सभी ब्लॉगर मित्रों को मेरा सादर नमस्कार।
विश्व हीमोफ़ीलिया दिवस (अंग्रेज़ी: World Hemophilia Day) 17 अप्रैल को मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य हीमोफ़ीलिया रोग और रक्त बहने संबंधी अन्य बीमारियों के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाना है। प्रत्येक वर्ष '17 अप्रैल' को 'विश्व हीमोफ़ीलिया दिवस' के रूप में मनाया जाता है। हीमोफ़ीलिया रक्त से जुड़ी एक ख़तरनाक और जानलेवा बीमारी है। इस बीमारी में चोट लगने या किसी अन्य वजह से रक्त बहना शुरू होने पर बन्द नहीं होता, जिस कारण यह जानलेवा सिद्ध होती है।
इसके प्रति जागरूकता फैलाने के लिए 1989 से 'विश्व हीमोफ़ीलिया दिवस' मनाने की शुरुआत की गई। तब से हर साल 'वर्ल्ड फ़ेडरेशन ऑफ़ हीमोफ़ीलिया' (डब्ल्यूएफएच) के संस्थापक फ्रैंक कैनेबल के जन्मदिन 17 अप्रैल के दिन 'विश्व हीमोफ़ीलिया दिवस मनाया जाता है। फ्रैंक की 1987 में संक्रमित ख़ून के कारण एड्स होने से मौत हो गई थी। डब्ल्यूएफएच एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है, जो इस रोग से ग्रस्त मरीजों का जीवन बेहतर बनाने की दिशा में काम करता है।
अब चलते हैं आज की बुलेटिन की ओर .....
इसके प्रति जागरूकता फैलाने के लिए 1989 से 'विश्व हीमोफ़ीलिया दिवस' मनाने की शुरुआत की गई। तब से हर साल 'वर्ल्ड फ़ेडरेशन ऑफ़ हीमोफ़ीलिया' (डब्ल्यूएफएच) के संस्थापक फ्रैंक कैनेबल के जन्मदिन 17 अप्रैल के दिन 'विश्व हीमोफ़ीलिया दिवस मनाया जाता है। फ्रैंक की 1987 में संक्रमित ख़ून के कारण एड्स होने से मौत हो गई थी। डब्ल्यूएफएच एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है, जो इस रोग से ग्रस्त मरीजों का जीवन बेहतर बनाने की दिशा में काम करता है।
अब चलते हैं आज की बुलेटिन की ओर .....
आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।।
4 टिप्पणियाँ:
अच्छा बुलेटिन आज का ... आभार मेरी रचना को जगह देने का ...
सुन्दर बुलेटिन।
बहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति
देर से आने के लिये खेद है..आभार !
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