सभी ब्लॉगर मित्रों को मेरा सादर नमस्कार।
ओंकार प्रसाद नैय्यर (अंग्रेज़ी: Omkar Prasad Nayyar, जन्म: 16 जनवरी, 1926 - मृत्यु: 28 जनवरी, 2007) हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध संगीतकार थे। अपने सुरों के जादू से आशा भोंसले और मोहम्मद रफ़ी जैसे कई पार्श्वगायक और पार्श्वगायिकाओं को कामयाबी के शिखर पर पहुंचाने वाले महान संगीतकार ओ. पी. नैय्यर के संगीतबद्ध गीत आज भी लोकप्रिय है।
जीवन परिचय
16 जनवरी 1926 को लाहौर (पाकिस्तान) के एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मे ओंकार प्रसाद नैय्यर उर्फ ओ.पी. नैय्यर का रुझान बचपन से ही संगीत की ओर था। वह पार्श्वगायक बनना चाहते थे। भारत विभाजन के पश्चात उनका पूरा परिवार लाहौर छोड़कर अमृतसर चला आया। ओंकार प्रसाद ने संगीत की सेवा करने के लिए अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ दी। अपने संगीत के सफ़र की शुरूआत इन्होंने आल इंडिया रेडियो से की।
फ़िल्मी सफर
बतौर संगीतकार फ़िल्म इंडस्ट्री में पहचान बनाने के लिये ओ. पी. नैय्यर वर्ष 1949 में मुंबई आ गये। मुंबई मे उनकी मुलाकात जाने माने निर्माता निर्देशक कृष्ण केवल से हुई जो उन दिनों फ़िल्म 'कनीज़' का निर्माण कर रहे थे। कृष्ण केवल उनके संगीत बनाने के अंदाज से काफ़ी प्रभावित हुये और उन्होंने फ़िल्म के बैक ग्राउंड संगीत देने की पेशकश की। इस फ़िल्म के असफल होने से ओ. पी. नैय्यर बतौर संगीतकार अपनी पहचान बनाने मे भले ही सफल न हो सके लेकिन फ़िल्म इंडस्ट्री मे उनका कैरियर अवश्य ही शुरू हो गया।
( साभार : http://bharatdiscovery.org/india/ओ._पी._नैय्यर )
आज ओपी नैय्यर जी के 91वें जन्मदिवस पर हिन्दी ब्लॉगजगत और पूरा भारत उनके मधुर संगीत को सुनते हुये उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। सादर।।
अब चलते हैं आज की बुलेटिन की ओर...
ऑनलाइन मतदान की ओर कदम बढ़ाने का सही वक्त!
सही वक़्त पर सही फ़ैसले का नाम धोनी
अमित जी, सिर्फ मसालों से ही भोजन स्वादिष्ट नहीं बन जाता
इमेज बिल्डिंग! (प्रसंग - नितीश कुमार)
बाकी बहुत कुछ रहता है !!!
ओरछा क्यों जाना चाहिये ?
वाईकॉम का महादेव मंदिर और दीपमाला
संसद के कितने सत्र होते हैं?
बुरा वक़्त अच्छे लोग
सोमवार की आत्मकथा
आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि।
ओंकार प्रसाद नैय्यर (अंग्रेज़ी: Omkar Prasad Nayyar, जन्म: 16 जनवरी, 1926 - मृत्यु: 28 जनवरी, 2007) हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध संगीतकार थे। अपने सुरों के जादू से आशा भोंसले और मोहम्मद रफ़ी जैसे कई पार्श्वगायक और पार्श्वगायिकाओं को कामयाबी के शिखर पर पहुंचाने वाले महान संगीतकार ओ. पी. नैय्यर के संगीतबद्ध गीत आज भी लोकप्रिय है।
जीवन परिचय
16 जनवरी 1926 को लाहौर (पाकिस्तान) के एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मे ओंकार प्रसाद नैय्यर उर्फ ओ.पी. नैय्यर का रुझान बचपन से ही संगीत की ओर था। वह पार्श्वगायक बनना चाहते थे। भारत विभाजन के पश्चात उनका पूरा परिवार लाहौर छोड़कर अमृतसर चला आया। ओंकार प्रसाद ने संगीत की सेवा करने के लिए अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ दी। अपने संगीत के सफ़र की शुरूआत इन्होंने आल इंडिया रेडियो से की।
फ़िल्मी सफर
बतौर संगीतकार फ़िल्म इंडस्ट्री में पहचान बनाने के लिये ओ. पी. नैय्यर वर्ष 1949 में मुंबई आ गये। मुंबई मे उनकी मुलाकात जाने माने निर्माता निर्देशक कृष्ण केवल से हुई जो उन दिनों फ़िल्म 'कनीज़' का निर्माण कर रहे थे। कृष्ण केवल उनके संगीत बनाने के अंदाज से काफ़ी प्रभावित हुये और उन्होंने फ़िल्म के बैक ग्राउंड संगीत देने की पेशकश की। इस फ़िल्म के असफल होने से ओ. पी. नैय्यर बतौर संगीतकार अपनी पहचान बनाने मे भले ही सफल न हो सके लेकिन फ़िल्म इंडस्ट्री मे उनका कैरियर अवश्य ही शुरू हो गया।
( साभार : http://bharatdiscovery.org/india/ओ._पी._नैय्यर )
आज ओपी नैय्यर जी के 91वें जन्मदिवस पर हिन्दी ब्लॉगजगत और पूरा भारत उनके मधुर संगीत को सुनते हुये उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। सादर।।
अब चलते हैं आज की बुलेटिन की ओर...
ऑनलाइन मतदान की ओर कदम बढ़ाने का सही वक्त!
सही वक़्त पर सही फ़ैसले का नाम धोनी
अमित जी, सिर्फ मसालों से ही भोजन स्वादिष्ट नहीं बन जाता
इमेज बिल्डिंग! (प्रसंग - नितीश कुमार)
बाकी बहुत कुछ रहता है !!!
ओरछा क्यों जाना चाहिये ?
वाईकॉम का महादेव मंदिर और दीपमाला
संसद के कितने सत्र होते हैं?
बुरा वक़्त अच्छे लोग
सोमवार की आत्मकथा
आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि।
बहुत सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंनैय्यर जी को सादर श्रद्धांजलि!
पोस्ट सम्मलित करने के लिए ब्लॉग बुलेटिन का आभार।
जवाब देंहटाएंमुम्बई फ़िल्म उद्योग में लता जी के बिना कामयाबी की कल्पना भी असंभव लगती हो जिस ज़माने में, उस समय में भी नैय्यर साहब ने अपने एक ख़ास अन्दाज़ में आशा जी के साथ अविस्मरणीय गाने दिए. पंजाब के संगीत का नशा उन्हें अपनी एक अलग पहचान बनाने में मददगार साबित हुआ. एक शानदार संगीतकार! बहुत अच्छी प्रस्तुति हर्ष!!
जवाब देंहटाएंओपी नैय्यर साहब को शत शत नमन | बढ़िया बुलेटिन हर्ष बाबू ... :)
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर बुलेटिन। यात्रा वृतान्त शामिल करने के लिए आभार और धन्यवाद
जवाब देंहटाएंनैय्यर जी को नमन
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