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शनिवार, 31 मार्च 2012

ब्लॉग बुलेटिन: गायब होती टिप्पणियों का राज़ - शाहनवाज़

ब्लॉग बुलेटिन टीम की ओर से मैं अर्थात शाहनवाज़ आपका एक बार फिर से स्वागत करता हूँ. आज हम चर्चा करेंगे गायब होती टिप्पणियों की.

आज कल हर एक के ब्लॉग पर टिप्पणियां गायब हो जाती हैं, और टिप्पणीकार परेशान हाल दिखाई देता है. कई बार तो टिप्पणी गायब होने की शिकायत करने के लिए कई-कई टिप्पणी कर देता है. लेकिन हाल जस का तस, सब की सब गायब!!!

आखिर कौन है इसके पीछे, जब कई बार यह शिकायत हमें भी सुनने को मिली तो खोजबीन चालू की और इसके पीछे ब्लॉगर अर्थात गूगल बाबा की भारत के लिए बनाई गई नई नीतियों को पाया. ब्लोगर.इन पर आने के बाद भारत के लिए अलग से नीतियाँ बना रहा है और इसी कड़ी में भारतीय शब्दों को भी स्पेम फिल्टर किया जा रहा है.  हालाँकि अभी तक हिंदी के शब्दों की कोई नहीं खोज पाया हूँ पर बात को समझने के लिए आपको अंग्रेजी के शब्दों वाली यह दो लिस्ट देखकर माजरा आसानी समझ में आ सकता है.



तो अबकी बार अगर आपकी टिप्पणी गायब हो जाए तो माथे पर बल डालने की आवश्यकता नहीं है, यह भी सोचना बेकार है कि अमुक ब्लोगर को आपकी टिप्पणी पसंद नहीं आई. अथवा किसी व्यक्तिगत खुंदक के कारण आपके कमेन्ट को मंज़ूर नहीं किया गया. बल्कि सब्र करो और ब्लोगर के स्पेम फोल्डर देखने भर तक का इंतज़ार करो.


स्वयं अपने ब्लॉग का भी स्पेम फोल्डर चेक करते रहो, कहीं ऐसा ना हो कि किसी की आवाज़ नक्कार खाने की तूती की तरह दब कर रह गयी हो.


बस इतना सा ही कार्य करना है, चलिए अब ब्लॉग जगत की हलचल पर नज़र डालते हैं.




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और अंत में 


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अब आज्ञा दीजिये... अगले हफ्ते फिर मुलाकात होगी... एक और बुलेटिन के साथ...

18 टिप्पणियाँ:

शिवम् मिश्रा ने कहा…

बेहद उम्दा लिंक्स से सजाया है आपने आज की ब्लॉग बुलेटिन को ... शाहनवाज़ भाई ... आभार !
वैसे आजकल कमेंट के मामले मे हर कोई शिकायत कर रहा है ... गूगल को चाहिए जल्द ही इन सब का कोई रास्ता निकले !

shikha varshney ने कहा…

स्पैम देखते रहो और सब्र करो .गूगल बाबा भली करेंगे :)
बढ़िया बुलेटिन.

Kulwant Happy ने कहा…

बहुत बेहतरीन

डॉ टी एस दराल ने कहा…

सप्ताह भर की श्रेष्ठ पोस्ट्स का बढ़िया संकलन किया है ।
स्पैम में गई टिप्पणियों ने काम बढ़ा दिया है । साथ ही एक निकालो तो संख्या दो बढ़ जाती है । इसका रहस्य समझ नहीं आ रहा । दूसरे - ब्लोग्स पर समय गलत दिखाई दे रहा है । इसका भी समाधान ढूंढना पड़ेगा ।

संगीता पुरी ने कहा…

स्‍पैम चेक करते रहना होगा अब तो ..
गूगल ने ब्‍लोगरों के मध्‍य वैमनस्‍यता फैलाने की पूरी तैयारी की है ..
अच्‍छे लिंक्‍स .. सुंदर बुलेटिन !!

Gyan Darpan ने कहा…

बहुत बढ़िया संकलन वाला बुलेटिन|

भारत सरकार ने अपने खिलाफ टिप्पणियाँ हटाने का कार्यभार गूगल बाबा के कन्धों पर डाल दिया पर कुछ ब्लोगर्स द्वारा की जाने वाली घटिया टिप्पणियाँ हटाने का काम हमें तो खूद ही करना पड़ेगा|

M VERMA ने कहा…

हम भी परेशान थे पर समाधान ढूंढ ही लिया

Shah Nawaz ने कहा…

डॉ दराल साहब इसके लिए शायद नीचे दी जानकारी काम आ जायेगी... इसी तरह की अनेकों जानकारियां आप मेरी तकनिकी श्रंखला से प्राप्त कर सकते हैं... इसके लिए नीचे लिखे लिंक पर क्लिक करें.

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Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून ने कहा…

भूतनी के पता नहीं ये क्‍या क्‍या नए टंटे करते रहते हैं हमारे ब्‍लागों से...

मनोज कुमार ने कहा…

उम्दा लिंक्स! बहुत ही रोचक संस्करण!

Smart Indian ने कहा…

बेचारे गूगल बाबा, हाथ दो और काम सौ ...

अजित गुप्ता का कोना ने कहा…

शहनवाज, एक बात और बताओ, गूगल महाराज ने ब्‍लाग पर एक परिवर्तन और किया है - टिप्‍पणी करने पर ईमेल से टिप्‍पणी प्राप्‍त नहीं हो रही है। पूर्व में सबक्राइब ईमेल का आप्‍शन था लेकिन अब नहीं है। इसे कैसे दुरस्‍त करें, यह बताओ।

Satish Saxena ने कहा…

बड़े प्यारे लिंक्स दिए हैं शाहनवाज भाई !
अंदाज़ पसंद आया !
शुभकामनायें !

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

टिप्पणियाँ ब्लॉगडगच की पूँजी हैं, उससे छेड़ छाड़ अर्थव्यवस्था के साथ छेड़छाड़ के जैसी ही है।

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

अच्छे लिंक।

Shah Nawaz ने कहा…

अजीत जी, सबक्राइब ईमेल का ऑप्शन अभी भी वैसे का वैसा ही चल रहा है. अगर आपके ब्लॉग पर यह कम नहीं कर रहा है, तो इसे री-इंस्टाल करके देख लीजिये. फिर भी बात ना बने तो मुझे ईमेल पर बताना.

Shah Nawaz ने कहा…

गूगल बाबा ने रीडर पर इस पोस्ट को अभी तक पब्लिश नहीं किया है... जय हो गूगल बाबा!!!!!!!

बेनामी ने कहा…

very good links to know.

ભારત કી સરલ આસાન લિપિ મેં હિન્દી લિખને કી કોશિશ કરો……………….ક્ષૈતિજ લાઇનોં કો અલવિદા !…..યદિ આપ અંગ્રેજી મેં હિન્દી લિખ સકતે હો તો ક્યોં નહીં ગુજરાતી મેં?ગુજરાતી લિપિ વો લિપિ હૈં જિસમેં હિંદી આસાની સે ક્ષૈતિજ લાઇનોં કે બિના લિખી જાતી હૈં! વો હિંદી કા સરલ રૂપ હૈં ઔર લિખ ને મૈં આસન હૈં !

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