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रविवार, 24 मई 2015

बी पॉज़िटिव, यार - ब्लॉग बुलेटिन

मस्तिष्क की गतिविधियां सुषुप्त अवस्था में भी चलती रहती हैं। अनेकानेक तार बुनता इंसानी दिमाग बहुत सी शक्तियां लिए होता है। इसकी ऊर्जा अनंत है सो इन शक्तियों का सृजन ही मनुष्य को विशेष या साधारण बनाता है। एक और बात, सफलता और असफलता के बीच का अंतर क्या है। वास्तव में यह सफल होना सापेक्षिक है और यह मनोस्थिति है। कोई अत्यंत अमीर व्यक्ति है लेकिन वह नींद न आने की समस्या से पीड़ित है तो उसे सफल नहीं कह सकते, वहीँ एक साधारण व्यक्ति यदि संतोष से अपना जीवन यापन कर रहा है तो उसे मैं सफल व्यक्ति कहूँगा। आप पूछ सकते हैं कि मैं मानसिक शक्ति और सफल-असफल की चर्चा क्यों कर रहा हूँ, दरअसल यह आपस में जुड़े हुए हैं। हम अपने रोजमर्रा के काम में कितनी प्लानिंग करते हैं? उसी हद की प्लानिंग क्या हम अपने ऑफिस में करते हैं? या यूँ कहे कि इस व्यस्त से व्यस्तम होते जीवन में गैजेट्स के आने से क्या बुद्धि कुंद नहीं हो गयी है? पहले पूरी फोन डायरेक्टरी याद रहती थी और अब? स्थिति प्रश्न वाचक चिन्ह से बदतर है। इस बदलते हुए समय में विज्ञान ने सुविधाएं बढ़ा दी हैं लेकिन इन्ही सुविधाओं ने हमें बेबस और लाचार भी बना दिया है। तकनीक पर निर्भरता को कम करना आज के लिए तर्क संगत भी नहीं लेकिन दिमाग को पंगु होने से बचाने के लिए कुछ युक्ति तो करनी होगी। सारा काम कंप्यूटर कर देता है और लोगों का दिमाग खाली होकर शैतान का घर बन गया है। ऐसे में सभी अतिवाद का शिकार हो गए हैं।

कोई त्रासदी आए तो सबसे अधिक क्षतिग्रस्त सोशल मीडिया ही हो जाता है, लोग बिना तर्क लगाए कुछ भी संदेश आगे फ़ारवर्ड करते रहते हैं। यदि तकनीक और आधुनिक चमत्कारों का सही प्रकार से सार्थक रूप में प्रयोग हो तब वह उर्जा का सही इस्तेमाल होगा लेकिन यदि अतिवाद का शिकार होकर सभी लोग बचकानी हरकतों पर उतर आयें तो यह उर्जा का नाश करना होगा। 

सोच कर सोचिए और अपनी उर्जा को सकारात्मक कार्यों में लगानें का प्रयत्न करें तो यह बहुत अच्छा होगा।

अबसे हर रविवार, मैं आपके लिए बुलेटिन का एक अंक लेकर आऊंगा.. आप आज के यह चुनिन्दा लिंक्स देखिये |

मांवां ठंडियाँ छांवां

सरिता भाटिया at गुज़ारिश
आज के रविवारी मंथन में इतना ही, मिलते हैं एक ब्रेक के बाद ... 

13 टिप्‍पणियां:

  1. धन्यवाद देव, छायाचित्रकार के पारिवारिक संत को चुनिन्दा लिन्कस में शामिल करने के लिए. :)

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  2. " वास्तव में यह सफल होना सापेक्षिक है "
    very well said...
    Bulletin inspiring positivity...
    शुक्रिया!

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  3. हर रविवार को आपका इंतजार रहेगा आते रहियेगा :)

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  4. प्रिय ब्लॉगर भाई देव कुमार जी,
    मेरी रचना शामिल करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद.

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  5. सार्थक सकारात्मक बुलेटिन प्रस्तुति हेतु आभार!

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  6. सार्थक सकारात्मक बुलेटिन देव बाबू ... जय हो ... लगे रहिए अमरीका से ... जय हो |

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  7. सार्थक सकारात्मक ब्लॉग बुलेटिन शानदार लिंक्स के साथ। आभार

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  8. जी आप का बहुत बहुत धन्यवाद --आभार आप का मेरी रचना साझा करने हेतु

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