"जब तक मैं उस आदमी से नहीं मिली थी जिसके पाँव नहीं थे, मैं मेरे पास जूते न होने पे बहुत रोती थी।"~ हेलेन केलर
जब तक हम अनुभवों से नहीं गुजरते, तब तक सिर्फ रोते हैं,
अपना दुःख सबसे बड़ा लगता है !
जब तक अपना दुःख सबसे बड़ा लगे, समझो - दर्द को तुमने जिया ही नहीं, उससे रिश्ता बनाया ही नहीं ...
सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति।
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