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सोमवार, 19 मई 2014

धरती को बचाओ - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

एक लड़के ने अपने पास की ही सीट पर बैठी एक सुंदर सी लड़की को देख रहा था।
थोड़ी देर बाद उसने एक पेपर निकाला और लिखा- I LOVE YOU, क्या तुम भी मुझे प्यार करती हो ? और उस लड़की को दे दिया।

 लड़की ने पढ़ कर मना कर दिया और पेपर उसे लौटा दिया।

 थोड़ी देर मायूस होने के बाद उस लड़के ने ये पेपर पास में ही बैठी एक दूसरी लड़की को दे दिया और उसने हां कर दी।

 इस कहानी का सार- जैसा आप सोच रहे हो वैसा बिल्कुल नहीं।

 .

 .

 .

 "धरती को बचाओ, एक ही पेपर को कई बार इस्तेमाल करो।"


सादर आपका
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लोककथा

सुधाकल्प at बालकुंज




कै हंसा मोती चुगै...

गिरिजा कुलश्रेष्ठ at Yeh Mera Jahaan 



माँ तुझे सलाम ! (६)

रेखा श्रीवास्तव at मेरा सरोकार 



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अब आज्ञा दीजिये ...
 
जय हिन्द !!!

12 टिप्पणियाँ:

Parmeshwari Choudhary ने कहा…

Very sweet :)Will see links now

Unknown ने कहा…

achhi katha,achhe sandesh....hamesha ki tarah pathniy link....

आशीष अवस्थी ने कहा…

बढिया सूत्रीय बुलेटिन व प्रस्तुति , शिवम भाई व बुलेटिन को धन्यवाद !
I.A.S.I.H - ब्लॉग ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

बहुत खूब एक पेपर इस्तेमाल करें कईबार
यहाँ ना सही कहीं जा कर तो करेगा वार :)

सुंदर बुलेटिन ।

SKT ने कहा…

सही, एक ही हांडी को बार-बार चढ़ाओ, काठ की हो तो भी!!

Http://meraapnasapna.blogspot.com ने कहा…

nice links......:-)

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

कहानी का सार समझ आया....
:-)
बहुत बढ़िया बुलेटिन है....बड़े दिनों बाद आज आना हुआ यहाँ...हमारी पोस्ट शामिल करने का शुक्रिया शिवम्...
सस्नेह
अनु

Rajendra kumar ने कहा…

बहुत बढ़िया बुलेटिन,हमारी पोस्ट शामिल करने का आभार।

Asha Joglekar ने कहा…

कहानी का सार अच्छा लगा। अब जाते हैं सूत्रों पर।

शिवम् मिश्रा ने कहा…

आप सब का बहुत बहुत आभार |

गिरिजा कुलश्रेष्ठ ने कहा…

लगभग सभी लिंक्स देखलीं । अच्छी हैं । और काफी अच्छी है आपकी कहानी । कागज को बचाना भी पेडों को बचाने की दिशा में एक कदम है । मेरी रचना को शामिल करने का धन्यवाद ।

रश्मि शर्मा ने कहा…

Bahut achhi lagi aapki kahnai...meri rachna ko shamil karne ke liye aabhar

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