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शनिवार, 31 मई 2014

विश्व तम्बाकू निषेध दिवस.... ब्‍लॉग बुलेटिन

आज विश्व तम्बाकू निषेध दिवस है, विश्व स्वास्थ्य संगठन के सदस्य देशों ने 31 मई का दिन निर्धारित करके धूम्रपान के सेवन से होने वाली हानियों और ख़तरों से विश्व जनमत को अवगत कराके इसके उत्पाद एवं सेवन को कम करने की दिशा में आधारभूत कार्यवाही करने का प्रयास किया है। इसी दिशा में प्रतिवर्ष प्रतीकात्मक रूप में एक नारा निर्धारित किया जाता है। वर्ष 2012 में पूरी दुनिया में धूम्रपान के उत्पाद एवं उसके वितरण में धूम्रपान उद्योगों की स्पष्ट भूमिका के दृष्टिगत 31 मई को नारा दिया गया "सावधान! हम बहुराष्ट्रीय धूम्रपान उद्योगों को बंद कर देंगे"।


यह एक सामाजिक जागरूकता फ़ैलानें के लिए अभूतपूर्व प्रयास है, और इस दिन विभिन्न कार्यक्रम कर लोगों को तम्बाकू से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले नुक़सान के बारे में बताया जाता है। भारत में सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान गैर कानूनी है लेकिन इसका उतनी कडाई से पालन नहीं होता है।  सरकारी प्रयास तम्बाकू निषेध के लिए नाकाफ़ी है लेकिन फ़िर भी एक बडा वर्ग तम्बाकू से छुटकारा पानें के लिए जागरूक हुआ है और वह सजग रूप से खुद को सुधार कर दूसरों की मदद भी कर रहा है। 





आईए अब थोडा हंस लिया जाए... 
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बीरबल को तम्बाकू चबाने की आदत थी | बादशाह उन्हें तम्बाकू चबाने के लिए मना कर चुके थे | बीरबल को तम्बाकू की लत लग चुकी थी |
एक बार बादशाह बीरबल के साथ एक खेत से होकर गुजर रहे थे | उस खेत के पास ही एक तम्बाकू का खेत था | उस खेत की ओर इशारा करते हुए बीरबल से कुछ कहने ही वाले थे कि तभी उनकी नजर उस खेत की ओर बढते एक गधे पर पड़ी | लेकिन खेत के अन्दर घुसते ही वह गधा अचानक ठिठक गया | उसने दी तीन बार सुंघा और फिर तेजी से उस खेत से बाहर निकल गया | यह देखकर बादशाह हँसते हुए बीरबल से बोले , “देखा तुमने गधे भी तम्बाकू खाना पसंद नही करते |” 
बीरबल ने तपाक से से जवाब दिया “देखा हुजूर गधे ही तम्बाकू खाना पसंद नही करते” 
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अब आज के बुलेटिन की ओर चलते हैं..... 












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मित्रों विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर हम बुलेटिन के मंच से सभी को जागरूक रहने और जागरूकता फ़ैलाने का अनुरोध करते हैं. सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान रोकिए, और बीमारी से बचिए... 

जय हिन्द
देव


शुक्रवार, 30 मई 2014

खुशियाँ दो, खुशियाँ लो - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

आज नीलिमा शर्मा जी की फेसबुक प्रोफ़ाइल पर एक बेहद सार्थक स्टेटस पढ़ने को मिला तो सोचा आप सब को भी पढ़वाया जाये ... तो लीजिये पढ़िये |

एक बार पचास लोगों का ग्रुप किसी सेमीनार में हिस्सा ले रहा था। सेमीनार शुरू हुए अभी कुछ ही मिनट बीते थे कि- स्पीकर अचानक ही रुका और सभी पार्टिसिपेंट्स को गुब्बारे देते हुए बोला , ”आप सभी को गुब्बारे पर इस मार्कर से अपना नाम लिखना है।” सभी ने ऐसा ही किया। अब गुब्बारों को एक दुसरे कमरे में रख दिया गया।
स्पीकर ने अब सभी को एक साथ कमरे में जाकर पांच मिनट के अंदर अपना नाम वाला गुब्बारा ढूंढने के लिए कहा। सारे पार्टिसिपेंट्स तेजी से रूम में घुसे और पागलों की तरह अपना नाम वाला गुब्बारा ढूंढने लगे। पर इस अफरा-तफरी में किसी को भी अपने नाम वाला गुब्बारा नहीं मिल पा रहा था… 5 पांच मिनट बाद सभी को बाहर बुला लिया गया।

स्पीकर बोला , ” अरे! क्या हुआ , आप सभी खाली हाथ क्यों हैं ? क्या किसी को अपने नाम वाला गुब्बारा नहीं मिला ?” "नहीं ! हमने बहुत ढूंढा पर हमेशा किसी और के नाम का ही गुब्बारा हाथ आया”, एक पार्टिसिपेंट कुछ मायूस होते हुए बोला।

“कोई बात नहीं , आप लोग एक बार फिर कमरे में जाइये , पर इस बार जिसे जो भी गुब्बारा मिले उसे अपने हाथ में ले और उस व्यक्ति का नाम पुकारे जिसका नाम उसपर लिखा हुआ है।“, स्पीकर ने निर्दश दिया।
एक बार फिर सभी पार्टिसिपेंट्स कमरे में गए, पर इस बार सब शांत थे , और - कमरे में किसी तरह की अफरा- तफरी नहीं मची हुई थी। सभी ने एक दुसरे को उनके नाम के गुब्बारे दिए और तीन मिनट में ही बाहर निकले आये। स्पीकर ने गम्भीर होते हुए कहा ,” बिलकुल यही चीज हमारे जीवन में भी हो रही है। हर कोई अपने लिए ही जी रहा है , उसे इससे कोई मतलब नहीं कि वह किस तरह औरों की मदद कर सकता है , वह तो बस पागलों की तरह अपनी ही खुशियाँ  ढूंढ रहा है , पर बहुत ढूंढने के बाद भी उसे कुछ नहीं मिलता ,दोस्तों हमारी ख़ुशी दूसरों की ख़ुशी में छिपी हुई है।


Moral of the Story: जब तुम औरों को उनकी खुशियाँ  देना सीख जाओगे तो अपने आप ही तुम्हे तुम्हारी खुशियाँ  मिल जाएँगी।

सादर आपका
शिवम् मिश्रा
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माँ तुझे सलाम ! (14)

रेखा श्रीवास्तव at मेरा सरोकार 

गफलत

पी.सी.गोदियाल "परचेत" at अंधड़ !
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अब आज्ञा दीजिये ...

जय हिन्द !!!

गुरुवार, 29 मई 2014

फटफटिया बुलेटिन

सभी ब्लॉगर मित्रों को सादर नमस्कार।।

बहुत दिनों बाद बुलेटिन पेश कर रहा हूँ और वो भी फटफटिया, इसके लिए आप सबसे क्षमाप्रार्थी हूँ। आशा है कि आप सबको ये बुलेटिन पसंद आयेगी।। :-)


सादर  
हर्षवर्धन श्रीवास्तव


अब चलते हैं आज कि बुलेटिन की ओर .......... 














आज कि बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे। शुभरात्रि।।

बुधवार, 28 मई 2014

अब नसीहतों के दस्तावेजों से वह नहीं मिलेगी



इसीलिए कहते हैं कि  … क्या कहते हैं !
कुछ समझ में नहीं आता !
2 महीने पहले जो शादी हुई धूमधाम से 
लड़की ने जान दे दे !!!!!!!!!!!!!!!!!
तिथि देखी गई 
घर देखा गया 
विधि-विधान से शादी 
फिर कहाँ कमी रह गई ?
अब ?
कुछ भी करके अब  वह नहीं आएगी 
नहीं सुनाई देगी उसकी खिलखिलाहट 
उसके सपनों की बानगी तो जल गई !!!
क्या उसने कुछ नहीं कहा 
कोई इंकार 
कोई शिकायत 
कोई डर ???
कहा तो होगा ही 
पर अब नसीहतों के दस्तावेजों से 
वह नहीं मिलेगी 
…… 

यही है परिणाम ! और इसके आगे अपने संस्कारों के बुलंद दरवाजों के करीब माँ - बाप ! जिस समाज, परिवार के लिए नसीहतें दी जाती हैं बेटी या बेटे के ज़ख्म को, वे टहल लेते हैं इस स्थिति में  .... उनका क्या गया,जो वे रोयेंगे !!
चलिए, यही है आज की भी ताजा खबर, इसके साथ कुछ लिंक्स -

और टहलते हुए कुछ और लिंक्स -

मंगलवार, 27 मई 2014

मिलिये नए मंत्रीमंडल से - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

मिलिए अपने जनप्रतिनिधियों से और जानिए कि इस नई सरकार मे उन्हें क्या क्या जिम्मेदारी सौंपी गई है |


Portfolios of the Union Council of Ministers

Prime Minister

Shri Narendra Modi 


Personnel, Public Grievances and Pensions
Department of Atomic Energy Department of Space
All important policy issues
and all other portfolios not allocated to any Minister
 

Cabinet Ministers 

1 Shri Raj Nath Singh Home Affairs
2 Smt. Sushma Swaraj External Affairs
Overseas Indian Affairs
3 Shri Arun Jaitley Finance
Corporate Affairs
Defence
4 Shri M. Venkaiah Naidu Urban Development
Housing and Urban Poverty Alleviation
Parliamentary Affairs
5 Shri Nitin Jairam Gadkari Road Transport and Highways
Shipping
6 Shri D.V. Sadananda Gowda Railways
7 Sushri Uma Bharati Water Resources, River Development and Ganga Rejuvenation
8 Dr. Najma A. Heptulla Minority Affairs
9 Shri Gopinathrao Munde Rural Development
Panchayati Raj
Drinking Water and Sanitation
10 Shri Ramvilas Paswan Consumer Affairs, Food and Public Distribution
11 Shri Kalraj Mishra Micro, Small and Medium Enterprises
12 Smt. Maneka Sanjay Gandhi Women and Child Development
13 Shri Ananthkumar Chemicals and Fertilizers
14 Shri Ravi Shankar Prasad Communications and Information Technology
Law and Justice
15 Shri Ashok Gajapathi Raju Pusapati Civil Aviation
16 Shri Anant Geete Heavy Industries and Public Enterprises
17 Smt. Harsimrat Kaur Badal Food Processing Industries
18 Shri Narendra Singh Tomar Mines
Steel
Labour and Employment
19 Shri Jual Oram Tribal Affairs
20 Shri Radha Mohan Singh Agriculture
21 Shri Thaawar Chand Gehlot Social Justice and Empowerment
22 Smt. Smriti Zubin Irani Human Resource Development
23 Dr. Harsh Vardhan Health and Family Welfare
 

Ministers of State 

1 General V.K. Singh Development of North Eastern Region(Independent Charge)
External Affairs
Overseas Indian Affairs
2 Shri Inderjit Singh Rao Planning (Independent Charge)
Statistics and Programme Implementation (Independent Charge)
Defence
3 Shri Santosh Kumar Gangwar Textiles (Independent Charge)
Parliamentary Affairs
Water Resources, River Development and Ganga Rejuvenation
4 Shri Shripad Yesso Naik Culture (Independent Charge)
Tourism (Independent Charge)
5 Shri Dharmendra Pradhan Petroleum and Natural Gas (Independent Charge)
6 Shri Sarbananda Sonowal Skill Development, Entrepreneurship, Youth Affairs and Sports (Independent Charge)
7 Shri Prakash Javadekar Information and Broadcasting (Independent Charge)
Environment, Forest and Climate Change (Independent Charge)
Parliamentary Affairs
8 Shri Piyush Goyal Power (Independent Charge)
Coal (Independent Charge)
New and Renewable Energy (Independent Charge)
9 Dr. Jitendra Singh Science and Technology (Independent Charge)
Earth Sciences (Independent Charge)
Prime Minister Office
Personnel, Public Grievances & Pensions
Department of Atomic Energy
Department of Space
10 Smt. Nirmala Sitharaman Commerce and Industry (Independent Charge)
Finance
Corporate Affairs
11 Shri G.M. Siddeshwara Civil Aviation
12 Shri Manoj Sinha Railways
13 Shri Nihalchand Chemicals and Fertilizers
14 Shri Upendra Kushwaha Rural Development
Panchayati Raj
Drinking Water and Sanitation
15 Shri Radhakrishnan P Heavy Industries and Public Enterprises
16 Shri Kiren Rijiju Home Affairs
17 Shri Krishan Pal Road Transport and Highways
Shipping
18 Dr. Sanjeev Kumar Balyan Agriculture
Food Processing Industries
19 Shri Mansukhbhai Dhanjibhai Vasava Tribal Affairs
20 Shri Raosaheb Dadarao Danve Consumer Affairs, Food and Public Distribution
21 Shri Vishnu Deo Sai Mines
Steel
Labour and Employment
22 Shri Sudarshan Bhagat Social Justice and Empowerment



ब्लॉग बुलेटिन की पूरी टीम और हिन्दी ब्लॉग जगत की ओर से हम नई सरकार को अपनी हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें देते है ||

सादर आपका 
शिवम् मिश्रा 
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जानकी ....!

स्वप्न मञ्जूषा at काव्य मंजूषा

" बजारनामा ....!!! "

राजेश शर्मा at cgpatal

हां , ये है एक मुकम्मल ब्लॉग एग्रीगेटर -"ब्लॉगसेतु"

अजय कुमार झा at झा जी कहिन

आँखों की तासीर

श्यामल सुमन at मनोरमा

बस थोड़ी सी मुट्ठी भर स्पेस अपने लिये

सुशील कुमार जोशी at उलूक टाइम्स

पुण्य सलिला की तलाश में ......

निवेदिता श्रीवास्तव at झरोख़ा

इस बार

भगत सिंह के दस्तावेज के लिए पाकिस्तान में अर्जी और टीपू सुल्तान की राम नाम वाली अँगूठी हुई नीलाम

HARSHVARDHAN at समाचार NEWS

भारतीय सेना के शूरवीर सैनिकों को समर्पित माहिया -------

Shashi Padha at मानस मंथन

प्रार्थना

देवों की घाटी / बलराम अग्रवाल

बलराम अग्रवाल at कथायात्रा
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अब आज्ञा दीजिये ...

जय हिन्द !!!

सोमवार, 26 मई 2014

अक्ल का इक्वेशन - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

आज यूं ही एक ख्याल आया ...

जब अक्ल = बुद्धि और मंद = धीमा, 

तब, अक्लमंद = बुद्धिमान क्यों ? 
मंदबुद्धि क्यों नहीं ....?


ज़रा आप लोग भी इस पर विचार करें और बताएं कि क्या यह सही नहीं है !? 

सादर आपका 
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13 साल में कर लिया एवरेस्ट फतह : पूर्णा के जज्बे को सलाम

Akanksha Yadav at शब्द-शिखर

अबकी बार किस देश में सेमिनार?

ravindra prabhat at परिकल्पना

किताबों की दुनिया - 95

नीरज गोस्वामी at नीरज

खजुराहो- मुख्य पश्चिमी मन्दिर समूह





मेरी लिखी कहानी "स्नेहा" - 92.7 big fm पर नीलेश मिश्रा की जादुई आवाज़ में................


इतवार के बाद सोमवार

Harminder Singh at वृद्धग्राम

जिंदगी के मायने

Anita Singh at मरासिम

मसाला दोसे का डिनर


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अब आज्ञा दीजिये ...

जय हिन्द !!!

रविवार, 25 मई 2014

इंडियन इंडिपेंडेस लीग के जनक : रासबिहारी बोस - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानी रास बिहारी बोस आजाद हिंद फौज का आधार स्तम्भ थे जिन्होंने जापान में रहकर अंग्रेजों की नाक में दम कर दिया।
 25 मई 1886 को बंगाल के ब‌र्द्धवान में जन्मे रास बिहारी बोस ने भारत में रहकर जहां बहुत सी क्रांतिकारी गतिविधियों को अंजाम दिया, वहीं उन्होंने जापान से ब्रितानिया हुकूमत के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष की शुरूआत की।
1908 में अलीपुर बम कांड के बाद रास बिहारी बोस देहरादून आ गए और वन अनुसंधान संस्थान में हैड क्लर्क के रूप में काम करने लगे। वह वहां गुप्त रूप से स्वतंत्रता संग्राम की चिनगारी सुलगाने का काम करने लगे और बहुत से नौजवानों को आजादी के आंदोलन में शामिल कर लिया।
रास बिहारी बोस ने 1912 में दिल्ली के चांदनी चौक पर अंग्रेजों को खुली चुनौती दी और कहा कि जितना जल्द वे भारत छोड़ेगे, उतना ही उनके लिए अच्छा रहेगा। भारत के इस महान क्रांतिकारी ने वायसराय लार्ड हॉर्डिंग को सबक सिखाने की ठानी। रास बिहारी, अवध बिहारी, भाई बाल मुकुंद, मास्टर अमीर चंद्र और वसंत कुमार विश्वास ने 23 दिसंबर 1912 को चांदनी चौक पर हार्डिंग पर बम फेंका जो दिल्ली में एक बड़े जुलूस के साथ अपनी सवारी निकाल रहा था।
क्रांतिकारी हार्डिंग की हेकड़ी निकलना चाहते थे जो भारतीयों पर कहर बरपाने के लिए तरह-तरह के हुक्म जारी करता था। हार्डिंग की किस्मत अच्छी थी, जिससे वह इस हमले में बच निकला लेकिन वह घायल हो गया। इस घटना के बाद गोरी हुकूमत ने आजादी के दीवानों पर दमन चक्र तेज कर दिया और चांदनी चौक की घटना में शामिल क्रांतिकारियों को पकड़ने के लिए व्यापक अभियान छेड़ा। ऐसे भी कई लोग गिरफ्तार कर लिए गए, जिनका इस घटना से कोई लेना देना नहीं था।
इस बम कांड में शामिल सभी क्रांतिकारी पकड़ लिए गए, लेकिन रास बिहारी बोस हाथ नहीं आए और वह भेष बदलकर जापान जा पहुंचे। मास्टर अमीर चंद्र, भाई बाल मुकुंद और अवध बिहारी को 8 मई 1915 को फांसी पर लटका दिया गया। वसंत कुमार विश्वास को अगले दिन 9 मई को फांसी दी गई।
उधर, जापान में रहकर रास बिहारी ने दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों में रह रहे भारतीयों को एकजुट करने का काम किया और उनके सहयोग से 'इंडियन इंडिपेंडेंस लीग' की स्थापना की। सैन्य अधिकारी मोहन सिंह के सहयोग से उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के भारतीय युद्धबंदियों को लेकर इंडियन नेशनल आर्मी [आजाद हिंद फौज] की स्थापना की। बाद में इसकी कमान नेताजी सुभाष चंद्र बोस को सौंप दी गई।
जापान की राजधानी तोक्यो में 21 जनवरी 1945 को रास बिहारी का निधन हुआ। इस के कुछ अरसा पहले ही जापान सरकार ने उन्हें 'आर्डर आफ द राइजिंग सन' सम्मान से नवाजा था |
 
 
सादर आपका 
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गुरु तो गुरु ही होता है

गगन शर्मा, कुछ अलग सा at कुछ अलग सा 







एक देह

डॉ0 अशोक कुमार शुक्ल at कोलाहल से दूर 
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अब आज्ञा दीजिये ...
 
जय हिन्द !!!  

शनिवार, 24 मई 2014

कुछ खास बात तो है बुलेटिन में....


इसे आप इत्तेफाक कहें या फिर कुछ और, पिछली बार जब बुलेटिन लिखना शुरू किया था तो 5 बुलेटिन लगाते-लगाते ही मेरी जॉब लग गयी थी, और दूसरी पारी का ये मेरा पाँचवाँ बुलेटिन है और आज ही नयी जॉब की कन्फ़ंर्मेशन मिली है... शायद इन्हीं सब चीजों से इंसान के अंदर अंधविश्वास बढ़ता है और हमें कोई आपत्ति नहीं होती, हो भी क्यूँ भला जब अपना कुछ फाइदा हो रहा हो... खैर ज्यादा कुछ कहने को है नहीं आज, चारो तरफ राजनीति का माहौल है और उसके बारे में जितना लिखने का सोचो कम ही लगता है, इसलिए राजनीति को हर इंसान की अपनी-अपनी समझ पर छोड़ देना चाहिए... इस माहौल से अलग हम खुश हैं और सोमवार से नए ऑफिस के बारे में सोच रहे हैं...   

जब भी नौकरी की बात आती है, कई लोग अक्सर वर्क लोड या थकान की शिकायत करते हैं, क्या आपने कभी सोचा ये नन्ही-नन्ही चिटियाँ ज़मीन के भीतर क्या क्या कर गुजरती हैं.... चलिये देखते हैं ये विडियो और फिर नज़र डालते हैं कुछ इधर-उधर की नयी-पुरानी पोस्ट्स के लिंक पर... 

 

बिहार की राजनीति में आज कल परिवर्तन का दौर है, इसी परिवर्तन को कभी प्रशांत जी ने आड़े हाथों लिया था, राजनीति से आगे बढ़ते हुये चलिये ये राँझा वाला गाना तो सुनते चलें, जन्म लेने से ठीक एक दिन पहले की बात है मेरे आँगन में आदित्य की पहली किरण के साथ ही मेरा नामकरण हो गया था और तब से ही इनकी तरह ही मैं भी कुछ लिखने की कोशिश कर रहा हूँ... अरे हाँ जब से मैं बंगलौर आया हूँ ये कुंदरु की अधपकी सब्जी से परेशान सा हो गया हूँ, लेकिन ये नहीं सोचा कभी कि क्या होगा रिश्ता मेरा और कुंदरु का, खैर आप जब बंगलौर की सड़कों पे चल रहे होंगे तो ये महसूस करेंगे कि सिग्नल लाल होने पर भी पीछे की गाडियाँ हॉर्न बजाते रहती हैं, कई बार दिल करता हर एक इंसान से जा जाकर कहूँ, नो हॉर्न प्लीज... खैर ये देखिये तीन बेहतरीन पोस्ट कह रही हैं कि  फूल बिछाती इस शय्या पर, खुद को इस तरह देखते हुये शायद इस बार ये प्रेम में मारी नहीं जाएंगी....

तो फिर ज़िंदगी चलने का नाम है, चलते रहिए, लड़ते रहिए और मुसकुराते रहिए.... फिर मिलते हैं....

शुक्रवार, 23 मई 2014

डबल ट्रबल - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

आज मैं सभी ब्लॉगर मित्रों के लिए एक जरूरी सूचना लाया हूँ ... खास तौर पर पुरुष ब्लॉगर मित्रों के लिए ... 

अगर आपकी पत्नी के पास ड्यूल सिम फोन है और वह दो फोन नंबर इस्तेमाल करती हैं, तो उनका नंबर Wife 1 और Wife 2 नाम से कभी सेव न करें।

अस्पताल में भर्ती एक पति ने खुद पर गुजरी बताते हुये यही राय दी है |

महिलाओं से भी अनुरोध है कि एक बार दोनों नंबर जांच लेने के बाद ही कोई कदम उठाएँ ... इतनी महेंगाई मे बेकार मे अस्पताल का खर्चा उठाने से तो यही सही रहेगा |

सादर आपका
शिवम् मिश्रा

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गीतिका

Rekha Joshi at Ocean of Bliss

गौधूली वेला...

संध्या शर्मा at मैं और मेरी कविताएं

पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का रिजर्वेशन काउंटर कब होगा दलाल मुक्त?

आशीष कुमार 'अंशु' at बतकही

जिंदगी के पन्ने


सही व्यक्ति को ही श्रेय मिलना चाहिए

ZEAL at ZEAL

मजूदर औरत

Anusha at उड़ान

याद है …?

रश्मि प्रभा... at मेरी भावनायें...

चुनें हुए शेर


ड्राइवर


संत हृदय नवनीत समाना ....

वाणी गीत at ज्ञानवाणी

रसधारा 

अनुपम ध्यानी at Journey

पंचम दा के कुछ अनरिलीजड गाने


सम्‍बंधों का सेतु !

सदा at SADA

माँ................................

anand murthy at anandkriti

उलझी बातें

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अब आज्ञा दीजिये ...

जय हिन्द !!!

गुरुवार, 22 मई 2014

पतझड़

आदरणीय ब्लॉगर मित्रों

प्रस्तुत है आज का बुलेटिन उम्मीद है आपका स्नेह प्राप्त होगा |














एक फूल जब चमन में खिल गया
सारे गुलशन से ही वो अलग हुआ
ज़िन्दगी सिमट गई उसकी
वक़्त आखिरी जिंदगी का, उसका आ गया
वो तो मासूम बेखबर था ज़माने से
वो तो अपनी ही हर सोच में उलझ गया
उस माली का किरदार भी, अजब ही था कुछ
पूरे चमन की आँखों में वो खटक गया
सीखी माली से चमन ने भी बेवफाई
जिंदा रहने का भी स्वप्न छोड़ दिया
अब क्या तोड़ोगे तुम हर गुल को
बाग़ का पत्ता-पत्ता भी ये कह कर रो दिया
मांगी माफ़ी माली ने, जब जानी अपनी गलती
भोले-भाले उपवन में फिर वसंत हो गया....

आज की कड़ियाँ 













अब इजाज़त | आज के लिए बस यहीं तक | फिर मुलाक़ात होगी | आभार
जय श्री राम | हर हर महादेव शंभू | जय बजरंगबली महाराज 

बुधवार, 21 मई 2014

'मैं' मेरा अहम नहीं स्वत्व है



सबकुछ लिखने की कोशिश में मैंने अपने मैं को जगाया है 
'मैं' मेरा अहम नहीं 
स्वत्व है 
जन्मगत संस्कारों की धुरी है 
संस्कारों के गुम्बदों पर मर्यादा के धागे बाँध 
अमर्यादित शब्दों को मर्यादा के घेरे में 
लोगों के दिलों में उतारती हूँ 
सहनशीलता के बाँध को तोड़ 
रोती और रुलाती हूँ 
आँसू कमज़ोरी नहीं 
कायरता नहीं 
संवेदना के स्वर हैं 
इसी स्वर से परिवर्तन हुआ है 
होगा  … 



लेखागार