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शुक्रवार, 11 जुलाई 2014

ज़ोहरा सहगल - 'दा ग्रांड ओल्ड लेडी ऑफ बॉलीवुड' - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

प्रसिद्ध नृत्यांगना और मशहूर अभिनेत्री जोहरा सहगल जी का कल यानि 10 जुलाई 2014 को 102 साल की उम्र मे दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया ।


जोहरा जी का असली नाम साहिबजादी जोहरा बेगम मुमताजुल्ला खान है। उनका जन्म 27 अप्रैल, 1912 को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रोहिल्ला पठान परिवार में हुआ। वह मुमताजुल्ला खान और नातीक बेगम की सात में से तीसरी संतान हैं। हालांकि जोहरा का पालन-पोषण सुन्नी मुस्लिम परंपराओं में हुआ, लेकिन वह बचपन से ही विद्रोह मानसिकता की थीं।
लाहौर से स्कूली शिक्षा और स्नातक करने के बाद जोहरा अपने मामा के साथ जर्मनी चली गई। वहां उन्होंने खुद को बुर्के से आजाद कर लिया और संगीत की शिक्षा ली। वर्ष 1935 में जोहरा जाने-माने नर्तक उदय शंकर से मिलीं और उनके डांस ग्रुप का हिस्सा बन कर पूरी दुनिया घूमीं।
1940 में अल्मोड़ा स्थित शंकर के स्कूल में नृत्य की शिक्षा देने के साथ ही उनकी मुलाकात कामेश्वर से हुई, जिनसे जोहरा ने 1942 में शादी की। फिर उन्होंने मुंबई आकर पृथ्वी थियेटर में नृत्य निर्देशक के रूप में काम करना शुरू किया, जहां वह अपनी सख्त मिजाजी के लिए जानी जाती थीं। यहीं से उनका फिल्मों का सफर भी शुरू हो गया। बॉलीवुड की सुपरहिट फिल्म हम दिल दे चुके सनम, कभी खुशी कभी कम, चीनी कम जैसे कई फिल्मों में काम किया।  

फिल्मी सफर की दास्तान

वर्ष 1945 में पृथ्वी थियेटर में 400 रुपये मासिक वेतन पर काम शुरू किया। इसी दौरान इप्टा ग्रुप में शामिल हुई।



-वर्ष 1946 में ख्वाजा अहमद अब्बास के निर्देशन में धरती के लाल और चेतन आनंद की फिल्म नीचा सागर में काम किया।
-धरती के लाल भारत की पहली फिल्म थी, जिसे कान फिल्म समारोह में गोल्डन पाम पुरस्कार मिला।
-मुंबई में जोहरा ने इब्राहीम अल्काजी के प्रसिद्ध नाटक दिन के अंधेरे में बेगम कुदसिया की भूमिका निभाई।
-गुरुदत्त की वर्ष 1951 में आई फिल्म बाजी तथा राजकपूर की फिल्म आवारा के प्रसिद्ध स्वप्न गीत की कोरियोग्राफी भी की।
-1964 में बीबीसी पर रुडयार्ड किपलिंग की कहानी में काम करने के साथ ही 1976-77 में बीबीसी की टेलीविजन श्रृंखला पड़ोसी नेबर्स की 26 कडि़यों में प्रस्तोता की भूमिका निभाई।

  उनके फिल्मी सफर पर एक नज़र डालने के लिए यह लिंक क्लिक करें और पढ़ें :-


सादर आपका
शिवम् मिश्रा
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जोहरा सहगल का जीवन ही कला था

दिल और रिश्ते

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बस स्टॉप से …(रजनी खन्ना ) !

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अब आज्ञा दीजिये ...

जय हिन्द !!!

8 टिप्‍पणियां:

  1. johra sahgal ji ko naman....hamesha ki tarah achhe links...shandar prastuti..

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  2. बढ़िया पोस्ट।आज की पोस्ट में यात्रानामा शामिल करने के लिए आपका आभार।

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  3. आ. जोहरा सहगल जी को श्रद्धांजलि , बढ़िया लिंक्स व प्रस्तुति के लिए शिवम भाई व बुलेटिन को धन्यवाद !
    I.A.S.I.H - ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )

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  4. कमाल की अदाकारा के नाटक का पटाक्षेप... एक मुकम्मल और हँसती मुस्कुराती ज़िन्दगी! श्रद्धांजलि!!

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  5. जोहरा सहगल को श्रद्धाँजलि । सुंदर बुलेटिन ।

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  6. जोहरा जी कमाल की जिंदादिल थी ! उन्हें मायूस भूमिकाओं में बहुत ही कम देखा है मैंने ,उन्होंने बोलीवूड के जन्म से पहले जन्म लिया और अब तक कार्यरत थी !
    उन्होंने एक लम्बी आयु जी , इसलिए मृत्यु के सच को स्वीकार किया जाना चाहिए बजाय दुःख के .
    वे अपनी उम्र जी कर गई है !
    श्रद्धांजली !
    अंत में ,हमारा भोजपुरी फिल्म जगत पर किया गया व्यंग्य 'चालायिब गोली दनादन ' को स्थान देने हेतु बहुत बहुत धन्यवाद .

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  7. behtreen post, JOHRA SAHGAL JI KO NAMAN UNKA JANA PARDE SE ZINDAGI KA JANA HAI.

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