Subscribe:

Ads 468x60px

कुल पेज दृश्य

सोमवार, 16 जनवरी 2017

ब्लॉग बुलेटिन और ओपी नैय्यर

सभी ब्लॉगर मित्रों को मेरा सादर नमस्कार।
ओंकार प्रसाद नैय्यर (अंग्रेज़ी: Omkar Prasad Nayyar, जन्म: 16 जनवरी, 1926 - मृत्यु: 28 जनवरी, 2007) हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध संगीतकार थे। अपने सुरों के जादू से आशा भोंसले और मोहम्मद रफ़ी जैसे कई पार्श्वगायक और पार्श्वगायिकाओं को कामयाबी के शिखर पर पहुंचाने वाले महान संगीतकार ओ. पी. नैय्यर के संगीतबद्ध गीत आज भी लोकप्रिय है।

जीवन परिचय

16 जनवरी 1926 को लाहौर (पाकिस्तान) के एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मे ओंकार प्रसाद नैय्यर उर्फ ओ.पी. नैय्यर का रुझान बचपन से ही संगीत की ओर था। वह पार्श्वगायक बनना चाहते थे। भारत विभाजन के पश्चात उनका पूरा परिवार लाहौर छोड़कर अमृतसर चला आया। ओंकार प्रसाद ने संगीत की सेवा करने के लिए अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ दी। अपने संगीत के सफ़र की शुरूआत इन्होंने आल इंडिया रेडियो से की।

फ़िल्मी सफर

बतौर संगीतकार फ़िल्म इंडस्ट्री में पहचान बनाने के लिये ओ. पी. नैय्यर वर्ष 1949 में मुंबई आ गये। मुंबई मे उनकी मुलाकात जाने माने निर्माता निर्देशक कृष्ण केवल से हुई जो उन दिनों फ़िल्म 'कनीज़' का निर्माण कर रहे थे। कृष्ण केवल उनके संगीत बनाने के अंदाज से काफ़ी प्रभावित हुये और उन्होंने फ़िल्म के बैक ग्राउंड संगीत देने की पेशकश की। इस फ़िल्म के असफल होने से ओ. पी. नैय्यर बतौर संगीतकार अपनी पहचान बनाने मे भले ही सफल न हो सके लेकिन फ़िल्म इंडस्ट्री मे उनका कैरियर अवश्य ही शुरू हो गया।

( साभार : http://bharatdiscovery.org/india/ओ._पी._नैय्यर )


आज ओपी नैय्यर जी के 91वें जन्मदिवस पर हिन्दी ब्लॉगजगत और पूरा भारत उनके मधुर संगीत को सुनते हुये  उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। सादर।।


अब चलते हैं आज की बुलेटिन की ओर...


ऑनलाइन मतदान की ओर कदम बढ़ाने का सही वक्त!

सही वक़्त पर सही फ़ैसले का नाम धोनी

अमित जी, सिर्फ मसालों से ही भोजन स्वादिष्ट नहीं बन जाता

इमेज बिल्डिंग! (प्रसंग - नितीश कुमार)

बाकी बहुत कुछ रहता है !!!

ओरछा क्यों जाना चाहिये ?

वाईकॉम का महादेव मंदि‍र और दीपमाला

संसद के कितने सत्र होते हैं?

बुरा वक़्त अच्छे लोग

सोमवार की आत्मकथा


आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि।

6 टिप्पणियाँ:

कविता रावत ने कहा…

बहुत सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति
नैय्यर जी को सादर श्रद्धांजलि!

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

पोस्ट सम्मलित करने के लिए ब्लॉग बुलेटिन का आभार।

चला बिहारी ब्लॉगर बनने ने कहा…

मुम्बई फ़िल्म उद्योग में लता जी के बिना कामयाबी की कल्पना भी असंभव लगती हो जिस ज़माने में, उस समय में भी नैय्यर साहब ने अपने एक ख़ास अन्दाज़ में आशा जी के साथ अविस्मरणीय गाने दिए. पंजाब के संगीत का नशा उन्हें अपनी एक अलग पहचान बनाने में मददगार साबित हुआ. एक शानदार संगीतकार! बहुत अच्छी प्रस्तुति हर्ष!!

शिवम् मिश्रा ने कहा…

ओपी नैय्यर साहब को शत शत नमन | बढ़िया बुलेटिन हर्ष बाबू ... :)

रश्मि शर्मा ने कहा…

बहुत सुन्दर बुलेटिन। यात्रा वृतान्त शामिल करने के लिए आभार और धन्यवाद

रश्मि शर्मा ने कहा…

नैय्यर जी को नमन

एक टिप्पणी भेजें

बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!

लेखागार