प्रिय ब्लॉगर मित्रों ,
प्रणाम |
आज हिन्दी ब्लॉगर मित्रों का एक होली
मिलन समारोह आयोजित किया गया ... मजे की बात यह की इस आयोजन कोई कहीं भी
आया गया नहीं ... फिर भी होली मिलन हो ही गया | देश - विदेश के लगभग ३३
ब्लॉगर मित्रों ने इस मे अपने अपने बंधु - बांधव और परिवार के साथ शिरकत की
|
अब आप सोचे रहे होंगे कि कैसे !!??
तो देखिये यह चमत्कार कैसे हुआ !!
तो देखिये यह चमत्कार कैसे हुआ !!
चित्र पर क्लिक कर बड़ा करें |
ब्लॉग बुलेटिन की पूरी टीम की ओर से आप सभी को होली की हार्दिक मंगलकामनाएँ|
हैप्पी होली ... ;)
सादर आपका
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
कान्हा संग मनाये होली
ठाकुर जी को भोग
अतीत की होली के रंगीन आंचल की तलाश
यहाँ रंग कही गहराया है
538. जागा फागुन (होली के 10 हाइकु)
हमारी नव वर्ष आई है।
बुरा न मानो, होली है!
होली ठैरी होला ठैरा ठैरा तो ठैरा ठैरा ठैरा ठैरी छोड़ ठर्रा ठर्री क्यों कहना ठैरा
होली मुबारक.....
झमकोइया मोरे लाल !!
जोगीरा सारारारारा - जोगीरा सारारारारा....
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
8 टिप्पणियाँ:
:)
:)
होली की शुभकामनाएं। शिवम जी ब्लागर होलियारों को पकड़ कर ले आये । बहुत खूब :)
आभार 'उलूक' के सूत्र 'ठैरा ठैरी और ठर्रा ठर्री' को जगह देने के लिये ।
वाह क्या बात है. होली मुबारक
ये रंग भी खूब जमा .
बहुत सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति ...
आप सब का बहुत बहुत आभार |
बहुत सुन्दर
वाह
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