूनिवर्सिटी लाओ, परेशान सन ऑफ सरदार

पहले राहुल गांधी ने पॉलिटिकल सिस्‍टम को खराब बताया और अब हाल ही में मानव संसाधन राज्‍य मंत्री बने शशि थरूर ने एजुकेशन सिस्‍टम को बेकार बताते हुए फॉरेन यूनिवर्सिटीज को मौका देने की बात कही है। इन्‍हें कौन बताए केंद्र में इन्‍हीं की कांग्रेस पार्टी का राज है, सबसे ज्‍यादा देश में कांग्रेस का ही शासन रहा है तो इस खराब सिस्‍टम का जिम्‍मेदार कौन है और इसे कौन सुधारेगा?

बड़े पर्दे पर वेश्याओं की नजाकत
वेश्याओं ने भी अपनी अदाओं से दिलों को लूटा है या दिलों को आवारा बनाकर छोड़ा है. कहते हैं कि जब एक वेश्या नजाकत से बात करती है तो वो नजाकत सीधे दिल पर वार करती है. ऐसी ही कुछ अदा हिन्दी सिनेमा में दिखती है जब उमराव जान, चमेली, चांदनीबार जैसी फिल्मों में रेखा, ऐश्वर्या राय, करीना कपूर और तब्बू जैसी अभिनेत्रियों ने अपनी अदाओं से हजारों दर्शकों को अपना कायल बना दिया. बदलते समय के साथ हिन्दी सिनेमा में वेश्या के किरदारों की अदाएं भी बदली हैं जैसे उमराव जान में रेखा ने जिस नजाकत से काम किया वो नजाकत चमेली या फिर चांदनीबार जैसी फिल्मों में देखने को नहीं मिलती है. More


‘बदलते समय के साथ बदलना जरूरी’
बदलते समय के साथ स्वयं को बदल देने में ही भलाई होती है. समय का पहिया घूमता रहता है. एक समय था जब सास-ससुर चाहते थे कि उनकी बहू पढ़ी-लिखी हो, शिक्षित हो. ऐसे में घर में एक अच्छा माहौल तो बना ही रहता था, पर जब बेटा-बहू शिक्षित हों और सास- ससुर कम पढ़े-लिखे हो तो कई दिक्कते भी आती थीं. कभी बहू सास-ससुर का शोषण करने लगती थी तो कभी शिक्षा के अभाव में सास ससुर द्वारा बहू को सताया जाता था. More

मोदी के साथ यात्रा में जो देखा!
मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी विवेकानंद युवा विकास यात्रा लेकर गुजरात के गांवों में घूमे। कभी उत्तरी गुजरात, तो कभी दक्षिण गुजरात, तो कभी सौराष्ट्र। जी हां, सौराष्ट्र जहां इस बार कई मुद्दे ऐसे हैं जो साल के आखिर में होने वाले चुनाव में मोदी सरकार के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी कर सकते हैं। हमने भी उन इलाकों का दौरा किया और जानने की कोशिश की कि क्या मोदी का करिश्मा या जादू अभी भी बरकरार है या उसमें कोई कमी आई है? गुजरात का सौराष्ट्र सात जिलों से बना वो इलाका है जो गुजरात की राजनीति की दशा और दिशा तय करता है इसलिए कोई भी राजनीतिक दल या कहें नेता सौराष्ट्र के अस्तित्व को नजरअंदाज नहीं कर सकता और अगर किया तो इसका राजनीतिक नुकसान तय माना जाता है।  More

देशप्रेमी मच्छर!
एक मच्छर आदमी को ...बना देता है ,बड़ा ही कामयाब डायलाग ! मच्छर के इन गुणों का लाभ हमारी सरकारों ने कभी नहीं लिया ,बस उनके उन्मूलन के लिए कंट्रोल प्रोग्राम चलाये और करोड़ों रुपये खर्च डाले ,लेकिन भला हो उन मच्छरों का उन्होंने भी ख़त्म होने का नाम ही नहीं लिया ,क्या आम और क्या ख़ास किसी को भी नहीं छोड़ा ,कभी मलेरिया तो कभी डेंगू के रूप में  सामने आकर अपने होने का एहसास कराता रहा, More

देश के भ्रष्ट लोगों की आंखों में चमक साफ दिख रही है। उन्हें लग रहा है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू हुई मुहिम का रंग फीका पड़ चुका है। लड़ाकों में फूट पड़ गई है। रिटायर्ड जनरल वीके सिंह टीम अन्ना में शामिल हो गए हैं तो इन भ्रष्टाचारियों लोगों को लग रहा है कि अब टीम अन्ना का पूरा ध्यान अरविंद केजरीवाल और उनकी टीम को पीछे छोड़ने में होगा, और ऐसा करके ये लोग एक दूसरे को ही काटेंगे। सोमवार को जनरल सिंह ने टीम अन्ना के साथ आने का ऐलान किया। इससे आंदोलन और ज्यादा ताकतवर होगा। अपनी रिटायरमेंट से ठीक पहले वह उम्र विवाद को लेकर सरकार से उलझ गए थे और एक तरह से उनकी हार हुई थी। More>>

'जब तक है जान' से परेशान 'सन ऑफ सरदार'
हर दीवाली सिने प्रेमियों के लिए दो बड़ी फिल्‍में रिलीज होती हैं। इस बार भी ऐसा ही कुछ होने जा रहा है, लेकिन इस बार फिल्‍म रिलीज को लेकर विवाद सा खड़ा हो गया है, क्‍यूंकि यशराज बैनर्स ने महानगरों के बड़े सिनेमा घरों पर पहले से बुकिंग कर ली, जिसके चलते सन ऑफ सरदार के रास्‍ते में मुश्किलें खड़ी हो गई। More>>

6 टिप्पणियाँ:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

रोचक..

अजय कुमार झा ने कहा…

वाह नया अंदाज़ और रोचक प्रस्तुति के लिए कुलवंत भाई का शुक्रिया । अच्छी पोस्टें ।

शिवम् मिश्रा ने कहा…

अक्ल के अंधे है सब के सब ... जो मन मे आया बक दिया ... मालूम है ... प्रवक्ता तो बैठे ही है रफू करने को !

बढ़िया लिंक्स कुलवंत भाई ... आभार !

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…

Mast heading ! Pareshan son ho sardar ...ha.ha.ha.

कविता रावत ने कहा…

...सिस्टम के अंग भी वही सिस्टम भी वही है ...फिर कौन ख़राब है सब जानते ..फिर भी वे तो बोलने के लिए है ....हम जनता सुनने के लिए जो हैं ... बहुत बढ़िया ...खूब सुना दी खरी खरी ..

रश्मि प्रभा... ने कहा…

एक एक लिंक्स चुन चुन के ...

एक टिप्पणी भेजें

बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!

लेखागार