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मंगलवार, 20 सितंबर 2016

भूली-बिसरी सी गलियाँ - 2



ब्लॉग के होठों पर एक ही गीत है -

"तू जो नहीं है तो कुछ भी नहीं है, 
ये माना कि महफ़िल जवां है, हसीं है"

ब्लॉग्स के आग्रह पर मैं कह रही हूँ -

"चलो, तुमको लेकर चलें 
हम उन फ़िज़ाओं में 
जहाँ मीठा नशा है तारों की छाँव में" 



आज की यादें  ... 


शरद कोकास

ज़िन्दगी…एक खामोश सफ़र

परिसंवाद

न दैन्यं न पलायनम्

रचना रवीन्द्र

एक जीवन एक कहानी

" जीवन की आपाधापी "

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मेरे गीत !

उत्तम पुरुष

प्रतिभा की दुनिया ...

बेचैन आत्मा

किस्सा-कहानी

- شفا کجگاونویशिफ़ा कजगाँवी

गीत मेरे ........

कुश की कलम

मेरे आस-पास

समयचक्र

संवेदना संसार

जिंदगी की राहें

स्वप्न मेरे ...




क्रमशः 

22 टिप्‍पणियां:

  1. आज भी दिल घूमता है इन्ही गलियों में जो अब कितनी सूनी हैं..

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  2. आज भी दिल घूमता है इन्ही गलियों में जो अब कितनी सूनी हैं..

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  3. बेहतरीन ब्लोग्स .... हार्दिक आभार आपका

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  4. यादों में बसे रहते हैं ये ब्लोग्स सभी ...

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  5. वाह दीदी , कमाल है आप जिस दिशा में सोच रही हैं मैं भी बिलकुल उसी दिशा में जा रहा था , पुराने मंदिरों में जाकर ही देवताओं को जाग्रत किया जाए ..सभी मित्र आपस में एक दुसरे को प्रोत्साहित करना प्रारम्भ करें बाकी खुद ब खुद हो जाएगा

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  6. ये भूली बिसरी यादें कहाँ ले जा रही हैं... समय पीछे चला जा रहा है... क्या कमाल की सोच है दीदी!

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  7. शुरुआत वहीं से हुई थी ..जारी रखेंगे वहाँ आना-जाना कि वो एक अलग सी ..प्यारी सी दुनिया है ..

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  8. इक लहर सी चली है अभी
    कोई ताजा हवा चली है अभी
    दिल में इक ... जैसा कुछ सुना हुआ अचानक याद आने लगा :)

    बहुत सुन्दर जैसे सागर में हौले हौले उठती लहरें बढ़ रही हो किनारे की रेत के ऊपर से फिर से मिटाने को कुछ निशान पुराने । दूसरी कड़ी ....

    बहुत सुन्दर प्र्स्तुति ।

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  9. बेहतरीन ब्लोग्स ...सुन्दर प्र्स्तुति

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  10. पुराने ब्लॉग -एक से बढ़िया एक

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  11. एक-एक कर काफिला बन जाता है यादों का
    बहुत सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति

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  12. यादों में बसर करते हैं अब लेकिन गुजरा हुआ ज़माना आता नहीं दोबारा ........वो भी क्या दिन थे बस इक कसक बन उभरते हैं

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  13. आपके इस बेहतरीन प्रयास से शायद कुछ सोये से, कुछ अधजगे से ब्लॉग पूरी तरह जागकर चैतन्य हो जाएँ....
    आपको साधुवाद

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  14. बहुत सुन्दर प्रयास फिर से ब्लोगों को जीवंत करने के लिए |

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  15. वाह ... एक से बढ़ कर एक ब्लॉग हैं ... बहुत से तो अभी तक मैंने पढ़ें भी नहीं थे |

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  16. जामवंत और हनुमान संवाद जैसा है ये ।

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  17. इतने बढ़िया ब्लॉग्स के साथ मुझे शामिल करने के लिये बहुत बहुत शुक्रिया रश्मि ,,,,आप की ये कामयाबी भी आप को मुबारक हो

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