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गुरुवार, 15 मार्च 2012

मेरा सामान मुझे लौटा दो - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रो ,
प्रणाम !

अकसर ऐसा होता है कि कोई मित्र किताब ले जाता है और देना भूल जाता है या फिर कई बार हम आप स्वयं किसी को कोई चीज देकर भूल जाते हैं और देर-सवेर उसकी याद आती है ... लेकिन अब टेंशन लेने की जरूरत नहीं है।
अब आप डब्ल्यूडब्ल्यू.रिटर्नमाईपैंट्स.कॉम पर उधार दी गई या ली गई चीजों की लिस्ट बनाकर रख सकते हैं।
साइट पर लॉग-इन करने के बाद आपको उधार ली या दी गई चीज का नाम लिखना है, वापस लेने या देने की तारीख लिखनी है और उस फ्रेंड का ईमेल आईडी लिखना है, जिसे आपने चीज उधार ली या दी है। साइट निश्चित तारीख पर आपको और आपके फ्रेंड को ईमेल भेज देगी। अगर आपका फ्रेंड भी इस साइट पर सदस्य है तो और बेहतर है, क्योंकि तब आप काफी सारी चीजों की ऑनलाइन ट्रैकिंग भी कर पाएंगे।

तो फिर आप अब जल्दी से शुरू हो जाइये लिस्ट बनाने में अपनी उधार दी और ली हुयी चीजों की तब तक मैं भी आप सब की पोस्टें उधार ले कर एक बुलेटिन के रूप में उनको लौटने की तैयारी में लग जाता हूँ !

सादर आपका 

शिवम् मिश्रा  

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posted by रवीन्द्र प्रभात at परिकल्पना
*हिंदी के कुछ ऐसे ब्लॉग्स जिसने बदल दिए ब्लॉगिंग के मायने। परंपरागत मीडिया के द्वारा जो नहीं किया जा सका उसे किये हैं ये साकार ....चाहे साहित्य-संस्कृति की गतिविधियाँ हो या समाचार ....!* ब्लॉगिंग को बुद्ध...

posted by Pushpendra Singh "Pushp" at PSINGH "PUSHP"
देश के जाने माने प्रकख्यात प्रशासक एवं शायर जनाब पवन कुमार (आई.ए.एस.)की पुस्तक "बावस्ता" का विमोचन दिल्ली के अंतर राष्ट्रीय पुस्तक मेले मे हुआ | पुस्तक इतनी आकर्षक और मधुर बन पड़ी है कि देखते ही बनता है |125...
posted by Shah Nawaz at प्रेमरस.कॉम
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posted by Maheshwari kaneri at अभिव्यंजना
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posted by Devendra Gehlod at Mirza Ghalib
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posted by गिरिजेश राव, Girijesh Rao at खस्ता शेर - खुदा खैर 
मुद्दत के बाद की मेहरबानी, जब इश्क़ पर भरोसा ही न बचा दौड़ा दिये खच्चरों को रेस में, बोझ ढोने को यह गधा ही बचा सजग रहना न होना मशरूफ, अब चलेगी दुलत्ती और जोर से देर से सही अक्ल गई है खुल, भाँपने को क...
posted by जयदीप शेखर at कभी कभार 
होली मनानेअपने गाँव बरहरवा गया था।'सम्मत' (होलिका-दहन) से एक रोज पहले मैं घर पहुँचा। दोस्तों से मिला। जयचाँद नेकहा- चाँदनी रात है, कहीं चलेंगे; भाभीजी से कह दीजिये, रात करीब नौ बजे लौटेंगे।(दरअसल, जय...
तब मधुशाला हम जाते है,... जब गम के बादल छाते है, तब मधुशाला हम जाते है, जब गम का कोई इलाज नही, तब थोड़ी सी पी जाते है! रुक,रुक, थम,थम, सब कहते है,पी इसे भूल गम जाते है, जब गम के बादल छाते है,तब मधुशाला हम ज...
posted by शिवम् मिश्रा at पोलिटिकल जोक्स - Political Jokes 
"अब आप समझे मैं मौन क्यूँ रहता हूँ ... " - एमएमएस
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अब आज्ञा दीजिये ...
 
जय हिंद !!

14 टिप्पणियाँ:

shikha varshney ने कहा…

बहुत बढ़िया लिंक्स.

Maheshwari kaneri ने कहा…

ब्लांग बुलेटिन में सभी लिंक्स बहुत सुन्दर और लाजवाब हैं...मेरी रचना को मान देने के लिए आभार शिवम जी...

चला बिहारी ब्लॉगर बनने ने कहा…

कॉलेज के ज़माने में दिल गुम हुआ था.. देकर भूल गया था... आज भी उस दिल को खोजता हूँ.. किसी ऐसी वेबसाईट का पता चले तो खबर कीजियेगा!!

ashish ने कहा…

सुन्दर चर्चा . मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार .

Dev K Jha ने कहा…

बहुत सही चीज़ मिली आज तो.... सुपर बुलेटिन भाई....

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

प्रभावशाली बुलेटिन।

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

आज बुलेटिन के सभी शुत्र बहुत बेहतरीन लगे,शिवम जी बधाई,...
मेरी रचना को स्थान देने के लिए बहुत२ आभार.....

MY RESENT POST...काव्यान्जलि ...: तब मधुशाला हम जाते है,...

Dr.NISHA MAHARANA ने कहा…

waah bahut badhiyaa.

Pushpendra Singh "Pushp" ने कहा…

wah shivam ji jordar buletin
bvadhai.....

Pushpendra Singh "Pushp" ने कहा…

wah shivam ji jordar buletin
bvadhai.....

Satish Saxena ने कहा…

उधार माल पसंद आया :-)
कलेवर बहुत अच्छा लगा शिवम् , बधाई !

rashmi ravija ने कहा…

बढ़िया बुलेटिन!

रवीन्द्र प्रभात ने कहा…

सुन्दर चर्चा

शिवम् मिश्रा ने कहा…

आप सब का बहुत बहुत आभार !

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