ई जो हमरे सिवम बाबू हैं ना, जब कोनो हाफ सेंचुरी, सेंचुरी, चाहे डेढ़ सेंचुरी वाला बुलेटिन का पारी आता है, त हमको पकड़ा देते हैं, लिखने के लिए. इनको पता है कि हम ना नहिंये बोलेंगे. बाकी जब कोनो ज्वलंत मुद्दा होता है त हमको कहियो नहीं कहेंगे. अब जाने दीजिए, बड़प्पन का बहुत सा नोकसान में एगो इहो नोकसान है कि छोटा भाई लोग का बात मानिए लेना पड़ता है. त चलिए हमहूँ हाजिर हैं एकाध ठो ताजा खबर के साथ आज का डेढ़ सौवाँ बुलेटिन लेकर. बिहारी बाबू एम्.पी (महा पकाऊ- एम्.पी. माने हर घड़ी सचिन नहीं होता है)
बॉलीवुड अभिनेत्री जोहरा सहगल ने नई दिल्ली में शुक्रवार, 27 अप्रैल को कुछ इस तरह केक काटकर अपना सौवां जन्मदिन मनाया। (चित्र जागरण से साभार )
सबसे पहिले बात करते हैं सेंचुरी का... का बोले.. सचिन का बारे में. दुर्र, सेंचुरी माने हर घड़ी सचिन नहीं होता है. आज त सेंचुरी के नाम पर जिनको हम इयाद कर रहे हैं उनका पैर छूने का मन करता है. आज सौ साल का उम्र हो गया महान कलाकार जोहरा सहगल का. आझो उनको याद करते हैं त उनका ओही सरारत भरा आँख याद आता है और खूबसूरत आवाज़. हिन्दी, अंग्रेज़ी अऊर उर्दू पर एक समान महारत... जेतना अच्छा कलाकार, ओतने माहिर नर्तकी. अब नृत्य और उदय शंकर जी का नाम के साथ जब इनका नाम जुट जाए त आप अंदाजा लगा सकते हैं कि बस संगम का पबित्रता इस्टेज पर बिखर जाता है. ख्वाजा अहमद अब्बास साहब अऊर चेतन आनंद जी के साथ फिल्म का सुरुआत, इप्टा का सम्बन्ध, एक तरफ १९४६ का धरती के लाल और नीचा नगर, दूसरा तरफ चीनी कम और सांवरिया सन २००७ में.. बीच में बहुत सा हिन्दी अंग्रेज़ी सिनेमा, रंगमंच और टीवी. पद्मविभूषण (२०१० में), संगीत नाटक आकादमी का फेलोशिप (२००४ में) अऊर २००१ में कालिदास सम्मान.. बस एतना काफी है उनके बारे में कहने के लिए. हैप्पी बर्थ डे!! आपको परमात्मा अऊर लंबा उम्र दे!! लीजिये आपो पढ़िये ... अभी तो मैं जवान हूँ ... अभी तो मैं जवान हूँ - जोहरा सहगल के 100 वे जन्मदिन पर विशेष
चलिए अब तनी पार्लियामेंट का बात करते हैं... ताजा ताजा बात है... का बोले.. सचिन का बारे में. दुर्र, अरे ताजा एम्.पी. माने हर घड़ी सचिन नहीं होता है भाई! आज त रेखा जी के बारे में बतियाने का मन है. रेखा गनेसन, राज्य सभा में मनोनीत एम्.पी. अब जाकर हमरा बचपन का सपना पूरा हुआ. अरे एतना आँख तरेर कर काहे देख रहे हैं. बचपन से सुनते आ रहे हैंनिरमा, निरमा, वासिंग पाउडर निरमा,रेखा, हेमा, जया अऊर सुसमा!आज जाकर रेखा जी के आने से ई गनवा सच हुआ है. सब लोग बोलता है कि संसद में सब दूध का धुला नहीं होता है. अब ई चारों के आ जाने से का जाने दूध सा सफेदी आइये जाए! नहीं त काजल के कोठरी में से त देस का जनता एगो रोसनी का उम्मीद लगाए बैठले है.अब आप लोग लिंक संभालिए अऊर घूमिये तनी ब्लॉगे-ब्लॉग. भाई हमनी का डेढ़ सौवाँ बुलेटिन है. पूरा टीम को बधाई अऊर पढ़ने वाला लोग को धन्यवाद! ले बलैय्या, सचिन के बारे में हम कहबे नहीं किये! दुर्र हर बुलेटिन का माने सचिन थोडो न होता है!
**************
आज निकली है धूपबहुत अरसे बादसोचती हूँनिकलूँ बाहरसमेट लूं जल्दी जल्दीकर लूं कोटा पूरा
भैया ,रामसहारे जी।
क्यों हो हारे--हारे जी
क्यों तन्हा बेचारे जी।
सोचो रामसहारे जी
ऐसे दीपक को बुझाये क्या हवा -तूफां में भी जो सदा जलता रहा ।
हृदय-देहरी पर , हथेली ने ढकामुश्किलों का दौर यूं टलता रहा ।
माँ बाप कई प्रकार के होते हैं। एक वे जो बच्चों की उद्दंडता को प्रोत्साहित करते हैं जबकि एक प्रकार वह भी है जो अपने बच्चे की ग़लती होने पर खुद भी शर्मिन्दा होकर क्षमायाचना करते हैं। एक माता पिता बच्चों के पढाई में ध्यान न देने पर उन्हें डराते हैं कि पढोगे नहीं तो घास काटनी पड़ेगी।
मेरे अंदर का बच्चा
क्यूँ करता है तंग
अंदर ही अंदर करता है हुड़दंग ।
मैंने सीताफल बाईक की डिक्की में रखा और उसे बीस का नोट दिया। उसने नोट को अपनी जेब में डाला और उसके बाद उसी हाथ से दूसरी तरफ की जेब में से एक का सिक्का निकालने की कोशिश करने लगा। दूसरा हाथ कोहनी के ऊपर से ही कटा हुआ था।
देश-वेश और जाति, धर्म का, मन में कुछ भी भेद नहीं।भोग लिया जीवन सारा, अब मर जाने का खेद नहीं।।
शब्दों के अरण्य मेंविचारों की गोष्ठी होती हैसुख दुःख आलोचना समालोचनाप्यार नफरत ...
"ए पगली, नींद आ रही है क्या ??? सर सहला दूं... ?""हम्म्म्म....."".... आओ, चलो सो जाओ.. !!!""अच्छा एक बात बताओ, तुम्हारा हाथ दर्द नहीं करता ??? यूँ घंटों मेरा सर सहलाते रहते हो, खुद तो एक मिनट के लिए भी नहीं सोते.... !!!"
कभी कभी यूँ ही मैं ,
अपनी ज़िन्दगी के बेशुमार
कमरों से गुजरती हुई ,
अचानक ही ठहर जाती हूँ ,
जब कोई एक पल , मुझे
तेरी याद दिला जाता है !!!
मानवीय रिश्ते एक-दूसरे के पूरक होते हैं। हर पल हमें एक-दूसरे की आवश्यकता रहती है। लेकिन कभी ऐसा लगता है कि फला व्यक्ति हमें यूज कर रहा है। अर्थात हमारा उपयोग अपने स्वार्थपूर्ति के लिए कर रहा है। कई बार इस सत्य को आप जानते भी हैं लेकिन फिर भी आप यूज होते हैं।
अब आप लोग एन्जॉय कीजिये.. आनंद लीजिए.. हम एम्.पी. हैं मगर ई लिंक में जेतना पोस्ट है, उसमें से कोनो एम्.पी. नहीं हैं. पढ़िए और देखिये!!! हम चले!!!
जय राम जी की!
शनिवार, 28 अप्रैल 2012
सलिल बिहारी, एम्.पी. के तरफ से डेढ़ सौवाँ - ब्लॉग बुलेटिन
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33 टिप्पणियाँ:
150वीं पोस्ट, गजब होस्ट
बेहतरीन रचना, टिप्पणी से मुश्िकल बचना
एक लिंक मैं भी छोड़ रहा हूं
'सचिन' की जगह 'आमिर' होता
http://www.yuvarocks.com/2012/04/blog-post_4336.html
न मैं आमिर का प्रसंशक नहीं हूं, और न सचिन का आलोचक। मगर कल जब अचानक राज्य सभा सांसद के लिए सचिन का नाम सामने आया तो हैरानी हुई, यह हैरानी मुझे ही नहीं, बल्कि बहुत से लोगों को हुई, केवल सचिन के दीवानों को छोड़कर।
150वीं पोस्ट के लिए बहुत-बहुत बधाई..
सलिल जी,..कमाल की लिंक प्रस्तुति,..१५० वी ब्लॉग बुलेटिन पोस्ट प्रस्तुति करने के लिए आपको बधाई,..
MY RESENT POST .....आगे कोई मोड नही ....
....बहुत उम्दा रिपोर्टिंग रही सलिल बाबू की !
मगर ई वही अपने सलिल वर्मा जी हैं ना ??
एकदम अलगे अंदाज़ में बुलेटिन पेस किए है, ऐसा लगा जैसे अब आप सलिल कुमार वर्मा से प्रादेसिक समाचा्र सुनिए स्टाइल में।
डेढ सौ का बधाई, डेढ हजार का सुभकामना।
@चंचल जी आप को कौन से सलिल वर्मा जी की तलाश है ??
सलिल दादा की जय हो ... बस ऐसे ही आप अपना आशीर्वाद और सहयोग दिये रहिए ... फिर देखिये बहुत ही जल्द 1500 वी पोस्ट भी आप ही तैयार करेंगे !
पूरी बुलेटिन टीम और सभी पाठको को ब्लॉग बुलेटिन की इस उपलब्धि पर बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनायें !
बढ़िया बुलेटिन .....
१५० वीं पोस्ट की बधाई.............
मज़ा आया पढ़ कर................
सलिल दादा की जय हो!!!
:-)
सादर.
स्पाम की जय हो..........
हमारी टिप्पणी लील गया.....
बहुत खूबसूरत बुलेटिन सजाया है।
लेकिन जब डेढ़ इंच मुस्कान पसर जाता है पढ़ते पढ़ते त पता चल जाता है कि इसका मतलब चला बिहारी भाई हैं .... अब भाई हीरो त आप होइए गए हैं ... कुछो लिखिए , नुक्सान का त सवाले नहीं है . लिंकों सब कितना बढ़िया लाए हैं , हमरो याद रखे हैं त आसिरवाद त मिलबे करेगा न .... इ लो आसिरवाद आ खुस हो जाइये दीदी से ...
आ सिवम भाई सुन्ना का कमी है हरि १५०० तक गए , ऐसे लिखिए १५००००००००००००००००००००००००००००००००००००००
अब रश्मि दी हम को मालूम था आप कोई ऐसा रास्ता निकाल ही देंगी कि मामला १५०००००००००००००००००००००००००००००००००००००० तक पहुँच ही जाये ... हम तो केवल सलिल दादा को थोड़ा आराम देने के लिए केवल १५०० लिखे ताकि वो इतना वर्क लोड देख कर परेशान न हो ... ;-)
पता है भाई .... ये तो मेरी कामना है
वाह बधाई
बहुत सुंदर बुलेटिन...
१५० वीं पोस्ट की बधाई.
सुन्दर बुलेटिन
सलिल जी,..बेहतरीन लिंक प्रस्तुति,..१५० वी ब्लॉग बुलेटिन पोस्ट की बधाई
heheheh! bade bhaiaya ka bhi jabab nahi hain... subhe me dekhe blog par pahle ee sab link bhi ta dekhna parta:)) jai ho bade bhaiya:)
aur badhai to chalta rahega:)
१०० वीं वर्षगाँठ का यह अन्दाज तो भा गया।
बेहतरीन सर बेहतरीन । मिसर जी मौका पे चौका मारने में महारत हासिल किए हुए हैं ..बहुत ही बढियां किए तो आपको जिम्मेदारी थमा दिए सर । चलिए अब बढाते चलिए इस कारवां को
150वीं पोस्ट की बधाई। इस अवसर पर सलिल जी के आगमन का स्वागत है। सुन्दर चर्चा, सुन्दर कड़ियाँ, आभार!
रश्मि प्रभा... ने कहा…
लेकिन जब डेढ़ इंच मुस्कान पसर जाता है पढ़ते पढ़ते त पता चल जाता है कि इसका मतलब चला बिहारी भाई हैं .... अब भाई हीरो त आप होइए गए हैं ... कुछो लिखिए , नुक्सान का त सवाले नहीं है . लिंकों सब कितना बढ़िया लाए हैं , हमरो याद रखे हैं त आसिरवाद त मिलबे करेगा न .... इ लो आसिरवाद आ खुस हो जाइये दीदी से ...
आ सिवम भाई सुन्ना का कमी है हरि १५०० तक गए , ऐसे लिखिए १५००००००००००००००००००००००००००००००००००००००
isse achchha dusara to hobe naahi karataa aur meri bhi shubhkaamnaayen shaamil hai..... :)
शुभकामनयें ||
शुभकामनाएँ ||
१५० से सुरू किये थे.. बड़ा लोग १५० पर का मालूम केतना सुन्ना लगाकर कहाँ से कहाँ पहुंचा दिए.. कहे ना, ई सब आप लोग का प्यार अऊर आसीरबाद है कि ई बुलेटिन आज लोकप्रियता के नया नया ऊंचाई पर पहुँच रहा है.. बस एक्के अफ़सोस है कि प्रवीण पाण्डे जी जइसा स्थापित अऊर ज्ञानी ब्यक्ति बुलेटिन को बैक गियर में १०० पर ले गए!! चलिए ओहीं से सुरू करते हैं, ऊ एगो मकड़ी का खिस्सा था न कि ऊपर चढ़कर नीचे गिर जाता था, मगर फिर से हिम्मत करके आगे बढ़ता था.. अंत में सिखर पर पहुँच गया!!
सिवम बाबू जब फिर से दोहरा कर डेढ़ सौ आएगा त हम बुलेटिन लेकर फिर हाजिर होंगे!! तब तक आसीरबाद बनाए रखिये, प्रेम बरसाते रहिये!!
@ सलिल दादा ... काहे गज़ब कर रहे है महाराज ... प्रवीण पाण्डे जी जइसा स्थापित अऊर ज्ञानी ब्यक्ति भला गलती कैसे कर सकता है ... मुझे यकीन है वो अपने कमेन्ट मे हो न हो ज़ोहरा सहगल जी के चित्र का ही जिक्र कर रहे होंगे जिस मे ज़ोहरा जी बड़े भी कातिलाना अंदाज़ मे अपने जन्मदिन का केक काटने की तैयारी मे दिख रही है !
गज्जब बुलेटिन लिखे सलिल दादा... एकदम चकाचक...
डेढे सौ न हुआ है... अभी त सचिन के दोहरा शतक फ़ेर लारा का ऊ चार सौ नाट आऊट का रिकार्ड भी तोडना है न....
जै हो....
आपके ब्लाग से मुझे बहुत सारी अच्छी रचनाएं पढने मिलतीं हैं ।आगे आने से कतराने वालों को भी आप बरबस आगे ला रहे हैं यह बडी बात है ।
100वीं वर्षगाठ और 15oवीं पोस्ट... एक साथ दोनों की शुभकामनाएँ! एकदम लल्लन टॉप बुलेटिन भाई भय्या!!!!!!
ज़ोहरा के जौहर देखे! इस उम्र में भी ये जलवा! माशाल्लाह अभी भी खूब जवान है...और आपकी प्रस्तुति भी ज़ोहरा सी दमदार।
रोचक अंदाज़ में 150वीं बुलेटिन पेश करने की बहुत शुभकामनाएं !
रोचकता से भरपूर 150वीं बुलेटिन ... बधाई सहित शुभकामनाएं
रोचक प्रस्तुति!
१५० वी ब्लॉग बुलेटिन प्रस्तुति करने के लिएशु भकामनाएं!!
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बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!