सभी हिन्दी ब्लॉगर्स को मेरा नमस्कार।
गूगल ने 1 नवंबर को एक खास डूडल बनाते हुए मशहूर उर्दू लेखक और साहित्यिक आलोचक अब्दुल कावी देसनवी को उनके 87 जन्मदिन पर याद किया. जावेद अख्तर और इकबाल मसूद जैसे शायरों को मार्गदर्शन देने वाले अब्दुल कावी देसनवी का जन्म बिहार में 1 नवंबर 1930 को हुआ था. उनके पिता सैयद मोहम्मद सईद रजा थे जो उर्दू, अरबी और फारसी भाषाओं के प्रोफेसर थे. यही वजह रही कि अब्दुल कावी देसनवी को बचपन से ही भाषाओं का अच्छा ज्ञान रहा.
वे न सिर्फ उर्दू भाषा के जानकार थे बल्कि प्रसिद्ध लेखक भी थे. उन्हें उर्दू साहित्य में उनके कार्य के लिए दुनियाभर में जाना जाता है. अब्दुल कावी देसनवी के यूं तो कई प्रसिद्ध कृतियां हैं, लेकिन 'हयात-ए-अबुल कलाम आजाद' का उर्दू साहित्य में अलग ही स्थान है. ये किताब स्वतंत्रता सेनानी मौलाना अबुल कलाम आजाद के जीवन पर लिखी गई थी, जिसे साल 2000 में प्रकाशित किया गया था.
उर्दू पर अच्छी खासी पकड़ रखने वाले देसनवी ने निजी तौर पर भारत के कई बेहतरीन उर्दू कवियों और लेखकों का मार्गदर्शन किया, जिनमें जावेद अख्तर और इकबाल मसूद जैसे नाम भी शामिल हैं.
(साभार : http://zeenews.india.com/hindi/india/google-dedicates-doodle-to-abdul-qavi-desnavi-the-famous-urdu-writer/348873)
गूगल ने 1 नवंबर को एक खास डूडल बनाते हुए मशहूर उर्दू लेखक और साहित्यिक आलोचक अब्दुल कावी देसनवी को उनके 87 जन्मदिन पर याद किया. जावेद अख्तर और इकबाल मसूद जैसे शायरों को मार्गदर्शन देने वाले अब्दुल कावी देसनवी का जन्म बिहार में 1 नवंबर 1930 को हुआ था. उनके पिता सैयद मोहम्मद सईद रजा थे जो उर्दू, अरबी और फारसी भाषाओं के प्रोफेसर थे. यही वजह रही कि अब्दुल कावी देसनवी को बचपन से ही भाषाओं का अच्छा ज्ञान रहा.
वे न सिर्फ उर्दू भाषा के जानकार थे बल्कि प्रसिद्ध लेखक भी थे. उन्हें उर्दू साहित्य में उनके कार्य के लिए दुनियाभर में जाना जाता है. अब्दुल कावी देसनवी के यूं तो कई प्रसिद्ध कृतियां हैं, लेकिन 'हयात-ए-अबुल कलाम आजाद' का उर्दू साहित्य में अलग ही स्थान है. ये किताब स्वतंत्रता सेनानी मौलाना अबुल कलाम आजाद के जीवन पर लिखी गई थी, जिसे साल 2000 में प्रकाशित किया गया था.
उर्दू पर अच्छी खासी पकड़ रखने वाले देसनवी ने निजी तौर पर भारत के कई बेहतरीन उर्दू कवियों और लेखकों का मार्गदर्शन किया, जिनमें जावेद अख्तर और इकबाल मसूद जैसे नाम भी शामिल हैं.
(साभार : http://zeenews.india.com/hindi/india/google-dedicates-doodle-to-abdul-qavi-desnavi-the-famous-urdu-writer/348873)
आज अब्दुल कावी देसनवी जी के 87वें जन्म दिवस पर हम सब उन्हें शत शत नमन करते हैं। सादर।।
~ आज की बुलेटिन कड़ियाँ ~
आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।।
बहुत सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति हर्षवर्धन। तुम्हारी लगन को सलाम।
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जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति.....
सुन्दर अति सुन्दर, आज उर्दू साहित्यकारों के लिए बड़ा सम्मान का दिवस है गूगल ने देसनवी साहब को अपने होमपेज पर जगह दी है |
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट बुलेटिन में शामिल करने के लिए धन्यवाद |
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया बुलेटिन। मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार
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