Subscribe:

Ads 468x60px

कुल पेज दृश्य

शुक्रवार, 15 जनवरी 2016

६८ वें सेना दिवस की शुभकामनाएं - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

आज ६८ वें सेना दिवस के मौके पर डा ॰ हरिवंशराय बच्चन की कविता यहाँ सांझा कर रहा हूँ !
 
चल मरदाने, सीना ताने,
हाथ हिलाते, पांव बढाते,
मन मुस्काते, गाते गीत ।

एक हमारा देश, हमारा वेश, 

हमारी कौम, हमारी मंज़िल, 
हम किससे भयभीत ।

चल मरदाने, सीना ताने,
हाथ हिलाते, पांव बढाते,
मन मुस्काते, गाते गीत ।

हम भारत की अमर जवानी,
सागर की लहरें लासानी,
गंग-जमुन के निर्मल पानी,
हिमगिरि की ऊंची पेशानी
सबके प्रेरक, रक्षक, मीत ।

चल मरदाने, सीना ताने,
हाथ हिलाते, पांव बढाते,
मन मुस्काते, गाते गीत ।

जग के पथ पर जो न रुकेगा,
जो न झुकेगा, जो न मुडेगा,
उसका जीवन, उसकी जीत ।

 

चल मरदाने, सीना ताने,
हाथ हिलाते, पांव बढाते,
मन मुस्काते, गाते गीत । 
- डा ॰ हरिवंशराय बच्चन 
 
 
सादर आपका 
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

कहानी के पीछे..

Pramod Singh at अज़दक

मधुसूदन

संगीता स्वरुप ( गीत ) at गीत.......मेरी अनुभूतियाँ 
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
अब आज्ञा दीजिये ...
 
 जय हिन्द ... जय हिन्द की सेना !!!

6 टिप्पणियाँ:

yashoda Agrawal ने कहा…

शिवम भाई..
प्यारी रचनाएँ
सहजने योग्य
सादर
यशोदा

Sunil Deepak ने कहा…

छायाचित्रकार को जगह देने के लिए धन्यवाद शिवम्

कविता रावत ने कहा…

बहुत सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति हेतु आभार!
६८ वें सेना दिवस एवं मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं!

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

सुन्दर प्रस्तुति .... आभार

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

हमेशा की तरह बूम बूम बढ़िया ।

शिवम् मिश्रा ने कहा…

आप सब का बहुत बहुत आभार |

एक टिप्पणी भेजें

बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!

लेखागार