नमस्कार मित्रो,
आज अपनी पहली ब्लॉग बुलेटिन के साथ आपके समक्ष उपस्थित हैं. प्रथम पूज्य माता-पिता के समान पूज्य गुरु से सम्बंधित दिवस से ब्लॉग बुलेटिन यात्रा का आरम्भ करते हुए मन व्याकुलता की स्थिति में है. देश में एक तरफ पाक रमजान माह में अमन-चैन की दुआएँ दी जा रही हैं, सबके सकुशल रहने की कामना की जा रही है वहीं दूसरी तरफ तुष्टिकरण की नीति अपनाकर वैमनष्यता का, कटुता का वातावरण बनाया जा रहा है. हम सभी को इस बात का भान होना चाहिए कि सामाजिक सद्भाव बनाये रखना किसी भी एक पक्ष की जिम्मेवारी नहीं है. ऐसे माहौल में अब समय आ गया है कि खुद नागरिकों को, सभी धर्म-मजहब के लोगों को इससे ऊपर उठकर सामाजिक समरसता के बारे में विचार करना होगा.
आज अपनी पहली ब्लॉग बुलेटिन के साथ आपके समक्ष उपस्थित हैं. प्रथम पूज्य माता-पिता के समान पूज्य गुरु से सम्बंधित दिवस से ब्लॉग बुलेटिन यात्रा का आरम्भ करते हुए मन व्याकुलता की स्थिति में है. देश में एक तरफ पाक रमजान माह में अमन-चैन की दुआएँ दी जा रही हैं, सबके सकुशल रहने की कामना की जा रही है वहीं दूसरी तरफ तुष्टिकरण की नीति अपनाकर वैमनष्यता का, कटुता का वातावरण बनाया जा रहा है. हम सभी को इस बात का भान होना चाहिए कि सामाजिक सद्भाव बनाये रखना किसी भी एक पक्ष की जिम्मेवारी नहीं है. ऐसे माहौल में अब समय आ गया है कि खुद नागरिकों को, सभी धर्म-मजहब के लोगों को इससे ऊपर उठकर सामाजिक समरसता के बारे में विचार करना होगा.
आइये एक सुखद भविष्य की, सभ्य समाज
की स्थापना के लिए प्रयत्नशील हों. विकास की राह निर्मित करें क्योंकि इस जिंदगी
में राम-रहीम के अलावा और भी बहुत कुछ है करने-सोचने-विचारने को. विचार करिए और
जुट जाइए स्वर्णिम भविष्य निर्माण में....
आज की बुलेटिन आपके समक्ष विचारार्थ
छोड़ते हुए.. पुनः अगली बुलेटिन के साथ अगले गुरुवार को....
तब तक के लिए जय गुरुदेव!!
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देश के सम्मुख चुनौतियां >>>
चुनौतियाँ हैं पर निपटना भी तो हमें ही है जनाब!!
रफ्ता-रफ्ता अच्छे दिनभी आएंगे >>> आशा से टिका आसमान
जिम्मेदारी
से जिरह करती लापरवाही >>> काश हम
लापरवाह होना छोड़ सकें!!
अल्लाह हर बशर को, रमज़ान मुबारक हो >>> आमीन!!
ऐ खुदा कातिल
तेरी मजहब परस्ती हो गयी है >>> जबसे तेरी रहगुजर पर फिरकापरस्ती हो
गई...!!
अपेक्षाओं के बोझ तले सिसकता बचपन
>>> जिम्मेवार हम ही हैं इसके लिए.
अबोध मेहमान !
>>> एक खुशनुमा एहसास
दिल को देखो चेहरा न देखो >>>
काश दिलों की भाषा पढ़नी हम सबको आती होती.
मेरा
जन्म >>> एक मासूम सा सच!!
रहेगा अनंत काल तक... >>>
अभिलाषा इस दिल की..!!
बढ़िया बुलेटिन व प्रस्तुति , बुलेटिन को धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंInformation and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
सभी लिंक अति सुंदर है। पहली चर्चा लाजवाब है...
जवाब देंहटाएंइसी प्रकार मंच पर चर्चा करते रहें...
अच्छे दिन थे हैं और रहेंगे । बहुत सुंदर बुलेटिन ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर बुलेटिन. प्रथम प्रस्तुति के लिए बधाई !!
जवाब देंहटाएंमेरे पोस्ट को बुलेटिन में स्थान देने के लिए आभार.
आभार आपका !!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर! हम बदलेंगे - जग बदलेगा!!
जवाब देंहटाएंबुलेटिन टीम के नए सदस्य के रूप मे आप का हार्दिक स्वागत है राजा साहब |
जवाब देंहटाएंअपनी पहली ही बुलेटिन मे आप ने आने वाली पोस्टों का आभास दे दिया है ... जब आगाज़ इतना शानदार है तो आगे भी सब शानदार ही होगा | शुभकामनायें स्वीकार करें |
आपकी इस रचना का लिंक आज I.A.S.I.H पोस्ट्स न्यूज़ पर दिया गया है , कृपया पधारें धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंMeri post अबोध मेहमान ! ko shaamil karne hetu bahut bahut dhanywad .
जवाब देंहटाएंपहली बुलेटिन से ही शानदार आगाज़ किया है राजाजी। आगे भी इसी तरह की शानदार बुलेटिन का इन्तेज़ार रहेगा। सादर।।
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