प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
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"वे लोग जो अच्छाई करने में बहुत ज्यादा व्यस्त होते है, स्वयं अच्छा होने के लिए समय नहीं निकाल पाते।"
- गुरुदेव रबीन्द्रनाथ ठाकुर
- गुरुदेव रबीन्द्रनाथ ठाकुर
एक क़ता
लघुकथा- ईमानदार अधिकारी
'तानसेन गवइया अठन्नी-चोर'...
ऐलानों की जलेबियां बिकीं, वायदों के डमडमे बजे, जुमले के हिंडोले डले... और हो गया लोक सुराज
बवाल क्यूँ
चांदनी रातें
मेरा आइना
खुला ख़त
'सरसों से अमलतास'- मन-जीवन को उकेरती कवितायें
सूखे खेत और झमाझम बरसते विज्ञापन
सरदारजी का बुढ़ापा
4 टिप्पणियाँ:
गुरुदेव रबीन्द्रनाथ ठाकुर की १५५ वीं जंयती पर उन्हें नमन । सुन्दर शनिवारीय बुलेटिन शिवम जी ।
करोड़पति हो जायेगा फिर ब्लागर कहाँ रह जायेगा ?
तहे दिल से शुक्रिया मेरी रचना को ब्लॉग बुलेटिन में शामिल करने का । सुंदर संकलन ।
shukriya....................
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