सभी ब्लॉगर मित्रों को मेरा सादर नमस्कार।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (अंग्रेज़ी: International Women's Day) हर वर्ष '8 मार्च' को विश्वभर में मनाया जाता है। इस दिन सम्पूर्ण विश्व की महिलाएँ देश, जात-पात, भाषा, राजनीतिक, सांस्कृतिक भेदभाव से परे एकजुट होकर इस दिन को मनाती हैं। महिला दिवस पर स्त्री की प्रेम, स्नेह व मातृत्व के साथ ही शक्तिसंपन्न स्त्री की मूर्ति सामने आती है। इक्कीसवीं सदी की स्त्री ने स्वयं की शक्ति को पहचान लिया है और काफ़ी हद तक अपने अधिकारों के लिए लड़ना सीख लिया है। आज के समय में स्त्रियों ने सिद्ध किया है कि वे एक-दूसरे की दुश्मन नहीं, सहयोगी हैं। संयुक्त राष्ट्र हर बार महिला दिवस पर एक थीम रखता है।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (अंग्रेज़ी: International Women's Day) हर वर्ष '8 मार्च' को विश्वभर में मनाया जाता है। इस दिन सम्पूर्ण विश्व की महिलाएँ देश, जात-पात, भाषा, राजनीतिक, सांस्कृतिक भेदभाव से परे एकजुट होकर इस दिन को मनाती हैं। महिला दिवस पर स्त्री की प्रेम, स्नेह व मातृत्व के साथ ही शक्तिसंपन्न स्त्री की मूर्ति सामने आती है। इक्कीसवीं सदी की स्त्री ने स्वयं की शक्ति को पहचान लिया है और काफ़ी हद तक अपने अधिकारों के लिए लड़ना सीख लिया है। आज के समय में स्त्रियों ने सिद्ध किया है कि वे एक-दूसरे की दुश्मन नहीं, सहयोगी हैं। संयुक्त राष्ट्र हर बार महिला दिवस पर एक थीम रखता है।
( साभार : http://bharatdiscovery.org/india/अंतरराष्ट्रीय_महिला_दिवस )
आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर देश-दुनिया की सभी महिलाओं को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ। सादर।।
अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस
*अनकही* 🦋women's day special
एक आह्वान! बहनों और बेटियों के नाम! (अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर)
पत्नी पुराण
*अनकही* 🦋women's day special
एक आह्वान! बहनों और बेटियों के नाम! (अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर)
पत्नी पुराण
सुमित्रा का संताप
गीता में कही गयी हैं बातें वही तो हो रही हैं नजर आ रहा है मत कहना ‘उलूक’ पगला रहा है
आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।।
गीता में कही गयी हैं बातें वही तो हो रही हैं नजर आ रहा है मत कहना ‘उलूक’ पगला रहा है
आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।।
4 टिप्पणियाँ:
महिला दिवस पर सभी महिलाओं और पुरुषॉं को बराबर की शुभकामनाएं बाकी तो सब ठीक है हर्षवर्धन आप आज भी 'उलुक' की एक बकबक को भी उठा लाये । आभार शामिल करने के लिये "गीता में कही गयी हैं बातें वही तो हो रही हैं नजर आ रहा है मत कहना ‘उलूक’ पगला रहा है'को आज की बुलेटिन में।
बहुत अच्छी सामयिक बुलेटिन प्रस्तुति
केवल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर ही महिलाओं को शुभकामनायें क्यों दी जाएँ वे हर रोज़ आप सबकी शुभकामनाओं की अपेक्षा रखती हैं और सच्चे अर्थों में इसकी अधिकारिणी भी हैं ! बहुत सुन्दर बुलेटिन आज का ! "सुमित्रा का संताप' को आज के बुलेटिन में स्थान देने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद हर्षवर्धन जी !
बहुत अच्छी और सामयिक प्रस्तुति। मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार।
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बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!