ब्लॉग के होठों पर एक ही गीत है -
"तू जो नहीं है तो कुछ भी नहीं है,
ये माना कि महफ़िल जवां है, हसीं है"
ब्लॉग्स के आग्रह पर मैं कह रही हूँ -
"चलो, तुमको लेकर चलें
हम उन फ़िज़ाओं में
जहाँ मीठा नशा है तारों की छाँव में"
आज की यादें ...
शरद कोकास
ज़िन्दगी…एक खामोश सफ़र
परिसंवाद
न दैन्यं न पलायनम्
रचना रवीन्द्र
एक जीवन एक कहानी
" जीवन की आपाधापी "
अपना घर
सुज्ञ
मेरी कविताएँ
mridula's blog
शायर परिवार - शायरों की जान॰॰॰ - Blogger
नीरज
दिल की बात
पाल ले इक रोग नादां...
"कविता और मैं"--"kavita aur main" - Blogger
बुरा भला
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मेरे गीत !
उत्तम पुरुष
प्रतिभा की दुनिया ...
बेचैन आत्मा
किस्सा-कहानी
- شفا کجگاونویशिफ़ा कजगाँवी
गीत मेरे ........
कुश की कलम
मेरे आस-पास
समयचक्र
संवेदना संसार
जिंदगी की राहें
स्वप्न मेरे ...
क्रमशः
सभी नायाब ब्लॉग .👍
जवाब देंहटाएंसभी नायाब ब्लॉग .👍
जवाब देंहटाएंआज भी दिल घूमता है इन्ही गलियों में जो अब कितनी सूनी हैं..
जवाब देंहटाएंआज भी दिल घूमता है इन्ही गलियों में जो अब कितनी सूनी हैं..
जवाब देंहटाएंबेहतरीन ब्लोग्स .... हार्दिक आभार आपका
जवाब देंहटाएंयादों में बसे रहते हैं ये ब्लोग्स सभी ...
जवाब देंहटाएंवाह दीदी , कमाल है आप जिस दिशा में सोच रही हैं मैं भी बिलकुल उसी दिशा में जा रहा था , पुराने मंदिरों में जाकर ही देवताओं को जाग्रत किया जाए ..सभी मित्र आपस में एक दुसरे को प्रोत्साहित करना प्रारम्भ करें बाकी खुद ब खुद हो जाएगा
जवाब देंहटाएंये भूली बिसरी यादें कहाँ ले जा रही हैं... समय पीछे चला जा रहा है... क्या कमाल की सोच है दीदी!
जवाब देंहटाएंशुरुआत वहीं से हुई थी ..जारी रखेंगे वहाँ आना-जाना कि वो एक अलग सी ..प्यारी सी दुनिया है ..
जवाब देंहटाएंइक लहर सी चली है अभी
जवाब देंहटाएंकोई ताजा हवा चली है अभी
दिल में इक ... जैसा कुछ सुना हुआ अचानक याद आने लगा :)
बहुत सुन्दर जैसे सागर में हौले हौले उठती लहरें बढ़ रही हो किनारे की रेत के ऊपर से फिर से मिटाने को कुछ निशान पुराने । दूसरी कड़ी ....
बहुत सुन्दर प्र्स्तुति ।
बेहतरीन ब्लोग्स ...सुन्दर प्र्स्तुति
जवाब देंहटाएंपुराने ब्लॉग -एक से बढ़िया एक
जवाब देंहटाएंएक-एक कर काफिला बन जाता है यादों का
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति
वाह ! चलो इक बार फिर से..
जवाब देंहटाएंआभार याद रखने के लिए ...
जवाब देंहटाएंयादों में बसर करते हैं अब लेकिन गुजरा हुआ ज़माना आता नहीं दोबारा ........वो भी क्या दिन थे बस इक कसक बन उभरते हैं
जवाब देंहटाएंआभार आपका।
जवाब देंहटाएंआपके इस बेहतरीन प्रयास से शायद कुछ सोये से, कुछ अधजगे से ब्लॉग पूरी तरह जागकर चैतन्य हो जाएँ....
जवाब देंहटाएंआपको साधुवाद
बहुत सुन्दर प्रयास फिर से ब्लोगों को जीवंत करने के लिए |
जवाब देंहटाएंवाह ... एक से बढ़ कर एक ब्लॉग हैं ... बहुत से तो अभी तक मैंने पढ़ें भी नहीं थे |
जवाब देंहटाएंजामवंत और हनुमान संवाद जैसा है ये ।
जवाब देंहटाएंइतने बढ़िया ब्लॉग्स के साथ मुझे शामिल करने के लिये बहुत बहुत शुक्रिया रश्मि ,,,,आप की ये कामयाबी भी आप को मुबारक हो
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