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मंगलवार, 3 सितंबर 2019

विघ्नहर्ता विघ्न हर ही लेते हैं


आज जो हम हैं, यह पहले नहीं था ! पहले हम कम शिक्षित थे तो सबकुछ प्राकृतिक था।  कोई प्रदूषण नहीं, सबकुछ सहज, सरल।  देवी-देवताओं का प्राकृतिक वजूद था।  जैसे-जैसे मनुष्य शिक्षित हुआ, कृत्रिमता का साम्राज्य छाने लगा।  पहले राजाओं में युद्ध होते थे, देव-असुरों में युद्ध होते थे, अब तो युद्ध ही युद्ध है।   ... फिर भी, सभी देवी-देवता उनके लिए धरती पर आते हैं।  अभी गौरीनंदन गणेश अपनी मूषक सवारी से आये हैं उनके लिए,जो करबद्ध खड़े हैं और कह रहे हैं, "विघ्न हमारा दूर करो तुम"
यह सुनकर गौरीनंदन विघ्न हर ही लेते हैं  ... जैसे विपदाओं से,बाधाओं से लड़कर हम बुलेटिन लेकर आ ही जाते हैं,गणपति खोई हुई खुशियाँ ले आते हैं -




1 टिप्पणियाँ:

वाणी गीत ने कहा…

विघ्नों को पार कर बुलेटिन ले आते हैं.
सही बात!

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