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मंगलवार, 11 फ़रवरी 2014

आज की बुलेटिन - क्या हिन्दी ब्लॉगजगत में पाठकों की कमी है ?

सभी ब्लॉगर मित्रों को सादर नमस्ते।।


 

क्या हिन्दी ब्लॉगजगत में पाठकों की कमी है ? यह सवाल समय - समय पर उठता रहा है। इस समस्या से निदान के लिए कभी ब्लॉग एग्रीगेटरों का सहारा लिया गया या फिर चर्चाकार ब्लॉगों का लेकिन समस्या वही की वही क्या हिन्दी ब्लॉगजगत में पाठकों की कमी है ? पूरा लेख यहाँ पढ़े .... 

अब चलते हैं आज की बुलेटिन की ओर  ………


रुदन का हंसना ही तो गान

कबीर के लेटेस्ट दोहे

धंधे के लिये झुकने को तैयार बालाजी टेलीफिल्मस

ऑटो एक्सपो 2014

एक ऐसा एप्प जो महिलाओ को दे पूरी सुरक्षा

पिता

खुशियों को साथ ले के आती हैं बेटियां

बनो धरती का हमराज !

बसंत का मौसम

खड़ा था खड़ा ही रह पड़ा

बंद आँखों का सुकून


कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि।।

7 टिप्पणियाँ:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

बहुत सुंदर बुलेटिन हमेशा की तरह लाजवाब । उल्लूक का "खड़ा था खड़ा ही रह पड़ा" भी शामिल किया गया है । आभार ।

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

लाजबाब,बेहतरीन लिंक्स ..!
मेरे पोस्ट को शामिल करने के लिए आभार ...हर्ष वर्धन जी....

RECENT POST -: पिता

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

सुन्दर और रोचक सूत्रों का बुलेटिन।

शिवम् मिश्रा ने कहा…

बढ़िया बुलेटिन हर्ष |
आप के उठाए मुद्दे पर मैंने अपने विचार लेख पर दे दिये है ... देखिएगा |

Nidhi ने कहा…

बहुत अच्छे लिंक्स
रुदन का हंसना ही तो गान ..अनु हमेशा की तरह लाजवाब

कबीर के लेटेस्ट दोहे...मजेदार
ऑटो एक्सपो 2014

एक ऐसा एप्प जो महिलाओ को दे पूरी सुरक्षा

दोनों लेख सूचना परक
पिता और बेटी पर कवितायें सुन्दर.

बंद आँखों का सुकून ...सही बात

मनोज कुमार ने कहा…

सुंदर चयन!

संजय @ मो सम कौन... ने कहा…

बाज़ार में तेजी-मंदी आती रहती है, ये भी एक बाज़ार ही है।

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बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!

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