सभी हिंदी ब्लॉगर्स को नमस्कार।
जगदीशचन्द्र माथुर (अंग्रेज़ी: Jagdish Chandra Mathur, जन्म: 16 जुलाई, 1917; मृत्यु: 14 मई, 1978) हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकारों में से एक थे, जिन्होंने आकाशवाणी में काम करते हुए हिन्दी की लोकप्रियता के विकास में महत्वपूर्ण योगदान किया। टेलीविज़न उन्हीं के जमाने में वर्ष 1949 में शुरू हुआ था। हिन्दी और भारतीय भाषाओं के तमाम बड़े लेखकों को वे ही रेडियो में लेकर आए थे। सुमित्रानंदन पंत से लेकर रामधारी सिंह 'दिनकर' और बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' जैसे दिग्गज साहित्यकारों के साथ उन्होंने हिंदी के माध्यम से सांस्कृतिक पुनर्जागरण का सूचना संचार तंत्र विकसित और स्थापित किया था।
आज हिन्दी के लोकप्रिय साहित्यकार जगदीशचन्द्र माथुर जी के 101वें जन्म दिवस पर हम सब उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। सादर।।
~ आज की बुलेटिन कड़ियाँ ~
दिल्ली आकर ट्रम्प क्या कहेंगे, क्या करेंगे?
स्वामिनारायण अक्षरधाम मंदिर, दिल्ली
फेसबूक की दुनिया से...
मॉनसून सत्र
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क्या आप जानते है बाबा रामदेव के किंभो एप के बारे में
पटना यात्रा - एक याद
“मेरा पूर्वोत्तर” - गोल्डन पैगोडा, नामसाई, अरुणाचल
भीमबैठका : पत्थरों की पानीदार कहानी : सुदीप सोहनी
पथ न भूले एक पग भी ....महादेवी वर्मा
पानी बह गया है
अस्तित्त्व और हम
किसी किसी आदमी की सोच में हमेशा ही एक हथौढ़ा होता है
आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।। पटना यात्रा - एक याद
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किसी किसी आदमी की सोच में हमेशा ही एक हथौढ़ा होता है
बढ़िया बुलेटिन प्रस्तुति। आभार हर्षवर्धन 'उलूक' के सोच के हथौड़े को भी जगह देने के लिये।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति में मेरी पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंदेर से आने के लिए खेद है, सुंदर सूत्रों से सजा बुलेटिन..मुझे भी शामिल करने के लिए आभार !
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