इसे आप इत्तेफाक कहें या फिर कुछ और, पिछली बार जब बुलेटिन लिखना शुरू किया था तो 5 बुलेटिन लगाते-लगाते ही मेरी जॉब लग गयी थी, और दूसरी पारी का ये मेरा पाँचवाँ बुलेटिन है और आज ही नयी जॉब की कन्फ़ंर्मेशन मिली है... शायद इन्हीं सब चीजों से इंसान के अंदर अंधविश्वास बढ़ता है और हमें कोई आपत्ति नहीं होती, हो भी क्यूँ भला जब अपना कुछ फाइदा हो रहा हो... खैर ज्यादा कुछ कहने को है नहीं आज, चारो तरफ राजनीति का माहौल है और उसके बारे में जितना लिखने का सोचो कम ही लगता है, इसलिए राजनीति को हर इंसान की अपनी-अपनी समझ पर छोड़ देना चाहिए... इस माहौल से अलग हम खुश हैं और सोमवार से नए ऑफिस के बारे में सोच रहे हैं...
जब भी नौकरी की बात आती है, कई लोग अक्सर वर्क लोड या थकान की शिकायत करते हैं, क्या आपने कभी सोचा ये नन्ही-नन्ही चिटियाँ ज़मीन के भीतर क्या क्या कर गुजरती हैं.... चलिये देखते हैं ये विडियो और फिर नज़र डालते हैं कुछ इधर-उधर की नयी-पुरानी पोस्ट्स के लिंक पर...
बिहार की राजनीति में आज कल परिवर्तन का दौर है, इसी परिवर्तन को कभी प्रशांत जी ने आड़े हाथों लिया था, राजनीति से आगे बढ़ते हुये चलिये ये राँझा वाला गाना तो सुनते चलें, जन्म लेने से ठीक एक दिन पहले की बात है मेरे आँगन में आदित्य की पहली किरण के साथ ही मेरा नामकरण हो गया था और तब से ही इनकी तरह ही मैं भी कुछ लिखने की कोशिश कर रहा हूँ... अरे हाँ जब से मैं बंगलौर आया हूँ ये कुंदरु की अधपकी सब्जी से परेशान सा हो गया हूँ, लेकिन ये नहीं सोचा कभी कि क्या होगा रिश्ता मेरा और कुंदरु का, खैर आप जब बंगलौर की सड़कों पे चल रहे होंगे तो ये महसूस करेंगे कि सिग्नल लाल होने पर भी पीछे की गाडियाँ हॉर्न बजाते रहती हैं, कई बार दिल करता हर एक इंसान से जा जाकर कहूँ, नो हॉर्न प्लीज... खैर ये देखिये तीन बेहतरीन पोस्ट कह रही हैं कि फूल बिछाती इस शय्या पर, खुद को इस तरह देखते हुये शायद इस बार ये प्रेम में मारी नहीं जाएंगी....
तो फिर ज़िंदगी चलने का नाम है, चलते रहिए, लड़ते रहिए और मुसकुराते रहिए.... फिर मिलते हैं....
9 टिप्पणियाँ:
thanks shekhar
आशा है कि आपका अंधविश्वास (फायदे वाला) यूँ ही बढ़ता रहे . बेहद ख़ास बुलेटिन के लिए बधाई..
बढ़िया काम के लिंक ! मंगलकामनाएं !
Badhiya links...kai jagah ho aaye!
बहुत सुन्दर सूत्र संयोजन के लिए बधाई |मेरी रचना को शामिल किया यह मेरा सौभाग्य है |
नई नौकरी की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें शेखर भाई |
सुंदर बुलेटिन ।
Der se hi sahi mera thanks , aap ne mujhe shamil kiya
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