प्रिय ब्लॉगर मित्रो,
प्रणाम !
एक बार मुझ को एक पुलिस वाले ने गाड़ी को ओवर स्पीड से चलाने के लिए सिग्नल पर रोका !
मैंने उस पुलिस वाले को पहचान लिया ये वही था जिसने मुझ को एक बार मोटरसाईकिल से उतारा था और मेरे साथ झगड़ा किया था और बाद में मेरा चालान भी काट दिया था मैंने सोचा आज तो इसको मजा चखा कर ही रहूँगा!
मैंने जैसे उसकी बात सुनी ही नहीं और वहां से गाड़ी बड़ी तेजी से आगे बड़ा दी!
ये देख कर पुलिस वाले को गुस्सा आया और उसने अपनी मोटर साईकिल स्टार्ट की और मेरी गाड़ी का पीछा करने लगा मैंने थोड़ी दूर जाकर गाड़ी को रोक दिया मेरे पीछे पुलिसवाला भी वहां पहुँच गया !
मैंने उस पुलिस वाले को पहचान लिया ये वही था जिसने मुझ को एक बार मोटरसाईकिल से उतारा था और मेरे साथ झगड़ा किया था और बाद में मेरा चालान भी काट दिया था मैंने सोचा आज तो इसको मजा चखा कर ही रहूँगा!
मैंने जैसे उसकी बात सुनी ही नहीं और वहां से गाड़ी बड़ी तेजी से आगे बड़ा दी!
ये देख कर पुलिस वाले को गुस्सा आया और उसने अपनी मोटर साईकिल स्टार्ट की और मेरी गाड़ी का पीछा करने लगा मैंने थोड़ी दूर जाकर गाड़ी को रोक दिया मेरे पीछे पुलिसवाला भी वहां पहुँच गया !
अब मेरे और उस पुलिस वाले के बीच क्या क्या बात हुयी आपको सिलसिलेवार तरीके से बताता हूँ !
पुलिसवाले ने रौब दिखाते हुए कहा चलो अपना लाइसेंस दिखाओ!
मैं :- नहीं है!
पुलिसवाले ने कहा गाड़ी के कागज दिखाओ
मैं :- नहीं है! सर, मैं आपको ये सब कुछ दिखा देता पर आपको पता नहीं कि ये गाड़ी चोरी की है और पहले मैंने इसके मालिक को लूट लिया फिर उसको जान से मार दिया अगर आपको यकीन नहीं हो रहा तो ये ट्रंक देख लीजिये इसमें उसकी लाश पड़ी है!
ये सब सुनकर पुलिस वाला चौंक गया और उसने अपने ऑफिसर को फोन पर सारी बात बता दी!
कोई दस मिनट बाद वहां वह पुलिस ऑफिसर पहुँच गया और उसने मुझ से पूछताछ शुरू कर दी!
ऑफिसर ने मुझ को कहा चलिए गाड़ी से बाहर उतरिये!
मैं :- सर कोई प्रॉब्लम है क्या?
ऑफिसर जी हाँ हमे खबर मिली है कि ये गाड़ी चोरी की है और आपने इसके मालिक को मार दिया है!
मैं :- हैरान होकर गाड़ी के मालिक को मार दिया है!
पुलिस ऑफिसर क्या आप इस ट्रंक को खोल कर दिखाएँगे, मैंने ट्रंक खोला पर वो बिल्कुल खाली था!
ऑफिसर सर क्या ये आपकी गाड़ी है!
मैं :- जी हाँ, बिल्कुल ये देखिये गाड़ी के कागज और ये रहा मेरा लाइसेंस ऑफिसर ने गौर से देखा और कहा:
ऑफिसर: सर हमें इस गुस्ताखी के लिए माफ़ कीजिये पर मुझे किसी मेरे साथी ने फोन करके बताया था कि आपके पास न लाइसेंस है न गाड़ी के कागज और गाड़ी चोरी की है गाड़ी के मालिक को लूटने के बाद मार दिया है!
मैं : - उस कमीने ने आपको ये नहीं बताया कि मैं गाड़ी भी ओवर स्पीड से चला रहा था!
ये सब सुनकर पुलिस वाला चौंक गया और उसने अपने ऑफिसर को फोन पर सारी बात बता दी!
कोई दस मिनट बाद वहां वह पुलिस ऑफिसर पहुँच गया और उसने मुझ से पूछताछ शुरू कर दी!
ऑफिसर ने मुझ को कहा चलिए गाड़ी से बाहर उतरिये!
मैं :- सर कोई प्रॉब्लम है क्या?
ऑफिसर जी हाँ हमे खबर मिली है कि ये गाड़ी चोरी की है और आपने इसके मालिक को मार दिया है!
मैं :- हैरान होकर गाड़ी के मालिक को मार दिया है!
पुलिस ऑफिसर क्या आप इस ट्रंक को खोल कर दिखाएँगे, मैंने ट्रंक खोला पर वो बिल्कुल खाली था!
ऑफिसर सर क्या ये आपकी गाड़ी है!
मैं :- जी हाँ, बिल्कुल ये देखिये गाड़ी के कागज और ये रहा मेरा लाइसेंस ऑफिसर ने गौर से देखा और कहा:
ऑफिसर: सर हमें इस गुस्ताखी के लिए माफ़ कीजिये पर मुझे किसी मेरे साथी ने फोन करके बताया था कि आपके पास न लाइसेंस है न गाड़ी के कागज और गाड़ी चोरी की है गाड़ी के मालिक को लूटने के बाद मार दिया है!
मैं : - उस कमीने ने आपको ये नहीं बताया कि मैं गाड़ी भी ओवर स्पीड से चला रहा था!
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अब तक तो आप सब यह समझ ही गए होंगे कि मैंने यहाँ एक लतीफा अपने ऊपर सेट कर के चैप दिया है ... तो साहब जब आप यह जान ही गए है तो इस लतीफे को एक बार फिर से पढ़ लीजिये ... और जी भर कर मुस्कुराइए ... तब तक मैं आज की ब्लॉग बुलेटिन सजाता हूँ !
सादर आपका
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posted by noreply@blogger.com (विष्णु बैरागी) at एकोऽहम्मेरी उत्तमार्द्ध ‘बहनजी’ हैं। ‘बहनजी’ याने शिक्षक। रोज सुबह उन्हें स्कूल छोड़ना और शाम को स्कूल से लाना मेरी दिनचर्या का अनिवार्य अंग है। 26 जनवरी को जब मैं उन्हें ले कर लौट रहा था तो बोलीं - ‘जब से इस स्क...
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posted by IRFAN at ITNI SI BAAT
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posted by Archana at मेरे मन कीसबसे पहले हुई मेंहंदी की रस्म... पल्लवी की......16 जनवरी....गीत सुनते जाईये और आप भी शामिल हो जाईये.. १ - २- ३-
posted by varsha at likh dalaप्याज जाने क्या है तुम और नमीं कदम-ताल मिला कर ही आते हो और आज तो दस्तक भी शामिल हो गयी थी अधकटे प्याज के साथ खोल दिया दरवाज़ा एक बार फिर मैंने छिपा लिया था तुम्हें और तुम्हारे लिए अपना जज़्बा. **...
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posted by वन्दना at ज़िन्दगी…एक खामोश सफ़रबोधि प्रकाशन जयपुर द्वारा प्रकाशित कृति *"स्त्री होकर सवाल करती है " *स्त्री विषयक काव्य संग्रह एक उपलब्धि से कम नहीं ...........माया मृग जी और डॉक्टर लक्ष्मी शर्मा जी के अथक प्रयासों का जीवंत रूप है ...
posted by मनोज पटेल at पढ़ते-पढ़ते*प्रसिद्द ईरानी फिल्मकार अब्बास कियारोस्तामी की अनोखे चाक्षुष बिम्बों वाली कविताएँ आप इस ठिकाने पर पहले भी पढ़ते रहे हैं. आज कुछ और कविताएँ प्रस्तुत हैं... * * * * * *अब्बास कियारोस्तामी की कविताएँ * (अन...
posted by रेखा श्रीवास्तव at मेरा सरोकारजिन्दगी वह महा समर है जिसको जीतने के लिए शायद ही कोई ऐसा होगा जिसने जीवन में संघर्ष न किया हो। ऐसा नहीं इसके कुछ अपवाद होते हें जिन्होंने कभी इस प्रकार का कोई भी अनुभव जीवन में न लिया हो लेकिन ९९ प्रतिशत ...
posted by "रुनझुन" at रुनझुनलगभग ढाई महीने से रुनझुन के ब्लॉग पर ख़ामोशी थी.... कहीं कोई हलचल नहीं.... किन्तु ब्लॉग पर भले ही कोई हलचल न हो ज़िन्दगी तो हर वक़्त हलचलों से ही भरी रहती है... हर पल कुछ न कुछ नया घटित होता रहता है.... ...
posted by अमित श्रीवास्तव at "बस यूँ ही " .......अमितसाइकिल दीवार के सहारे खड़ी कर जैसे ही मै जीने पर पाँव रखता ,उसका छोटा भाई चिल्ला उठता ,दीदी तुम्हारे 'सर' आ गए । प्रारम्भ में मुझे केवल उस लड़की को पढ़ाने के लिए ही रखा गया था, पर...
posted by abhi at मेरी बातें*'स्मृतियों में रूस'* को लेकर मैं बहुत पहले से काफी उत्साहित था.शायद आजतक मैं किसी भी किताब को लेकर इतना उत्साहित कभी नहीं रहा.इसकी वजह भी थी.जब से*शिखा दी *ने इस किताब की प्लानिंग की तब से ही मैं भी इस क...
posted by आवेश तिवारी at नेटवर्क6ये एक थके -हारे घोड़े को स्टेरायड देने जैसा है |कल जब लखनऊ में जामा मस्जिद के इमाम अहमद बुखारी वोटरों से सपा को जितना के अपील कर रहे थे तो सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के चेहरे पर एक आश्वस्त मुस्कान दिख रह...
posted by सुमित प्रताप सिंह at सुमित के तड़के (कविता)आया चुनाव निकट स्थिति बनी विकट मन में लेकर आस गये नेता जी दूसरे नेता के पास हौले-हौले प्रेम से बोले झगड़े की न रखो बात-बात हो जाओ हमारे साथ-साथ बनेगी जोड़ी खास-खास तुम नागनाथ, हम साँपनाथ तुम डाल-डाल, ...
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिंद !!!
32 टिप्पणियाँ:
दमदार बुलेटिन..
ओSSSSSSSSSइतने सारे लिन्क्स और वो भी एक से बढ़ कर एक( सबको नहीं पढ़ पाई हूं अभी, पर खोल चुकी हूं)दिन भर है पढ़ ही लूंगी)हा हा हा..मेरी बेटी को सबसे मिलवाने का शुक्रिया..
बहुत शानदार ढंग से सजाये बुलेटिन के लिए आभार शिवम् जी !
बहुत अच्छी चर्चा।
मुझे जगह देने के लिए आभार व धन्यवाद ,सभी लेख पढेंगे ..
kalamdaan.blogspot.com
इतनी सुन्दर चर्चा में मुझे शामिल करने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया!!!
भाईसाब गजब का लतीफा था... हा हा हा...
लिंक भी सब के सब बढ़िया हैं...
blog ki duniya men nai chamak .....bdhai
मैं भी सोचूँ कि यह घटना तो मेरे साथ घटी थी, ये शिवम भाई कैसे बयाँ कर रहे हैं.. फिर लगा, छोटे भाई हैं जाने दो!! मज़ा आ गया सुबह सुबह!! दिन बन गया!!!
बिना खर्चा (???)
सुन्दर चर्चा...
शुक्रिया...
वाह बहुत सुन्दर लिंक्स संजोये हैं………बढिया बुलेटिन्।
हाहाहा मजेदार कहानी ... मज़ा आ गया , लिंक्स की बहार है और मैं भी हूँ बासंती बयार में - शुक्रिया
बहुत से अच्छे लिन्क देने के लिए शुक्रिया.
आभार, किसी फ़िल्म में गोविन्दा के साथ भी यही हुआ था।
shukriya,kuch links to bahut achche hain.
शिवम् जी हसाने के लिए आभार ...
पढ़कर बहुत मज़ा आया ...
बुलेटिन भी बढ़िया है ...
बेहतरीन प्रस्तुति ।
कहानी मजेदार है :).
और बुलेटिन सार्थक.
प्रत्येक घटना और दुर्घटना संभव है
प्यार और यातायात में
क्यों सही कहा न शिवम् भाई।
बहुत शानदार बहुत जानदार बुलेटिन..
सोचती रह गई ,और लिखना भूल ही गई , इसलिए थोड़ी देर हो गई.... !!
अपने पर मज़ाक-लतीफे , हौसले की दाद देनी पड़ेगी , और अच्छे लिंक्स की उत्तम प्रस्तुति..... !!
वाह जी वाह... खुद को शीर्षक रूप में पाकर मजा आया...
मुंबई में रहता हूँ, आये दिन ट्रैफिक के कांस्टेबल से पाला पड़ता रहता है....
अच्छी भूमिका और बहुत ही मेहनत से सजा बुलेटिन...
shaaandaar buletin..:)
गज़ब का लतीफ़ा था । हैरान कर गया ।
बढ़िया चर्चा ।
यह बुलेटिन नहीं बुलेट है ,शानदार |
बेहतर लिंक्स, शुक्रिया शिवम् जी !!
सुन्दर लिंक्स है
बढ़िया
बहुत सन्नाट धरे हैं मिसर जी ..एकदम कटिंगदार और पेना बुलेटिन जारी किए हैं ....लतीफ़ा तो वजीफ़ा सरीखा रहा जी । बेहतरीन पीस
आप सब का बहुत बहुत आभार !
आपकी कल्पनाशीलता आपकी कहानी से झलकती है परिश्रम इस संयोजन से। सलाम।
शिवम भाई,...आपने इस खुशी के मौके पर मेरे पोस्ट में पहला कमेंट्स देकर मेरे सारे गिले शिकवे भुला दिये..आभार
लाजबाब प्रस्तुतीकरण...
NEW POST...40,वीं वैवाहिक वर्षगाँठ-पर...
आप के लेखन का तरीका बहुत ही अच्छा है ,पूरा बुलेटिन पढ़े बिना रहा ही नहीं गया
ऐसे ही लिखते रहें.....शुभकामनाये .......
आप ने जो चुटकला खुद पर फिट किया बहुत बढिया लगा ........
गौ माता के लिए कुछ करने की दृष्टि से एक मंच का निर्माण हुआ
आप भी सादर आमंत्रित है.....पधारियेगा....
गौ वंश रक्षा मंच
gauvanshrakshamanch.blogspot.com
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बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!