कलम जब आग उगलती है
सत्य को बेनक़ाब करती है
तो खुदा पे यकीन होता है
... यकीन को यकीन दीजिये, आइये यहाँ फिर से पढ़िए
ब्लॉग जगत में लिखी पढी जा रही पोस्टों , उनमें दर्ज़ की जा रही टिप्पणियां ,बहस ,विमर्श ..सबको समेट कर तैयार है बुलेटिन ... ब्लॉग बुलेटिन ...
बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!
कलम का सत्य
जवाब देंहटाएंआग का सत्य
सत्य का सत्य
खुदा का सत्य
और यकीन
सच है
सीधा है कहीं
भूलभुल्लईया भी है ।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ।
वाह बहुत सुन्दर श्रृंखला जा रही इसी बहाने एक कोने पर आपने सभी कमाल के ब्लोग्स सूत्र पिरो कर एक तरह से आर्काईव भी बना दिया है रश्मि दीदी | मुझे यकीन है और पूरा यकीन है कि हिंदी ब्लॉग्गिंग जल्दी और बहुत जल्दी ही रफ़्तार पकड़ेगी , अब भी है | अच्छा बुलेटिन
जवाब देंहटाएंबहुत -बहुत आभार आपको और शुभकामनाएँ रश्मि प्रभा जी आपका अच्छा यह प्रयास है ।
जवाब देंहटाएंAapka bahut bahut aabhar didi.... bahut dino baad dekha, bahut khushi hui dekh kar...
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया भूली-बिसरी सी गलियों के श्रंखला प्रस्तुति हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंदिल पा रहा है फिर वही फुरसत का पल ...
जवाब देंहटाएंthanks
जवाब देंहटाएंइस बहाने शायद लोग फिर ब्लॉग की तरफ बढ़ें... सुन्दर प्रयास....
जवाब देंहटाएंइसका पखवाड़ा या माह मना लेना चाहिए, हम लोगों को :)