सभी ब्लॉगर मित्रों को सादर नमस्कार।।
कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह और दहेज़ जैसी सामाजिक कुरीतियों के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से भारत की केन्द्र सरकार ने 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाने का फैसला वर्ष 2009 ई. में किया था। ऐसा पहला दिवस वर्ष 2009 ई. में मनाया गया था।
" बेटियाँ हैं अनमोल, अब तो समझो इनका मोल "
अब चलते हैं आज कि बुलेटिन की ओर ……
कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि।।
7 टिप्पणियाँ:
बेटियाँ करे वो रोल
जिन पर आदमी
कर रहा है सब झोल !
इन लिंक्स के लिए शुक्रिया
सुन्दर एंव शानदार लिंक हर्षवर्धन जी, मेरी पोस्ट को शामिल करने हेतु ह्रदय से आभार।
सुन्दर लिंक्स , हर्षवर्धन भाई .. बहुत आभार ..
बहुत सुन्दर!!
सार्थक बुलेटिन ... हर्ष बाबू ... आभार आपका मेरी पोस्ट को यहाँ शामिल करने के लिए |
बहुत रोचक और पठनीय सूत्र
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बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!