देखने को हम जिसे जैसे देख लें, पर इतिहास की बुलंदी, उसकी विशेषताओं को कौन मिटाएगा !
शिवनाथ कुमार ने इसी बात को अर्थ दिया है ...
कुछ लोग बिहार को बहुत ही निम्न दृष्टि से देखते हैं और गाहे बगाहे कुछ ऐसे बयान दे जाते हैं जो काफी दुखदायी होता है। आज बिहार की वर्तमान स्थिति भले उतनी अच्छी नहीं हो लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि हमेशा ऐसी ही स्थिति बनी रहेगी। समय के साथ सब बदलता है और बिहार में भी सकारात्मक बदलाव आएँगे ऐसी मेरी आशा है। दोस्तों मेरा पूर्ण विश्वास है कि एक समय आएगा जब लोग दिल से बोलेंगे कि 'बिहार है तो बहार है' :-)
अस्त हुआ सूरज कभी उगता नहीं
यह किसने कह दिया
टूट कर गिर जाएगा आसमां
यह किसने कह दिया
बुद्ध महावीर की धरा
ज्ञान की मशाल जला
जिसने विश्व को शून्य दिया
जिसके ऊपर विज्ञान चला
विश्व कटोरे में जिसने
ज्ञान अमृत भर दिया
टूट कर गिर जाएगा आसमां
यह किसने कह दिया
विश्व विजेता सिकंदर की
जहाँ रूहें काँप उठी
बिन लड़े ही जहाँ हारा वो
चंद्रगुप्त की यह वीर भूमि
वीर कुंवर सिंह जैसे अदम्य वीर ने
जहाँ अंग्रेजों को धूल चटाया
आजादी के शंखनाद को
गांधी ने जहाँ आवाज उठाया
यह अपराजित धरा
अपराजेय ही रह गया
टूट कर गिर जाएगा आसमां
यह किसने कह दिया
जिसने राष्ट्र को अपना
पहला राष्ट्रपति दिया
पहली लोकतंत्र की नींव
जिस धरा पर रखा गया
लोकनायक जयप्रकाश
कर्पूरी की जन्मभूमि को
हर कोई नमन कर गया
टूट कर गिर जाएगा आसमां
यह किसने कह दिया
ऐसे अनगिन गाथाएं
क्या क्या अब हम गिनाएँ
जिसने देश के गौरव में
जाने कितने चाँद लगाए
उस गौरवशाली धरा पे
हम गौरवान्वित हुए जाएं
दिल से हर कोई जिसको
कई सलामी दे गया
टूट कर गिर जाएगा आसमां
यह किसने कह दिया
अस्त हुआ सूरज कभी उगता नहीं
यह किसने कह दिया
टूट कर गिर जाएगा आसमां
यह किसने कह दिया
2 टिप्पणियाँ:
शाबास
सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति
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