आज विश्व तम्बाकू निषेध दिवस है, विश्व स्वास्थ्य संगठन के सदस्य देशों ने 31 मई का दिन निर्धारित करके धूम्रपान के सेवन से होने वाली हानियों और ख़तरों से विश्व जनमत को अवगत कराके इसके उत्पाद एवं सेवन को कम करने की दिशा में आधारभूत कार्यवाही करने का प्रयास किया है। इसी दिशा में प्रतिवर्ष प्रतीकात्मक रूप में एक नारा निर्धारित किया जाता है। वर्ष 2012 में पूरी दुनिया में धूम्रपान के उत्पाद एवं उसके वितरण में धूम्रपान उद्योगों की स्पष्ट भूमिका के दृष्टिगत 31 मई को नारा दिया गया "सावधान! हम बहुराष्ट्रीय धूम्रपान उद्योगों को बंद कर देंगे"।
यह एक सामाजिक जागरूकता फ़ैलानें के लिए अभूतपूर्व प्रयास है, और इस दिन विभिन्न कार्यक्रम कर लोगों को तम्बाकू से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले नुक़सान के बारे में बताया जाता है। भारत में सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान गैर कानूनी है लेकिन इसका उतनी कडाई से पालन नहीं होता है। सरकारी प्रयास तम्बाकू निषेध के लिए नाकाफ़ी है लेकिन फ़िर भी एक बडा वर्ग तम्बाकू से छुटकारा पानें के लिए जागरूक हुआ है और वह सजग रूप से खुद को सुधार कर दूसरों की मदद भी कर रहा है।
आईए अब थोडा हंस लिया जाए...
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बीरबल को तम्बाकू चबाने की आदत थी | बादशाह उन्हें तम्बाकू चबाने के लिए मना कर चुके थे | बीरबल को तम्बाकू की लत लग चुकी थी |
एक बार बादशाह बीरबल के साथ एक खेत से होकर गुजर रहे थे | उस खेत के पास ही एक तम्बाकू का खेत था | उस खेत की ओर इशारा करते हुए बीरबल से कुछ कहने ही वाले थे कि तभी उनकी नजर उस खेत की ओर बढते एक गधे पर पड़ी | लेकिन खेत के अन्दर घुसते ही वह गधा अचानक ठिठक गया | उसने दी तीन बार सुंघा और फिर तेजी से उस खेत से बाहर निकल गया | यह देखकर बादशाह हँसते हुए बीरबल से बोले , “देखा तुमने गधे भी तम्बाकू खाना पसंद नही करते |”
बीरबल ने तपाक से से जवाब दिया “देखा हुजूर गधे ही तम्बाकू खाना पसंद नही करते”
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अब आज के बुलेटिन की ओर चलते हैं.....
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मित्रों विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर हम बुलेटिन के मंच से सभी को जागरूक रहने और जागरूकता फ़ैलाने का अनुरोध करते हैं. सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान रोकिए, और बीमारी से बचिए...
जय हिन्द
देव