सभी ब्लॉगर मित्रों को मेरा सादर नमस्कार।
सालिम अली ( Salim Ali, पूरा नाम: 'सालिम मोइज़ुद्दीन अब्दुल अली', जन्म: 12 नवम्बर 1896; मृत्यु: 27 जुलाई, 1987 ) एक भारतीय पक्षी विज्ञानी और प्रकृतिवादी थे। सालिम अली को भारत के बर्डमैन के रूप में जाना जाता है। सलीम अली भारत के ऐसे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने भारत भर में व्यवस्थित रूप से पक्षी सर्वेक्षण का आयोजन किया और पक्षियों पर लिखी उनकी किताबों ने भारत में पक्षी-विज्ञान के विकास में काफ़ी मदद की है। सन् 1906 में दस वर्ष के बालक सालिम अली की अटूट जिज्ञासा ने ही पक्षी शास्त्री के रूप में उन्हें आज विश्व में मान्यता दिलाई है। पक्षियों के सर्वेक्षण में 65 साल गुजार देने वाले इस शख़्स को परिंदों का चलता फिरता विश्वकोष कहा जाता था। पद्म विभूषण से नवाजे इस 'परिंदों के मसीहा' के प्रकृति संरक्षण की दिशा में किए गए प्रयासों को कभी भुलाया नहीं जा सकता है।
( साभार - http://bharatdiscovery.org/india/सालिम_अली )
अब चलते हैं आज की बुलेटिन की ओर...
देशहित में मुद्रा का विमुद्रीकरण क्या उचित है ...
किफायती धन !!!
संस्कृति के संवर्धक
पांच सौ और हजार के नोट का चक्कर
मोड़ - लघुकथा
प्रदूषण
प्रत्याशित अप्रत्याशित स्थिति
सुनो तितली
ये जिन्दगी...
समय
22वीं सदी में प्रवेशार्थ तैयार
आज की ब्लॉग बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे, तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।।
सालिम अली ( Salim Ali, पूरा नाम: 'सालिम मोइज़ुद्दीन अब्दुल अली', जन्म: 12 नवम्बर 1896; मृत्यु: 27 जुलाई, 1987 ) एक भारतीय पक्षी विज्ञानी और प्रकृतिवादी थे। सालिम अली को भारत के बर्डमैन के रूप में जाना जाता है। सलीम अली भारत के ऐसे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने भारत भर में व्यवस्थित रूप से पक्षी सर्वेक्षण का आयोजन किया और पक्षियों पर लिखी उनकी किताबों ने भारत में पक्षी-विज्ञान के विकास में काफ़ी मदद की है। सन् 1906 में दस वर्ष के बालक सालिम अली की अटूट जिज्ञासा ने ही पक्षी शास्त्री के रूप में उन्हें आज विश्व में मान्यता दिलाई है। पक्षियों के सर्वेक्षण में 65 साल गुजार देने वाले इस शख़्स को परिंदों का चलता फिरता विश्वकोष कहा जाता था। पद्म विभूषण से नवाजे इस 'परिंदों के मसीहा' के प्रकृति संरक्षण की दिशा में किए गए प्रयासों को कभी भुलाया नहीं जा सकता है।
( साभार - http://bharatdiscovery.org/india/सालिम_अली )
आज डॉ. सालिम अली जी की 120वें जन्म दिवस पर हम सब उन्हें याद करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
अब चलते हैं आज की बुलेटिन की ओर...
देशहित में मुद्रा का विमुद्रीकरण क्या उचित है ...
किफायती धन !!!
संस्कृति के संवर्धक
पांच सौ और हजार के नोट का चक्कर
मोड़ - लघुकथा
प्रदूषण
प्रत्याशित अप्रत्याशित स्थिति
सुनो तितली
ये जिन्दगी...
समय
22वीं सदी में प्रवेशार्थ तैयार
आज की ब्लॉग बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे, तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।।
4 टिप्पणियाँ:
डॉ. सालिम अली जी की 120वें जन्म दिवस पर नमन व श्रद्धांजलि । सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति हर्षवर्धन ।
भावभीनी श्रद्धांजलि !
शुभ प्रभात
पठनीय रचनाएँ
सादर
अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति ...आभार
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