एक तीली तुम जलाना
एक तीली मैं
अँधेरा कट जायेगा
एक कदम तुम नापना
एक कदम मैं
बीहड़ रास्ता छोटा हो जायेगा
अँधेरे में एक बात याद रखना
सूरज तुम्हारे हिस्से भी है
मेरे हिस्से भी
कुछ आग तुम बटोरना
कुछ मैं
पूरा दिन मुट्ठी में होगा ही होगा
एक तीली मैं
अँधेरा कट जायेगा
एक कदम तुम नापना
एक कदम मैं
बीहड़ रास्ता छोटा हो जायेगा
अँधेरे में एक बात याद रखना
सूरज तुम्हारे हिस्से भी है
मेरे हिस्से भी
कुछ आग तुम बटोरना
कुछ मैं
पूरा दिन मुट्ठी में होगा ही होगा
बहुत सुन्दर प्रस्तुति । अंतिम लिंक http://ashutoshmishrasagar.blogspot.in/ थोड़ा ठीक से नहीं लगा है ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंक्स. मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर,मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार रश्मि दी बहुत खुशी मिली आपने मेरे ब्लॉग को स्थान दिया !!ब्लोगिंग हेतु सकारात्मक प्रयास है ये !!मंगलकामनाएं !!
जवाब देंहटाएंमेरा ब्लॉग आपके ब्लॉग संकलन में देख बहुत अच्छा लगा |मेरे ब्लॉग को शामिल करने के लिए आभार सहित धन्यवाद |
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर लिंक संकलन ..
जवाब देंहटाएंबहुत बहत आभार
जवाब देंहटाएंहै जग रहा आलोक , बिखर रही है प्रभा ....
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