प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
प्रणाम |
वो मोर मुकुट, वो है नंद लाला;
वो मुरली मनोहर, बृज का ग्वाला;
वो माखन चोर, वो बंसी वाला;
खुशियां मनायें उसके जन्म की;
जो है इस जग का रखवाला।
वो मुरली मनोहर, बृज का ग्वाला;
वो माखन चोर, वो बंसी वाला;
खुशियां मनायें उसके जन्म की;
जो है इस जग का रखवाला।
ब्लॉग बुलेटिन टीम की ओर से आप सभी को सपरिवार #कृष्णाजन्माष्टमी के पावन अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं।
अब आज्ञा दीजिए ...
जय हिन्द !!!
सादर आपका
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विश्वेश्वर
तुम ही हो पतवार कान्हा !
लिप्सा के शूल मुझे नहीं चुभते
नँद नन्दन कित गये
चुप मत रह एक लप्पड़ मार के तो देख
व्यस्तताओं के जाल में...संजय भास्कर
कृष्ण का प्रेम
जन्माष्टमी की शुभकामनाएं
लघुकथा : किन्नर मन
आरक्षण और संघ के विरुद्ध दुष्प्रचार
हरिशंकर परसाई का व्यंग्य: एक मध्यमवर्गीय कुत्ता
अमर शहीद राजगुरु जी की १११ वीं जयंती
शब्दों की माला
अरूण जेटली का निधन : राजनीति का ‘अरुण’ अस्त-
दिल्ली से जयपुर ,उदयपुर ,माउंटआबू ....वाया रोड (तृतीय भाग )
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~अब आज्ञा दीजिए ...
जय हिन्द !!!