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गुरुवार, 5 अप्रैल 2012

कब तक अस्तिनो में सांप पालते रहेंगे ?? - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रो ,
प्रणाम !

क्या आप अपने दुश्मनों की सूची ऑनलाइन बनाकर रखना चाहते हैं? अगर हां, तो आपकी यह इच्छा भी सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर पूरी हो सकती है। साइट पर एक एप्लीकेशन की मदद से दुश्मनों की भी सूची बनाई जा सकती है।
फेसबुक यूजर्स मुफ्त में उपलब्ध एनेमीग्राफ नामक एप्लीकेशन के जरिए अपने दुश्मनों की सूची अपने अकाउंट से जोड़ सकते हैं। इतना नहीं फेसबुक पर मौजूद किसी उत्पाद, व्यक्ति अथवा कंपनी के खिलाफ वॉर की घोषणा भी कर सकते हैं। ब्रिटिश अखबार डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक जैसे ही आप किसी को शत्रु घोषित करते हैं वह आपके अकाउंट में शत्रु सूची में दिखाई देगा। इस एप्लीकेशन का प्रयोग करने वाले अन्य लोगों को भी यह सूची दिखाई देगी। इस एप्लीकेशन को बनाने वाले डलास स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के डीन टेरी ने इस सुविधा को सोशल मीडिया ब्लैसफेमी करार दिया है। उन्होंने आशंका जताई है कि फेसबुक इसे हटा भी सकता है। उल्लेखनीय है कि 30 लाख से अधिक लोगों द्वारा हस्ताक्षरित एक याचिका में फेसबुक में अनलाइक बटन उपलब्ध कराने की मांग की गई है, लेकिन अभी तक सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट इसे उपलब्ध नहीं करा सकी है। टेरी ने कहा, अधिकांश सोशल नेटवर्क लोगों को अपनापन के आधार पर जोड़ने का प्रयास करते हैं। अब लोग उन चीजों से भी जुड़ सकेंगे जिसे वे नापसंद करते हैं। कुछ लोगों ने इसके गलत प्रयोग के बारे में पूछा है। हम इस सुविधा के गलत प्रयोग को लेकर कड़ाई से निगरानी रखेंगे। उन्होंने बताया कि सोशल साइट की शुरुआत होने के बाद से ही उनके दिमाग में दोस्तों की तरह दुश्मनों की भी सूची बनाने का ख्याल आया था। अब उनका यह सपना साकार हो गया है। 
तो तैयार हो जाइये हो सकता है आपकी दोस्तों की सूची में भी बहुत से ऐसे लोग हो जो आपके दोस्त होते हुए भी किसी दुश्मन से कम नहीं ... बना लीजिये उनकी भी एक सूची ... और हो जाने दीजिये एक यलगार ! कम से कम यह खुल कर पता तो रहे कौन दोस्त है और कौन दुश्मन ... कब तक अस्तिनो में सांप पालते रहेंगे ??

सादर आपका 

शिवम् मिश्रा

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posted by shikha varshney at स्पंदन SPANDAN
"आज मैंने घर में मंचूरियन बनाया बहुत अच्छा बना है.सबने बहुत तारीफ़ की." "कल हम घूमने जा रहे हैं. बहुत दिनों बाद.बहुत मजा आएगा." "किसी नज़र को तेरा इंतज़ार आज भी है, आ जा पूरी छोलों के साथ प्याज भी है."
posted by anju(anu) choudhary at अपनों का साथ 
आज कल मैंने बहुत बिज़ी हूँ किस काम में ? जानना चाहते हैं आप ..तो पढ़िए ....(एक हास्य जो सच में रसोई में काम करते करते ये ख्याल आ गया ...कि अगर कभी कुछ ऐसा हो जाए तो ??...मेरा क्या होगा ??????? हा हा हा हा...

posted by Ravishankar Shrivastava at छींटे और बौछारें
[image: image] जैसे पश्चिम में ब्लॉड चुटकुले प्रसिद्ध हैं, ठीक उसी तरह भारतीयों में संता-बंता के चुटकुले प्रसिद्ध हैं. चुटकुले संता-बंता से शुरू होते हैं तो खत्म भी वहीं होते हैं. सरदारजी पर और या संता...

posted by नवीन प्रकाश at Hindi Tech - तकनीक हिंदी में
ब्लॉगर ने दो नए विजेट जारी किये है, ये दोनों विजेट वैसे तो गूगल प्लस से सम्बंधित हैं पर ब्लॉगर के लिए कुछ अन्य कारणों से भी उपयोगी हैं । पहला विजेट है +1 Button ये आपके ब्लॉग पोस्ट और गूगल पल्स के बीच ...

posted by Khushdeep Sehgal at देशनामा 
​​बोल्डनेस को लेकर ब्लाग-जगत का माहौल उबाल पर है...दैहिक रिश्तों के विमर्श से अलग कुछ कूल-कूल बातें करना ज़रूरी है...ऐसे में लाफ्टर की डोज़ से बढ़िया और क्या रास्ता है...​ ​​ ​*आदम और हव्वा की ...

posted by Maheshwari kaneri at अभिव्यंजना 
*अभिव्यंजना का जन्मदिन * आज मेरी अभिव्यंजना का जन्मदिन है । वह आज पूरे एक वर्ष की हो गई है।पिछले वर्ष ४ अप्रेल २०११ को ब्लांग जगत में मैंने उसे जन्म दिया और बड़े प्यार से उसका नाम रखा “अभिव्यंजना” ।आप सब क...
posted by मनोज कुमार at मनोज 
*स्मृति शिखर से... 12* *वे लोग, भाग - 4* *[image: _MG_0281_thumb[3]_thumb]करण समस्तीपुरी* शहर की उप्लब्धियों को मैं सलाम करता हूँ किन्तु यह कहूँ कि गाँव में उर्वरता अधिक होती है तो आपलोग भी सहमत हों...

posted by Atul Shrivastava at अंदाज ए मेरा 
दस साल का अनिकत पुलिस की वरदी में आज बरबस ही निदा फाजली साहब के गजल की चंद पंक्तियां जेहन में आ गईं। पंक्तियां थीं, *‘’घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो, * *यूँ कर लें, * *किसी रोते हुए बच्चे को हँसाया ...

posted by संगीता तोमर Sangeeta Tomar at कलम घिस्सी 
नवीन अपने माता-पिता से मिलकर अपनी गर्भवती पत्नी के साथ वृद्धाश्रम से वापस घर को चल दिया. उसके माता-पिता नम आँखों से अपने बेटे व बहू को जाते हुए देख रहे थे.व्यस्त दिनचर्या के कारण नवीन के पास अपन...

posted by गगन शर्मा, कुछ अलग सा at कुछ अलग सा 
*तब **कलकत्ता, कलकत्ता ही हुआ करता था. कोलकाता नहीं. * बंगाल का दिल कलकत्ता और कलकत्ते का दिल धर्मतल्ला यानि चौरंगी यानि एसप्लेनेड। धर्मतल्ला नाम कुछ अजीब सा है खासकर इस बात को मद्देनज़र रखते हुए कि द...

posted by डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण) at उच्चारण
*मेरा बस्ता कितना भारी।* *बोझ उठाना है लाचारी।।** * *मेरा तो नन्हा सा मन है।* *छोटी बुद्धि दुर्बल तन है।।* * * *पढ़नी पड़ती सारी पुस्तक।* *थक जाता है मेरा मस्तक।।* * * *रोज-रोज विद्यालय जाना।* *बड़ा कठिन ...


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अब केवल हैडलाइन्स :- 






















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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिंद !!

26 टिप्पणियाँ:

shikha varshney ने कहा…

बढ़िया.. एफ बी पर एक काम और बढ़ेगा ..दुश्मन बनाने का :)
जबर्दास्त्त लिंक्स के साथ बढ़िया बुलेटिन.

ऋता शेखर 'मधु' ने कहा…

दुश्मनों की सूची...ः)बढ़िया जानकारी|
अच्छे लिंक्स से सजा ब्लॉग बुलेटिन.

Anupama Tripathi ने कहा…

बढ़िया बुलेटिन ...
जय हिंद ...!!

कडुवासच ने कहा…

bahut badhiyaa ...

कडुवासच ने कहा…

अब केवल हैडलाइन्स :- / bahut khoob ...

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार ने कहा…




खुल कर पता तो रहे कौन दोस्त है और कौन दुश्मन ... !
रोचक !


बंधुवर आदरणीय शिवम् मिश्रा जी
सस्नेहाभिवादन !

लिंक्‍स का संयोजन भी बहुत बढि़या किया है आपने ...आभार !
खूबसूरत ब्लॉग बुलेटिन ।


शुभकामनाओं-मंगलकामनाओं सहित…
- राजेन्द्र स्वर्णकार

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

खुल कर विचारों का इजहार कहां सब कर पाते हैं। यही वजह है कि सांप आस्तीन तक पहुंच जाते हैं।

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

खुल कर विचारों का इजहार कहां सब कर पाते हैं। यही वजह है कि सांप आस्तीन तक पहुंच जाते हैं।

रश्मि प्रभा... ने कहा…

सारे लिंक्स प्रशंसनीय हैं ...

Ayaz ahmad ने कहा…

Nice.
Matching post-
http://drayazahmad.blogspot.in/2012/04/blog-post_05.html

Ayaz ahmad ने कहा…

Nice.
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Ayaz ahmad ने कहा…

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Atul Shrivastava ने कहा…

बढिया बुलेटिन।
मेरी पोस्‍ट को शामिल करने के लिए शुक्रिया।

वाणी गीत ने कहा…

जिनके दोस्त ही दुश्मनों का काम कर दें , वे कैसे बनायेंगे दुश्मनों की सूची !!
अच्छे लिंक्स !

Maheshwari kaneri ने कहा…

लिंक्‍स का संयोजन बहुत बढि़या है..शिवम जी..मेरी अभिव्यंजना को शामिल करने के लिए आभार..

vandana gupta ने कहा…

बहुत सुन्दर लिंक संयोजन ……॥बढिया बुलेटिन

Sawai Singh Rajpurohit ने कहा…

एक ब्लॉग सबका को शामिल करने के लिए आभार..
http://apnaauraapkablog.blogspot.in/2012/04/blog-post_04.html

मनोज कुमार ने कहा…

आज की बुलेटिन में आपने हर रंग को पकड़ा है। काफ़ी विस्तृत चर्चा। काफ़ी लिंक्स छूटे हैं। जाता हूं एक-एक कर।

दिगम्बर नासवा ने कहा…

दुश्मनों की ऑनलाइन सूची ... नया विषय है सोच का ...
बहुत ही विस्तृत चर्चा ... शुक्रिया मुझे भी आज शामिल करने का ...

DR. ANWER JAMAL ने कहा…

Good job.

पूर्ण जानकारी के अभाव मे ऐसी गल्तियाँ होती हैं बाकी मनोज कुमार जी से सहमत ।
http://blogkikhabren.blogspot.com/2012/04/manu-means-adam.html

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

पठनीय बुलेटिन, कई दिनों की खुराक हो गयी है।

Kulwant Happy ने कहा…

एक दम बढ़िया

चला बिहारी ब्लॉगर बनने ने कहा…

दोस्ती जब किसी से की जाए,
दुश्मनों की भी राय ली जाए!
शायद मुझे नहीं ज़रूरत होगी ऐसी लिस्ट बनाने की.. मगर हाँ जानकारी शानदार है!!

सुज्ञ ने कहा…

बहुत ही सुन्दर भाव और लिंक संजोए है

Bestoffer ने कहा…

अच्छे लिंक हे ! मेरे तकनिकी ब्लॉग पर भी पधारे ! और कोई पोस्ट अगर आपको पसंद आये तो उसे भी ब्लॉग बुलेटिन में सामिल करे !

मेरे ब्लॉग पर पधारने के लिए निचे क्लिक करे
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