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गुरुवार, 1 दिसंबर 2011

जानकारी ही बचाव है ... - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रो ,
प्रणाम !

आज १ दिसम्बर है यानि ... विश्व एड्स दिवस [1 दिसंबर] ...
 

एड्स के सदर्भ में एक अच्छी खबर यह है कि दुनिया भर में एचआईवी से सक्रमित लोगों की सख्या कम हो रही है। यहीं नहीं, एचआईवी सक्रमण के नये मामलों में भी गिरावट दर्ज हुई है। इसके बावजूद इस जानलेवा रोग की समाप्ति के लिए जारी जंग खत्म नहीं हुई है.. ?
एचआईवी [चूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वाइरस], एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिड्रोम [एड्स] का प्रमुख कारण है। एड्स जानलेवा बीमारी है। एचआईवी सक्रमण की अंतिम अवस्था एड्स है। वर्तमान में विश्व में साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा लोग एचआईवी से ग्रस्त हैं। इन दिनों भारत में लगभग 23.9 लाख व्यक्ति एचआईवी/ एड्स पीड़ित है। वर्तमान आकड़ों के अनुसार एचआईवी पीड़ितों की सख्या कम हो रही है और सक्रमण दर में भी गिरावट आ रही है।

इस साल की 'थीम'

इस वर्ष 'विश्व एड्स दिवस' की थीम है- 'गेटिंग टू जीरो'। यानी नए एचआईवी सक्रमण की दर को शून्य स्तर पर लाना और बेहतर इलाज के जरिये एड्स से ग्रस्त लोगों की मृत्यु दर को शून्य स्तर पर लाना। इस थीम को सन् 2015 तक जारी रखा जाएगा।

एचआईवी क्या है

मानव शरीर में कुदरती तौर पर एक प्रतिरक्षा तत्र [इम्यून सिस्टम] होता है, जो शरीर के अंदर सक्रमण और बीमारियों का मुकाबला करता है। इसका सबसे महत्वपूर्ण अंग होती है एक कोशिका [सेल] जिसे सीडी-4 सेल कहते है। आम तौर पर एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में 500 से 1800 सीडी-4/ सीयूएमएल पायी जाती है।

शरीर पर हमला

एचआईवी वाइरस शरीर में प्रवेश कर सीडी-4 सेल्स पर हमला करता है, और उनमें अपनी सख्या बढ़ाकर सीडी-4 सेल्स का विनाश शुरू कर देता है। कई सालों के दौरान धीरे-धीरे सीडी-4 सेल्स कम होने लगती है, जिससे इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ जाता है। परिणामस्वरूप शरीर सामान्यत: सक्रमण और बीमारियों का सही तरह से मुकाबला नहीं कर पाता। इस अवस्था को एड्स कहते हैं, जो अंतत: मृत्यु का कारण बनता है। इस मर्ज में संक्रमण निरोधक शक्ति का धीरे-धीरे क्षय हो जाता है। इस कारण साधारण सक्रमण भी जानलेवा बीमारी का रूप लेते है। टीबी [क्षयरोग], डायरिया, निमोनिया, फंगल और हरपीज आदि ऐसे रोग हैं, जिनमें एचआईवी सक्रमण इन रोगों को और जटिल बना देता है।

एचआईवी का प्रसार

* एचआईवी का एक मुख्य कारण सक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन सबध स्थापित करना है।
* ब्लड ट्रासफ्यूजन के दौरान शरीर में एचआईवी सक्रमित रक्त के चढ़ जाने से।
* एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति पर इस्तेमाल की गई इंजेक्शन की सुई का इस्तेमाल करने से।
* एचआईवी पॉजिटिव गर्भवती महिला गर्भावस्था के समय, प्रसव के दौरान या इसके बाद अपना दूध पिलाने से नवजात शिशु को सक्रमणग्रस्त कर सकती है।
एड्स से सबधित जाचें

* एलीसा टेस्ट: केवल स्क्रीनिग व प्रारभिक जाच।
वेस्टर्न ब्लॉट टेस्ट: यह एचआईवी सक्रमण की खास जाच है, जो पॉजिटिव टेस्ट बताती है कि कोई शख्स एचआईवी से ग्रस्त है।
* एच.आई.वी. पी-24 एंटीजेन [पीसीआर]: एचआईवी की स्पष्ट जाच व रोग की तीव्रता की जानकारी पता चलती है।
* सीडी-4 काउट: इस परीक्षण से रोगी की प्रतिरोधक क्षमता का आकलन किया जाता है। 


दूरदर्शन पर अक्सर ही हम एक लाइन सुनते है एड्स के बारे में ... पर शायद ही हम से कोई भी इस पर कोई ध्यान देता हो ... सब के अपने अपने कारण है ... और हर एक की समझ से वह अपनी जगह बिलकुल सही है पर सत्य को इस से कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई उसके बारे में क्या सोचता है ...सत्य हमेशा ही सत्य होता है ... अपनी जगह अटल ... और एड्स के मामले में सत्य यही है कि ...




जानकारी ही बचाव है ...  



सादर आपका 



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इस में भला क्या शक है 


सफ़र लम्बा है 


का बहुत याराना है 


हमारी भी ...


है तो नहीं , मिडिया ने बना रखा है ...


ये पब्लिक है, ये सब जानती है,


बड़े लोगो की बड़ी बात ...


इस में गूगल का कोई हाथ नहीं ...


सदा बना रहे ...


"अड़बड़ टोनही उपर लिखत रहेस, देख अब टोनहा दिस न टोनही।"


बेहद जरुरी 


खुद भी देखें ... हम भी दिखाएँ 


कौन रोकेगा ???


चलिए अब आप भी हमारी 'थर्ड आई' जल्दी से खोल ही दीजिये 


पर क्यों ??


कोई शक या सवाल ???


विनम्र श्र्द्धांजलि।


तो क्या करें ???


कहाँ है ... कहाँ है ???


किस के ??


लो जी आप भी लगा लो ...


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आज की ब्लॉग बुलेटिन समाप्त होती है ... अब आज्ञा दीजिये ... 



जय हिंद !!

21 टिप्पणियाँ:

कुमार राधारमण ने कहा…

अपन जागरूक हैं,अब दूसरों को कर रहे हैं।

SANDEEP PANWAR ने कहा…

i like these link.

Rahul Singh ने कहा…

सचमुच जरूरी है स्‍वाधीनता, धन्‍यवाद.

अजय कुमार झा ने कहा…

बहुत खूब , कमाल की जानकारी और लिंक्स से सजी बुलेटिन , रफ़्तारमय और प्रभावी लगी । शिवम भाई , शुक्रिया और शुभकामनाएं

Satish Saxena ने कहा…

मुबारक को बढ़िया बुलेटिन और नए अंदाज़ के लिए शिवम् भाई !
आभार आपका !

मनोज कुमार ने कहा…

इस बुलेटिन की सबसे अच्छी बात मुझे यह लगती है कि हमें लिंक के साथ एक सशक्त आलेख भी मिल जाता है पढ़ने के लिए।

shikha varshney ने कहा…

जानकारी ही बचाव है ...बढ़िया बुलेटिन.

संतोष त्रिवेदी ने कहा…

अजय झा जी और आप की जीवटता मिलकर सोने पे सुहागा कर रही है.उम्मीद है कि अच्छी और रचनात्मक पोस्टों का इससे भला होगा !
साभार !

Urmi ने कहा…

बहुत ही आवश्यक है! बढ़िया बुलेटिन रहा !

चला बिहारी ब्लॉगर बनने ने कहा…

विश्व एड्स दिवस पर एक उपयोगी बुलेटिन!!!

प्रेम सरोवर ने कहा…

बहुत सुंदर प्रस्तुति । मेरे पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद। ।

amit kumar srivastava ने कहा…

कभी वर्ल्ड बैंक से, कभी अमरीका से, कभी आई एम एफ़ से ऐड्स लेते लेते अब तो पूरे देश को ही जैसे ऐड्स हो गया है । खोखले हम ,खोखली हमारी अर्थ नीति ,ये लाल फ़ीता दिखा दिखा aids नहीं ख़त्म होने वाला .......

SACCHAI ने कहा…

rochak top link se saja ye bulettin sach me bulet hi hai shivam bhai ...sach me maja aaya

"khastor par aapka shukriya is liye karna chahta hu ki aapne "aids" ke baare me bahut hi umda jankari di hai aur jagrut karne ki aapki is pahl ko salam

रश्मि प्रभा... ने कहा…

बढ़िया बुलेटिन.

नुक्‍कड़ ने कहा…

हेपिटाइटिस सी के बारे में कोई जानकारी नहीं
यह इससे भी भयंकर है
हिन्‍दी का ब्‍लॉगर इससे बेखबर है
खबरदार करना ब्‍लॉग बुलेटिन का धर्म है
वैसे इस पर नहीं कोई जोर जबर है।

Pallavi saxena ने कहा…

badhiya jaankari, kyunki jaankari hee bachaav hai :-)

Shah Nawaz ने कहा…

Zabardast Jaankaari, behtreen links... Yeh hua na blog bulletin!!!

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…

आभार आपका,शिवम जी !

सुज्ञ ने कहा…

जाग्रतिप्रेरक आलेख है।

अवसरानुकूल इस जानकारी के लिए आभार

Archana Chaoji ने कहा…

ब्लॉग बुलेटिन का शुरूआती आलेख इसको सबसे अलग बना रहा है ..आभार जानकारी के लिए..

डॉ टी एस दराल ने कहा…

विश्व एड्स दिवस पर सुन्दर जानकारी पूर्ण पोस्ट ।
साथ में बढ़िया लिंक्स भी ।

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