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मंगलवार, 22 दिसंबर 2015

प्रतिभाओं की कमी नहीं - एक अवलोकन 2015 (२२)


समय कहता रहा,
हम सुनते रहे
कब शब्द उगे हमारे मन में
जाना नहीं
सुबह जब अपने नाम के पीछे
पड़े हुए निशानों को देखा
तो जाना-
एक पगडण्डी हमने भी बना ली ! ……

राजेश उत्साही 

7 टिप्‍पणियां:

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