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शनिवार, 2 जुलाई 2016

हर बार खूबसूरत परिवर्तन है




घुप्प अँधेरा 
साँयें साँयें दिमाग
अनसुनी आवाज़ें
मूक वाणी ....
माना दिल पर बोझ है
पर यहीं से हर बार खूबसूरत परिवर्तन है


एक रात तन्हाई संग
छत पर टहलने निकली
तो देखा आसमान के आँगन में 
चाँद का अचार रखा था
माँ उसे उठाना भूल गई थी
तो तारे उस पर लग गए थे
मैं उसे उठाकर ले आई
आँसुओं से धोया
और सपने के छज्जे पर रख दिया
जब कभी दोपहर बेस्वाद हो जाती थी
चाँद का अचार चख लेती थी
कभी कविता की रोटी पर चुपड़ लेती थी
कभी कहानी में उसका मसाला मल लेती थी
बहुत दिन बीत गए
चाँद का अचार खत्म हो गया
माँ भी नहीं रही
बेस्वाद-सी दोपहरें अब भी है
मीठी-सी शाम वो मज़ा नहीं देती
आज भी अकसर तन्हाई के संग
छत पर टहलने निकलती हूँ
तो याद आती है माँ
और चाँद का अचार......

कुछ एहसास: रो लो पुरुषो , जी भर के रो लो

शुक्रवार, 1 जुलाई 2016

राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस और ब्लॉग बुलेटिन

सभी ब्लॉगर मित्रों को मेरा सादर नमस्कार।

राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (National Doctor's Day) पृथ्वी पर मानवों का भगवान कहे जाने वाले चिकित्सकों को समर्पित है। अलग-अलग देशों में यह दिवस भिन्न-भिन्न तिथियों पर मनाया जाता है। भारत में 'चिकित्सक दिवस' प्रतिवर्ष 1 जुलाई को मनाया जाता है। इस ख़ास दिन पर पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री बिधान चन्द्र राय को भी याद किया जाता है। बिधान चन्द्र राय देश के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ-साथ एक चिकित्सक भी थे। आज़ादी के बाद उन्होंने अपना सारा जीवन लोगों के लिए चिकित्सा सेवा को समर्पित कर दिया। बिधान चन्द्र राय की स्मृति में ही 'राष्ट्रीय चिकित्सा दिवस' भारत में 1 जुलाई को मनाया जाता है।

( जानकारी स्त्रोत - http://bharatdiscovery.org/india/राष्ट्रीय_चिकित्सक_दिवस )


अब चलते हैं आज कि बुलेटिन की ओर...

डॉक्टर्स डे !

नोटों पर महात्मा गांधी की फोटो कब से लगाई गई और क्यों?

आरक्षण का दंश...

हिमाचल के परवानू में पांच दिन

अा जाएँ , बैठें पास मेरे , बतलायें, भारत कहां लिखूं

बेटे का फ़र्ज़

पीले कनेर के फूल


आज की बुलेटिन में सिर्फ इतना ही कल फिर मिलेंगे। तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।।

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