२६/११ के दिन मुंबई मे आतंकवादी हमले में कई जाने गई थी| सवाल यह है कि आज तीन साल होने के बाद जब मुंबई हमले में पकडे गए आतंकवादी अजमल कसाब पर सारे आरोप सिद्ध हो चुके है यहाँ तक कि कोर्ट ने उसे फाँसी कि सजा भी सुना दी है फिर आज वो भारत में पकडे जाने वाला इतना खर्चीला आतंकवादी क्यों बन गया है ?
क्या ये सरकारी लोचा है या फिर ये भारत पाकिस्तान के बीच रिश्ते न बिगड़ पाए इसलिए टला जा रहा है मुझे तो समझ ही नहीं आता|
"अमन की आशा " मुझे तो लगता है की इस गैर सरकारी संस्था को बंद कर देना चाहिए क्योकि भारत पाक के बीच कभी समझोता नहीं हो सकता| आपको याद होगा की जब अमेरिकी सील्स ने ओसामा बिन लादेन को मरने के लिए चुपचाप हमला किया था| हमले के बाद एक टीवी रिपोर्ट में एक बच्चे का इंटरव्यू लिया गया और उससे सवाल किया गया कि जब हेलीकाप्टर गिरा तो उसे क्या लगा तो उसके बच्चे का जवाब था "जब हेलीकाप्टर गिरने और बंदूकें चलने की आवाज़ आई तो मुझे लगा कि भारत ने हम पर हमला कर दिया" उसकी इस बात से ये पता चलता है कि पाकिस्तान के आम लोगो को यहाँ तक कि स्कूलों में भी भारत विरोधी शिक्षा दी जाती है तो फिर पाकिस्तान की आने वाली पीडी अमन के बारे में सोच भी कैसे सकती है| उसे तो बस इतना पता है कि लोगों से अगर दुश्मनी हो तो उसके हल सिर्फ उनको मार कर ही निकला जा सकता है| इसीलिए तो आज विश्व भर में आतंकवाद का सोर्स पाकिस्तान है|
आप लोगो का इस बारे में क्या सोचना है कृपया अपनी राय दीजिये|
आज की हेडलायंस कुछ इस प्रकार है
कलमाड़ी, राजा का नया टेंशन !!!
लहू पुकारता है इशरत जहां का
भारत के लिए याहू की नयी विडियो साईट
संसद चल रही है ... ???
बुनियाद.... -सतीश सक्सेना
अर्थशास्त्र जाये भाड़ में !!
पूर्व नियोजक से बकाया परिलाभ प्राप्त करने के लिए क्या उपाय है?
एक दाँव जो उल्टा भी पड़ सकता है
हताशा से जूझते भारत का ज्ञान और सपने
माया का आइडिया माल्या के लिए!!
कार्टून :- .... लो एक शोहदा और आया
इकोनोमिक्स या पोलिटिक्स ??
फोकस न लूज करो, मि.मल्टी-टास्कर!!!
मनमोहन की सचमुच कोई नहीं सुनता.
सरकार का सेन्स ऑफ़ ह्यूमर.
गिलानी को शांति का नोबेल ???
आज के लिए इतना ही फिर मुलाकात होगी ... जय हिंद !!
5 टिप्पणियाँ:
२६/११ के सभी अमर शहीदों को सभी मैनपुरी वासीयों की ओर से शत शत नमन ! जय हिंद !!!!
वीरों के बलिदान को नमन.....
हिन्दुस्तान के जज़्बे को नमन..
जय हिन्द...
26/11 की वो घटना कभी न दोहराई जाये यही कामना है.
बेशक कसाब को अविलम्ब फांसी दो क़ानून का मखौल मत उडाओ लेकिन साथ ही -दुश्मनी लाख सही ख़त्म न कीजे रिश्ते ,दिल मिले या न मिले हाथ मिलाते रहिये ....
मुलाकात कह रहे हो
वह तो अभी शुरूआत है
दाल भात भी होती
पर वह बहुत महंगी है
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