आज से हम शुरू कर रहे है ब्लॉग बुलेटिन का ख़ास संस्करण -
अवलोकन २०११ ...
कई भागो में छपने वाली इस ख़ास बुलेटिन के अंतर्गत आपको सन २०११ की कुछ चुनिन्दा पोस्टो को दोबारा पढने का मौका मिलेगा !
तो लीजिये पेश है अवलोकन २०११ का पहला भाग ...
वर्ष का आखिरी महीना .... मेज पर गीत कविता कहानी नज़्म ग़ज़ल के पन्ने फडफडा रहे हैं , शोर है इधर देखो , मुझे - मुझे - मुझे . बड़ा कठिन है देखकर चुनाव करना , पर जब ठान ही लिया है तो डर कैसा , पलायन क्यूँ ! प्रतिभाओं की कमी नहीं - चर्चा मंच पर जाएँ , दिन बन जायेगा ... हलचल तो वाकई हलचल है . जिनके नाम चर्चित हैं वे तो हैं ही , पर कई उभरते एहसास ऐसे हैं जिनका पलड़ा उतना ही भारी है जितना चर्चित नामों का है !
उम्र से बड़ा छोटा होना अलग बात है , लेकिन एहसासों की कोई उम्र नहीं होती ना ही होती है बंदिशें - उँगलियों के बीच कलम फंसाकर , कीबोर्ड पर उँगलियों की थिरकन से एक नहीं कई लोगों ने जीना सीख लिया है .... देश विदेश की दूरी तय कर चाय की चुस्कियों के संग बातें करते हैं , भावनाओं के निरंतर आदान-प्रदान से किनारा पाते हैं ...
एक एक ब्लॉग की अपनी अहमियत है ... कई नाम , कई चेहरे , जो ना मिलकर भी अजनबी नहीं और जो अजनबी हैं , उनकी खोज जारी है, उनका इंतज़ार है .
किसी ने ५ साल पहले लिखना शुरू किया , किसी ने ४ साल पहले ..........किसी ने इसी वर्ष ! पर यह वर्षों का आंकड़ा नहीं , ना ही यह सारे महत्वपूर्ण ब्लॉग की सूचि है . यह एक प्रयास है रचनाकार से ही जानने का कि उनकी नज़र में २०११ की उनकी पसंदीदा रचना कौन सी है . निःसंदेह , वह रचना मील का पत्थर साबित होगी , क्योंकि उस पसंद पर विशेष रूप से सब गौर करेंगे ...
किसका नाम पहले है , किसका बाद में - यह प्रमुख नहीं , क्योंकि सभी सहयात्री हैं - आकाश सबके किये एक, धरती एक , हवा एक , पहाड़ नदी नाले कांटे फूल ........ सब सबके लिए हैं . किसी ने रंग चुने , किसी ने गीत , किसी ने शाम ... रंगों में भी एक रंग दर्द का , एक रंग हौसले का , कुछ पलायन , कुछ विरोध , कुछ सन्नाटे - ज़िन्दगी के कई रंग , कई राग - तो ............................. पलटती हूँ पन्ने २०११ के
जीवन का आरम्भ जन्म से , लेती हूँ रचना .....
यूँ तो मैंने फरमान यही जारी किया था कि सब अपनी पसंद से २०११ की एक रचना का ज़िक्र करें , किसी ने सुना , किसी तक मेरी आवाज़ नहीं गई ... तो जिन्हें मैं पढ़ती हूँ हमेशा उनको अपनी पसंद से जोड़ लिया है . इसमें पहला नाम समीर लाल जी और उनकी रचना ------http://udantashtari. blogspot.com/2011/04/blog- post_25.html "फिर वह दिन भी आया जब तह दर तह दमित सपनों का दबाव इतना बढ़ा कि वो एक विस्फोट की शक्ल में बाहर फट निकला और उस शाम वो अपने रंगों की दुनिया में समा गई और भाग निकली अपने सपनों से बाहर उग रहे एक ऐसे रंग के साथ, जो हरा नहीं था." ..... सपने जीना , फिर उनसे निकलकर अनगिनत रंगों को पाना - आत्मा में परिवर्तित होता प्रतीत होता है ... जैसे सपने हकीकत से परे खुद को पाना ...
जाने माने शक्स रवीन्द्र प्रभात जी .... उनकी कलम खुद के लिए ही नहीं चलती .... हर कलम का सूत्रधार होती हैं . उनकी नज़र में उनकी पसंद - http://www.parikalpnaa.com/ 2010/11/blog-post_23.html "किसी शायर ने ठीक ही कहा है- " क्यों जिन्दगी में अपने जीने के अंदाज़ छोड़ दें, क्या है हमारे पास इस अंदाज़ के सिवा।" दरअसल जिन्दगी में इतने रंग , इतने अंदाज़ , इतने एहसास हैं और वह भी इतने जुदा - जुदा कि कोई क्या कुछ कहे . हर रंग , हर अंदाज़ की अपनी छटा है , हर एक का उस पर हक है , क्योंकि वह उसकी सृष्टि , उसका स्वप्न है और हर पल वह उसे पाने के लिए ललकता है ." ..... यही तो सत्य है , प्रभु ने जितने भी रंग दिए हैं - सबका अपना औचित्य है , सबकी अपनी अदा है . कोई एकांत के रंग में कुछ पाता है , कोई ऊँचे टीले पर दौड़ते हुए , कोई आँखें बन करके , कोई दूसरों में - क्यूँ अपनी ललक से , अपने ढंग से जुदा हों ! इन्द्रधनुषी रंगों के अतिरिक्त भी कई रंग हैं , जिसे अपनी अपनी आँखों से देखता है , पिरोता है आदमी - व्यवधान क्यूँ , समय भाग रहा है - जितने रंग समेट सकते हो समेट लो ....
आइये अब हम चलें मीडिया से जुड़े महेंद्र श्रीवास्तव जी के पास - उनकी रचना http://aadhasachonline. blogspot.com/2011/11/blog- post_12.html सत्य के द्वार तो खोलती ही है , सोच के साथ सुकून देती है कि किसी की कलम में यह ताकत तो है ! " भिखारी ने बोलना शुरू किया। अब की उसने अपने कुछ ठिकानों की गिनती कराई। बोला बाबू जी हरिद्वार और ऋषिकेश में ही कुल 14 मंदिरों के बाहर मेरी जगह है। तुम्हारी जगह.. क्या वहां जमीन या प्लाट है। बाबू जी आप तो जमीन ही समझ लो। मैने ये जगह दस साल पहले 21 हजार रुपये में खरीदी है। वहां मेरा एक बेटा है, जो ये सब देखता है। उसने सभी जगहों को आधे पर दे रखा है। उसका मतलब था जो भिखारी वहां बैठते हैं, दिन भर में जितना कमाते हैं, उसका आधा पैसा मेरे बेटे को दे देते हैं।" इसे पढ़ने के बाद आप मानेंगे कि हमारा देश आज भी सोने की चिड़िया ही है , भिखारी तक अम्बानी - फिर आपका जोश बढ़ जायेगा , .... ध्यान रहे , भिखारी बनने का ही जज्बा न जाग जाए !
55 टिप्पणियाँ:
अरे वाह क्या बात है ...नई शुरुआत ..बहुत बढ़िया.
एक नयी और अच्छी पहल।
सादर
वाह यह बहुत बढ़िया है बेहतरीन शुक्रिया
बहुत ही बढि़या बुलेटिन ....एक जगह बनाता हुआ अपनी पाठकों के दिल में ..बधाई इस बेहतर बुलेटिन के लिए
ये बहुत अच्छी शुरुआत है दीदी ... काफी कुछ एक ही जगह पर और २०११ का रिव्यू भी हो जायेगा !
ब्लॉग बुलेटिन का ख़ास संस्करण -अवलोकन २०११ का बहुत ही सुन्दर ढंग से आगाज किया है आपने... निश्चित ही इससे हिंदी ब्लॉग और ब्लोग्गेर्स को एक नयी ऊर्जा व दिशा मिलेगी और चुनिन्दा पोस्टो से सभी लाभान्वित होंगे.. इस बुलेटिन की सफल प्रस्तुति के लिए हार्दिक शुभकामनायें!
ये भी एक महत्वपूर्ण और जिम्मेदारी से भरा काम है ....
बधाई और शुभकामनाएँ...
बिलकुल अलग तरह का बुलेटिन...अच्छी पहल
एक बढ़िया प्रयास है ब्लॉग की दुनिया को समृद्ध और सुदृढ़ करने का और आप इसमे सफल होंगे यह विश्वास है...
एकदम अनोखा बुलेटिन..शानदार!!
दीदी के नये नये अच्छे प्रयोग.... लुत्फ़ उठाते हम
अद्भुत ... अलग अंदाज़ और अलग नजरिया
रश्मि जी की समीक्षा,समीर लाल जी का लेख और उसमे रवीन्द्र प्रभात जी का उल्लेख (जिनसे तीन बार व्यक्तिगत मुलाक़ात भी हो चुकी है)तथा महेंद्र जी का भिखारी वाला चित्रण सभी आकर्षक है,पढ़ कर अच्छा लगा।
shubhkaanaayein
रश्मि जी नमस्कार
ब्लॉग बुलेटिन का ख़ास संस्करण -अवलोकन २०११--आपका नया प्रयास सुंदर है ,इस बहाने पूरे साल की गति विधियों को शामिल करने और अवलोकन का अच्छा कदम है बधाई...
मज़ा आ गया!! लग रहा है कि हम ब्लॉग जगत का ऐनुअल फंक्शन देख रहे हैं!! द शो मस्ट गो ऑन!!
उत्कृष्ट प्रयास।
श्रेष्ठ ब्लॉगर से शुरुआत!
बुलेटिन नए आयाम को छू रहा है।
बढि़या बुलेटिन -- शानदार पहल। बधाई और शुभकामनाएँ...
बहुत सुंदर और सफल प्रयास...इतना रोचक बुलेटिन पढ़ कर आनंद आगया...बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं !
bahut badiya .... badhayi.....
एक मील का पत्थर ...बधाई एवं हार्दिक शुभकामनायें ...खिलता जज़्बा दिख रहा है मुझे ...बढे चलो बढे चलो ...कहता हुआ ...!!बहुत ख़ुशी हुई इसे पढ़कर ...
वाह ..
शानदार ..
saal ke ant kee bahut achchhi shuruaat. sabhi kee pasandeeda rachna dobara padhne ko milegi. aabhar Rashmi ji.
वाह वाह ... कमाल है जी कमाल है ... एक अंग्रेजी कहावत याद आ रही है ... थोडा सा फैर बदल कर पेश कर रहा हूँ ...
"SHE CAME ... SHE SAW & SHE CONQUERED ..."
रश्मि दी ... आज तो आपके के लिए सिर्फ़ यही कह सकता हूँ !
जय हो आपकी !
bahut sunder andaaz se aagaz kiya hai. wah bahut bahut badhayi ho. shuruaat itni jabardast hai to aage ke padaav kaise honge andaaza lagaya ja sakta hai.
bhavishy ki safaltaaon k liye haardik shubhkaamnayen.
बिल्कुल नया अंदाज..।
मुझे लगता है कि अगर ब्लाग परिवार का कोई साथी कहीं बाहर हो या लंबे से समय से वो ब्लाग पर ना आ पाया हो तो उसे और कुछ करने की जरूरत ही नहीं है। बस यहां बने रहने की जरूरत है, चुनिंदा लिंक्स मिल जाएंगे।
रश्मि दी इस अच्छे प्रयास के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएं...
वाह वाह
टीआरपी बढ़ने लगी है
जान पहचान कर मन प्रसन्न हुआ है।
ब्लॉग बुलेटिन पछाड़ेगा
अब जल्दी ही टीआरपी में
बिग बॉस को भी।
चिटठाकार की ताकत को
अंडरएस्टीमेट मत करिएगा दोस्तो
रश्मि जी!उत्कृष्ट प्रयास। इतना रोचक बुलेटिन पढ़ कर बहुत अच्छा लगा.बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं !
एकदम निराली,शानदार एवं उत्कृष्ट परिकल्पना - पूर्ण साकार हो और सर्वत्र स्वीकार्यता तथा प्रियता प्राप्त करे !
बहुत अच्छी शुरुआत...बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं...
बहुत अच्छी शुरुआत ..नए नजरिये के साथ ...
वर्ष २०११ का अवलोकन बहुत बढ़िया रहा ... सुन्दर और सार्थक श्रृंखला की शुरुआत ... बधाई और शुभकामनायें
पहला कदम ... पर क्या बढ़िया शुरुआत है ... वाह !
बहुत बहुत अभिनन्दन इस सुन्दर और काबिले तारीफ़ प्रयास के लिए ...
लोगों को जानने समझने का मौका मिलेगा ..बहुत बहुत धन्यवाद
बहुत सुन्दर शुरुआत है दी....
ब्लॉग बुलेटिन नए आयाम स्थापित करे....
इन्हीं शुभ्कानाओं के साथ..
सादर....
बहुत बढिया जी बहुत बढिया...
इस आगाज़ को एक नये अंजाम तक पहुंचाना होगा, चुनौतियां और भी हैं....
बेहतरीन अंदाज़...
एक सार्थक और खुबसूरत और बहुत सफल प्रयास.....
शुभकामनायें स्वीकारें,बेहद रोचक एक नयी शुरुआत।
सादर...
adbhud prastuti......
ब्लॉग वार्ता सा स्वाद लेकिन एक अनूठे अंदाज़ में. बधाई!
bahut pyara sa agaaaj:)
ham wait karenge har din!!
बधाईयांSSSSSSSSSS, विलंब से ही सही :)
नये अंदाज़ के साथ बहुत बढ़िया और सराहनीय प्रयास रहा!
बढ़िया प्रयास है ब्लॉग की दुनिया को समृद्ध और सुदृढ़ करने का....बहुत बढ़िया और सराहनीय, बधाई!
क्योंकि हर एक ब्लॉगर ज़रूरी होता है...
जय हिंद...
एक अपने अन्दाज़ का बुलेटिन्………एक बार फिर से सबको पढने का मौका मिलेगा …………आपने तो बहुत ही सराहनीय कार्य किया है…………सबको अपनी दृष्टि से देखना और फिर एक नयी सोच का उपजना …………एक बेहद अनूठा और उत्कृष्ट प्रयास है…………अब आगे का इंतज़ार रहेगा …………इस कार्य के लिये हार्दिक बधाई और शुभकामनायें।
..बहुत खूब , बिंदास , बेलाग , और अदभुत । इसे कहते हैं मास्टर स्ट्रोक । रश्मि जी इस कोने को अपना स्नेह और आशीष प्रदान करने के लिए हम सबकी तरफ़ से आपका शुक्रिया । आज बुलेटिन ,हिंदी ब्लॉगिंग में अपनी उपस्थिति दर्ज़ करा रहा है , उम्मीद है आने वाले दिनों में पाठकों को यहां आने में खुशी होगी । पुन: आपका आभार और बहुत बहुत शुभकामनाएं । आपसे प्रेरित होकर बुलेटिन पर ..हम परिचय कराएंगे अपने ब्लॉगर्स का अपनी खास शैली में ..रौआ देखत जाईं
नई शुरुआत ....अच्छी शुरुआत....सबको पसंद आ रही है .....सबको एक साथ फिर से पढने का मौका मिलेगा ......आभार
.
वाह रश्मि दीदी वाह !
अवलोकन २०११ का पहला भाग अगले अंकों के लिए उत्सुकता बढ़ाने वाला है …
आपका हर कार्य कमाल का है …
... शुरुवाती आकर्षक फोटो में "आपके" फोटो को समाहित देखकर यह कहना तो अतिश्योक्तिपूर्ण नहीं होगा कि चर्चाएँ कितने निष्पक्ष भाव से की जायेंगी ... खैर, एक अच्छी पहल के लिए शुभकामनाएं !!
अवलोकन 2011 का यह पहला भाग ... पढ़कर नि:शब्द हूं निस्वार्थ भाव से यह श्रमसाध्य कार्य करना हर एक के लिए कहां संभव हो पाता है आप जैसा लेखन को समर्पित व्यक्तित्व ही सूत्रधार हो सकता है इस कार्य के आपको बधाई के साथ शुभकामनाएं .... ।
ye ek nai suruaat h.......bilkul naye andaaz me..........its really a gud start for us
badhai ji ..
अद्धभुत प्रयास ,आपके प्रयास को नमन.... ! मुझेसे थोड़ी देर हो गई.... :(
एक बहुत अच्छा संकलन तैयार हो रहा है ...
बधाई और शुभकामनायें !
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