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शनिवार, 24 अक्टूबर 2015

भूले रास्तों का पता - 3




मानती हूँ समय द्रुत गति से भागता है 
पर समय के असर से परे जो लम्हें ठहर जाते हैं - उन्हें भी तो मानना होगा 


रजनीश का ब्लॉग: व्यथा

5 टिप्‍पणियां:

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