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सोमवार, 14 अगस्त 2017

श्री कृष्ण, गीता और व्हाट्सअप

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

आज व्हाट्सअप पर एक संदेश प्राप्त हुआ ... 

ये जो कुल्फी खाते हुए
एक हथेली कुल्फी के नीचे लगाये रहते हो ना

 इसे ही गीता में श्रीकृष्ण ने "मोह" बताया है.
😂😂😜😜😜
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और कुल्फी खतम होने के बाद भी जो डण्डी चाटते ही रहते हैं

इसे ही गीता में श्रीकृष्ण ने "लोभ" कहा है
🙏😀🙏
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और डण्डी फेंकने के बाद , सामने वाले की कुल्फी देखकर सोचना कि उसकी खत्म क्यों नहीं हुई,

इसे गीता मे "ईर्ष्या" कहा गया है,  ☺☺
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और कुल्फी खतम होने से पहले डन्डी से नीचे गिर जाये और केवल डण्डी हाथ मे रह जाये तब तुम्हारे मन में जो आता है....                             😁  इसे ही गीता मे "क्रोध" कहा है 😳
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ये जो नींद पूरी होने के बाद भी 3 घंटे तक बिस्तर पर मगरमच्छ की तरह पड़े रहते हो ना !
गीता में इसे ही "आलस्य" कहा गया है। 😂😂
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ये रेस्टोरेंट में खाने के बाद जो कनस्तर भरके सौंफ और मिश्री का बुक्का मारते हो ना !!
गीता में इसे ही "टुच्चापन" कहा है ।।😂😝😜
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ये जो ताला लगाने के बाद उसे पकड़ कर खींचते हो ना !!

इसे ही गीता में 'भय' कहा गया है ।।😜😝😂
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ये जो तुम WhatsApp पर मैसेज़ भेजने के बाद
बार बार दो नीली धारियाँ चेक
करते हो ना !

इसे ही गीता में 'उतावलापन' कहा है...😂😂
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वो जो तुम गोलगप्पे वाले से कभी मिर्च वाला 🙄 कभी सूखा 😬 कभी दही वाला 😑 कभी मीठी चटनी 🙁

वाला माँगते वक़्त उसे "भैया" बोलती हो ना..

बस इसी को गीता में "शोषण" कहा है 😂😂
___________
फ्रूटी खत्म होने के बाद ये जो आप स्ट्रा से सुड़प-सुड़प करके आखिरी बून्द तक पीने की कोशिश करते हो न....

गीता में इसे ही "मृगतृष्णा" कहा गया है😜😜
___________
ये जो तुम लोग केले 🍌 खरीदते वक्त, अंगूर 🍇 क्या भाव दिये ? बोल के 5-7 अंगूर खा जाते हो ना......गीता में इसे ही "अक्षम्य अपराध" कहा गया है। 😂😂😜😜😜😜
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ये जो तुम.. भंडारे में बैठकर..

खाते हुए.. रायते वाले को आता देखकर..

जल्दी से.. रायता पी लेते हो....!!
..
गीता में.. इसे भी "छल" कहा गया है !!😂😂
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और इस पोस्ट को पढ़कर जो हँसी आती है उसे "मोक्ष" कहते है |

सादर आपका

~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

भला मैं किस तरह ज़िन्दा रहूँगा

इन चुप्पियों के समन्दरों में...

७५ वर्ष पहले हुआ था उषा मेहता के खुफिया कांग्रेस रेडियो का प्रसारण

ग़ज़ल (बोलेंगे जो भी हमसे बह ,हम ऐतवार कर लेगें )

कुकुभ छंद

घरों में मातम और जन्मोत्सव?

तू ही जाने तेरा राज

यह देश तुम्हारा नहीं

केवल राष्ट्र के लिए था यह सृजन

इन्तज़ार का सम्मोहन

सर्प कब तक आस्तीनों में छुपे पलते रहेंगे ...

~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
अब आज्ञा दीजिये ...

जय हिन्द !!!

7 टिप्पणियाँ:

कविता रावत ने कहा…

श्री कृष्ण, गीता और व्हाट्सअप की सामयिक परिदृश्य में रोचक प्रस्तुति सहित बहुत सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति में मेरी पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!
सबको स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!

दिगम्बर नासवा ने कहा…

ज्ञान आज के संदर्भ में ... बहुत रोचक है
आभार आज मेरी रचना को जगह दी आपने ...

विकास नैनवाल 'अंजान' ने कहा…

सुन्दर संकलन।

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

नव-वर्ष में प्रवेश पर शुभकामनाएं

शिवम् मिश्रा ने कहा…

आप सब का बहुत बहुत आभार |

Anita ने कहा…

देर से आने के लिए खेद है, पठनीय सूत्रों से सजा बुलेटिन..आभार !

meri dastaan ने कहा…

http://kahanipyaarki.blogspot.in/2017/08/blog-post.html

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