सभी ब्लॉगर मित्रों को मेरा सादर नमस्कार।
आज १७ मार्च है ... आज का दिन जुड़ा हुआ है भारत के दो नायाब नगीनों से ... एक हैं ... भारतीय बॉडी बिल्डिंग जगत में 'फादर ऑफ इंडियन बॉडी बिल्डिंग' के नाम से पहचाने जाने वाले स्वतंत्र भारत के पहले मिस्टर यूनिवर्स ख़िताब के विजेता मनोहर आइच और दूसरी हैं ... कल्पना चावला , पहली महिला भारतीय अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री और अंतरिक्ष शटल मिशन विशेषज्ञ।
आज इन दोनों की ही जयंती है। आइये थोड़ा जानते हैं इन दोनों ही के बारे में ...
अब चलते हैं आज की बुलेटिन की ओर...
स्मृतियों में गाँव और गणगौर
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रूढ़ियाँ-समाज और युवाओं की जिम्मेवारी...4
परमारों का विस्तार और आजादी के बाद परमार वंश
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काँग्रेस में हार की जिम्मेदारी लेने के लिए मचा घमसान
शांत खामोश शाम...
रखा तो है शमशान भी है कब्रगाह भी है और बहुत है दो गज जमीन है सुकून से जाने के लिये
आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।।
आज १७ मार्च है ... आज का दिन जुड़ा हुआ है भारत के दो नायाब नगीनों से ... एक हैं ... भारतीय बॉडी बिल्डिंग जगत में 'फादर ऑफ इंडियन बॉडी बिल्डिंग' के नाम से पहचाने जाने वाले स्वतंत्र भारत के पहले मिस्टर यूनिवर्स ख़िताब के विजेता मनोहर आइच और दूसरी हैं ... कल्पना चावला , पहली महिला भारतीय अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री और अंतरिक्ष शटल मिशन विशेषज्ञ।
आज इन दोनों की ही जयंती है। आइये थोड़ा जानते हैं इन दोनों ही के बारे में ...
भारत के इन दो नायाब नगीनों की जयंती के दिन हम सब उन्हें शत शत नमन करते हैं।
अब चलते हैं आज की बुलेटिन की ओर...
स्मृतियों में गाँव और गणगौर
आकाशीय बिजली क्या होती है?
जीवन में सबसे महत्वपूर्ण क्या है? – 2
विभिन्न देशो की मुद्राओं वैज्ञानिकों के या विज्ञान संबधित चित्र
रूढ़ियाँ-समाज और युवाओं की जिम्मेवारी...4
परमारों का विस्तार और आजादी के बाद परमार वंश
लोकतंत्र के भीतर गुंजाइश है लोकतंत्र पर हमले की...
काँग्रेस में हार की जिम्मेदारी लेने के लिए मचा घमसान
शांत खामोश शाम...
रखा तो है शमशान भी है कब्रगाह भी है और बहुत है दो गज जमीन है सुकून से जाने के लिये
आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।।
3 टिप्पणियाँ:
नमन मनोहर आईच और कल्पना चावला को । आभार हर्षवर्धन आज की सुन्दर प्रस्तुति में 'उलूक' के सूत्र 'रखा तो है शमशान भी है कब्रगाह भी है और बहुत है दो गज जमीन है सुकून से जाने के लिये' को भी जगह देने के लिये।
बढ़िया बुलेटिन प्रस्तुति हर्ष बाबू |
भारत के इन दोनों नायाब नगीनों को सादर नमन |
Bahut badhiya prastuti. Meri Rachna shamil krne ke liye aabhar
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