सुशील कुमार चड्ढा उर्फ हुल्लड़ मुरादाबादी नहीं रहे। शनिवार, 12 जुलाई 2014, की शाम करीब 4
बजे मुंबई स्थित आवास में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। हुल्लड़ मुरादाबादी के निधन की खबर से कवि साहित्य जगत
में शोक की लहर दौड़ गई।
हुल्लड़ मुरादाबादी का जन्म 29 मई 1942 को गुजरावाला पाकिस्तान में हुआ था। बंटवारे के दौरान परिवार के साथ मुरादाबाद आ गए थे।
करीब 15 वर्ष पूर्व इस मकान को उन्होंने बेच दिया था और मुंबई में जाकर बस गए थे।
हुल्लड़ मुरादाबादी का जन्म 29 मई 1942 को गुजरावाला पाकिस्तान में हुआ था। बंटवारे के दौरान परिवार के साथ मुरादाबाद आ गए थे।
करीब 15 वर्ष पूर्व इस मकान को उन्होंने बेच दिया था और मुंबई में जाकर बस गए थे।
हुल्लड़
मुरादाबादी ने अपनी रचनाओं में हर छोटी सी बात को अपनी रचनाओं का आधार
बनाया। कविताओं के अलावा उनके दोहे सुनकर श्रोता हंसते हंसते लोटपोट होने
लगते। उन्होंने कविताओं और शेरो शायरी को पैरोडियों में ऐसा पिरोया कि बड़ों से
लेकर बच्चे तक उनकी कविताओं में डूबकर मस्ती में झूमते रहते।
लीजिये पेश है एक झलक उनके कविता पाठ की इस वीडियो के रूप मे ...
हुल्लड़ मुरादाबादी साहब को पूरी ब्लॉग बुलेटिन टीम और हिन्दी ब्लॉग जगत की ओर से हार्दिक श्रद्धांजलि और शत शत नमन |
सादर आपका
प्यारी गिलहरी
Chaitanyaa Sharma at चैतन्य का कोनादेवव्रत
Upasna Siag at नयी दुनिया+मंगई की छाती
ashish at युग दृष्टिअदना-सी मेरी कविताएं
Anu Singh Choudhary at मैं घुमन्तूप्रवर्गों पर दार्शनिक दृष्टिकोण
समय अविराम at समय के साये मेंबात फर्रुखाबाद की .... बात महादेवी वर्मा जी की ...
Vikram Pratap singh at बुलबुलामेरा पहला काव्य संग्रह....."इश्क़ तुम्हें हो जाएगा "
expression at my dreams 'n' expressions.....याने मेरे दिल से सीधा कनेक्शन.....सूखा --तीन चित्र
गिरिजा कुलश्रेष्ठ at Yeh Mera Jahaan
गुरु - लघुकथा
Smart Indian at * An Indian in Pittsburgh - पिट्सबर्ग में एक भारतीय *संविधान निर्माण के दौरान हुआ अप्रिय विवाद
Harihar Sharma at विचार मंथनउनके लिए, जिन्हें सरदार की मूर्ति पर ऐतराज है!
Sachin Rathore (सचिन राठौर) at अपना समाज
बेटी बचाओ अभियान
====================================
अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
8 टिप्पणियाँ:
बहुत बढ़िया लिंक्स..... चैतन्य को शामिल करने का आभार
बहुत सारे सूत्र हैं पढ़ने के लिये आज । सुशील कुमार चड्ढा जी को श्रद्धांजलि ।
आज तो लिंक्स ही लिंक हैं...देखते हैं सब तसल्ली से !
हमारी पोस्ट को शामिल करने का शुक्रिया शिवम्
हुल्लड़ जी को विनम्र श्रद्धांजलि
सस्नेह
अनु
हर जगह पठनीय सामग्री मिली । अपनी रचना को यहाँ देखकर अच्छा लगा ।धन्यवाद
बहुत से सूत्र हाथ लगे ...
हुल्लड़ जी को मरी विनम्र श्रधांजलि ...
आप सब का बहुत बहुत आभार |
पुरानी नस्ल ख़त्म होती जा रही है... हुल्लड़ साहब भी उसी की एक कड़ी थे... गुलज़ार साहब की त्रिवेणी से भी पहले वे दुमदार दोहे मंच पर सुनाया करते थे. श्रद्धांजलि!!
हुल्लड़ मुरादावादी के साथ जैसे एक युग का अंत हो गया. गज़ब का कौशल था उनका.
एक टिप्पणी भेजें
बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!