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बुधवार, 30 नवंबर 2011

ब्लॉग जगत से कोहरा हटा और दिखा - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रो ,
प्रणाम !

सर्दियों के मौसम में आम बात है कोहरा, जिसकी वजह से थम जाती है रोजमर्रा की रफ्तार। आखिर क्या वजह होती है इस प्राकृतिक घटना की ...
यूं तो सर्दियों का मौसम बहुत खुशगवार होता है, लेकिन सभी के लिए नहीं। इन दिनों अक्सर देर रात और सुबह धरती के ऊपर धुएं जैसा आवरण छा जाता है। इसे कोहरा [फॉग] कहते हैं। इसकी वजह से न केवल राहगीरों को बल्कि ट्रेन ड्राइवरों और एयरोप्लेंस के पायलटों तक को रास्ता ठीक से नहीं दिखाई देता। कभी-कभी तो कोहरा इतना घना होता है कि हमें ड्राइंग रूम से मकान का मेन गेट तक नहीं दिखाई देता है। सर्दियों में ऐसे दृश्य देखकर यकीनन आपके मन में भी सवाल उठता होगा कि आखिर यह कोहरा क्या चीज है?

फॉग और स्मॉग

आइये देखें, कोहरा कैसे बनता है? 

हमारे चारों ओर उपस्थित हवा में जलवाष्प [वॉटर वेपर] होती है, जिसे हम नमी कहते है। सर्दियों में पृथ्वी की सतह के पास की गर्म हवा में मौजूद जलवाष्प ऊपर मौजूद ठण्डी हवा की परतों से मिल कर जम जाती है। इस प्रक्रिया को सघनन [कंडेन्शन] कहते है। जब हवा में बहुत ज्यादा कंडेन्शन हो जाता है तो यह भारी होकर पानी की नन्हीं-नन्हीं बूंदों में बदलने लगती है। आसपास की अधिक ठडी हवा के सपर्क में आने पर इसका स्वरूप धुएं के बादल जैसा बन जाता है। इसी को मौसम वैज्ञानिक कोहरा बनना कहते है। 

क्या होता है 'स्मॉग' ??

औद्योगिक क्षेत्रों में कोहरा ज्यादा घना हो जाता है और इसे 'स्मॉग' कहते हैं। स्मॉग स्मोक और फॉग से मिलकर बना शब्द है। अब तो आप इसका मतलब समझ ही गये होगे, फैक्ट्रियों का धुआ कोहरे के साथ मिलकर जो बादल बनाता है उसे स्मॉग कहते है।

क्या होती है धुंध?

धुंध भी कोहरे की तरह ही होती है, अंतर बस केवल इतना है कि यह अधिक घनी हो जाती है। जहाँ कोहरा हमें जाड़े में दिखायी देता है वहीं धुंध बरसात के दिनों में हवा में नमी की मात्रा बढ़ जाने के कारण उत्पन्न होती है। धुंध पहाडि़यों और जंगलों वालों क्षेत्रों में अधिक बनती है।

कैसे होता है हिमपात?

कोहरे में उपस्थित पानी के कणों के कारण आर-पार देखना मुश्किल हो जाता है। जब यह प्रक्रिया खूब ठण्डे पहाड़ी इलाकों में होती है तब पानी की बूंदे जमकर बर्फ के नन्हे क्रिस्टल्स में बदल जाती हैं। इसी को हम 'हिमपात' अथवा बर्फ गिरने के नाम से जानते है।

छाटा भी जा सकता है कोहरा

बड़े शहरों में कोहरा गाँव व कस्बों में दिखने वाली कोहरे की परतों की अपेक्षा अधिक मोटा होता है। कारण यह है कि बड़े शहरों की हवा में धूल और धुएं के कण अधिक होते है जो कोहरे में उपस्थित पानी के कणों से मिलकर इसे गहरा बना देते है। कोहरे वाले स्थान पर सिल्वर आयोडाइड या कैल्शियम क्लोराइड का छिड़काव करने से कोहरे में मौजूद पानी बूंदों के रूप में जमीन पर गिर जाता है और कोहरा छट जाता है!

बिना सर्दियों के कोहरा!

आपने तो सर्दियों के मौसम में ही कोहरा देखा होगा, लेकिन समुद्र में सफर करने वाले नाविक अक्सर कोहरे से दो-चार होते है। दरअसल समुद्र में पानी की गर्म और ठण्डी धाराओं के सतह के ऊपर की हवा से टकराने से कोहरा बन जाता है।

जीवन के लिए वरदान

कोहरा रेगिस्तानी इलाकों में पशु-पक्षियों और वनस्पति के लिए जीवनदाता बनकर आता है। बाजा [कैलिफोर्निया], कैनरी आईलैण्ड, केप वर्डे आईलैण्ड, नामिब डेजर्ट, पेरू और चिली दुनिया के कुछ ऐसे स्थानों में है जहाँ वर्ष भर सूखा पड़ा रहता है। कोहरे के कारण इन स्थानों में हवा में पानी की मात्रा बढ़ जाती है। इस पानी के कारण रेगिस्तानी पशु-पक्षी तथा पेड़-पौधे मजे से जीवित रह लेते है। इन क्षेत्रों के निवासियों ने ऐसी तकनीकें विकसित की है जिनसे कोहरे से पानी एकत्र किया जा सकता है।


आइये अब इस कोहरे को हटाते हुए चलते है आज की ब्लॉग बुलेटिन की ओर ...


सादर आपका 


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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिंद !!

20 टिप्पणियाँ:

shikha varshney ने कहा…

मौसमी बुलेटिन ...वाह ..

रश्मि प्रभा... ने कहा…

मौसमी कोहरा ... लिंक का उजाला

Archana Chaoji ने कहा…

अहा! कितना शिक्षाप्रद हैआज का बुलेटिन और आसान लगा बहुत इसे पढ़ना.....ये मुझसे हो गया....आभार...

SANDEEP PANWAR ने कहा…

बेहतरीन लिंक तलाश करके लगाये है।

Rahul Singh ने कहा…

धन्‍यवाद, कोहरे का कोहरा हटा.

ब्लॉग बुलेटिन ने कहा…

ब्लॉग बुलेटिन टीम में आपका स्वागत है रश्मि प्रभा जी ... हमारी ओर से आपको बहुत बहुत धन्यवाद और हार्दिक शुभकामनाएं !

amit kumar srivastava ने कहा…

वाह, आनन्द आ गया , हाँ , आभार भी ,मुझे इस धुंध में ढूंढ कर सामने लाने के लिये ......

सुरेश शर्मा . कार्टूनिस्ट ने कहा…

बेहतरीन लिंक!मौसमी बुलेटिन..वाह!हार्दिक शुभकामनाएं !

चला बिहारी ब्लॉगर बनने ने कहा…

कोहरा छंट गया.. ज्ञान मिला.. आपके कहास अंदाज़ में!!!

शिवम् मिश्रा ने कहा…

ब्लॉग बुलेटिन टीम में आपका स्वागत है रश्मि प्रभा जी ... हमारी ओर से भी आपको बहुत बहुत धन्यवाद और हार्दिक शुभकामनाएं !

नुक्‍कड़ ने कहा…

स्‍वादिष्‍ट और पौष्टिक है चिट्ठे की चाट

Shah Nawaz ने कहा…

वाह शिवम् भाई... कमाल कर दिया, ज़बरदस्त खबरिया बुलेटिन सजाया है भय्या!

अजय कुमार झा ने कहा…

बुलेटिन की प्रस्तावना , हमेशा ही उपयोगी और बेहरतीन साबित होती है , पोस्ट की शुरूआत ही सार्थक हो जाती है , लिंक्स बोनस की तरह और बढिया लगते हैं
मिसर जी की जय , रश्मि प्रभा जी का स्वागत स्वागत स्वागत ...समाचार दल में आने के लिए शुभकामनाएं

अशोक कुमार शुक्ला ने कहा…

बुलेटिन हमेशा ही उपयोगी और बेहरतीन साबित होती है ,मुझे इस धुंध में ढूंढ कर सामने लाने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद
आभार

ब्लॉग बुलेटिन ने कहा…

को नहीं जानत है ब्लॉग जगत में पाबला जी ... " संकट मोचन" नाम तिहारो !!

मनोज कुमार ने कहा…

कुहासे की-सी बुलेटिन, एक सुंदर संकलन।

ब्लॉग बुलेटिन ने कहा…

ब्लॉग बुलेटिन के सभी पाठको को सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आप सब ने देखा ... पिछले कुछ दिनों से टिप्पणियाँ तो आ रही थी पर अपने आप ही गायब हो जाती थी ... हो सकता है आप के साथ भी ऐसा हुआ हो ... पर अब ऐसा नहीं होगा ... हमारी टीम के तकनीकी विशेषज्ञ पाबला जी ने इस समस्या का तोड़ निकाल लिया है और अगर आप थोडा समय दे कर पुरानी पोस्टो को देखें तो पायेंगे ... सारी की सारी गायब टिप्पणियाँ वापस आ गई है !

abhi ने कहा…

क्या बात है भैया....:) जाड़े और कोहरे पर रिसर्च!!

शिवम् मिश्रा ने कहा…

आप सब का बहुत बहुत आभार !

रवीन्द्र प्रभात ने कहा…

अभी तो मौसम में कोहरा का दौर शुरू हुआ है और आपने ब्लॉगजगत से कोहरे को हटा दिया वेहतर लिंक देकर, बधाई आपको !

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