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बुधवार, 10 जुलाई 2013

चर्चा मे है मेट्रो - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों ,
प्रणाम !

आजकल मेट्रो बड़े गलत कारणों से चर्चा मे है ... ऐसे मे थोड़ा माहौल से अलग जाते हुये आप सब को मेट्रो के बारे मे कुछ बताने की इच्छा हुई सो हाजिर हूँ आज की बुलेटिन ले कर !

पिछले 24 दिसंबर को दिल्ली मेट्रो को 10 साल हो चुके हैं। अब मेट्रो भारत के दूसरे शहरों मुंबई, बैंगलुरु, पटना, लुधियाना, कोच्चि और पुणे में भी उड़ान भरेगी। 

आइए, चलते है मेट्रो की दिलचस्प दुनिया में..

-दुनिया की पहली मेट्रो रेल लंदन में चली, जिसकी शुरुआत 10 मई, 1963 को हुई। यह दुनिया की दूसरी सबसे लंबी मेट्रो सेवा भी है, जिसकी लंबाई 402 किमी है। जबकि चीन की शंघाई मेट्रो दुनिया की सबसे लंबी मेट्रो सेवा है। इसकी कुल लंबाई 434 किमी है।

-न्यूयॉर्क सिटी मेट्रो लाइन में सबसे ज्यादा 422 स्टेशन हैं।

-दुनिया की सबसे ज्यादा मेट्रो लाइनें अमेरिका में हैं। इनकी संख्या है 24, जो यहां के कुल 32 शहरों में फैली हुई हैं।

-दुनिया का सबसे छोटा शहर लुसाने 41.3 किमी के दायरे में बसा है, जबकि यहां मेट्रो रेल लाइन फैली है तकरीबन 15 किमी के दायरे में।

-दुनिया की सबसे छोटी मेट्रो रेल सेवा है महज 3.8 किमी लंबी, जो इटली के सिसिली शहर में है। इसके नेटवर्क में केवल एक मेट्रो लाइन और छह स्टेशन हैं।

-अल मसीर अल मुक्कदासाह मेट्रो केवल तीर्थयात्रियों के लिए चलाई जाती है। इसकी शुरुआत सऊदी अरब के शहर मक्का में 2010 में की गई।

-मास्को के लोग मेट्रो में सबसे ज्यादा सफर करते हैं। यहां की भूमिगत मेट्रो रेल में रोजाना तकरीबन 55 लाख लोग यात्रा करते हैं।

-कोलकाता भारत का पहला शहर है, जहा सबसे पहले वर्ष 1984 में मेट्रो रेल सेवा शुरू हुई।

-सयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, जो यात्री कार या बस की बजाय मेट्रो का इस्तेमाल करते हैं, वे हर 10 किलोमीटर की दूरी के सफर में तकरीबन 100 ग्राम कार्बन डाइऑक्साइड में कमी लाते हैं।

मेट्रो के कई नाम

-लंदन मेट्रो को स्थानीय लोग 'ट्यूब' कहते हैं।

-पेरिस में इसे 'मेट्रोपोलिटन' कहा जाता है।

-'सब-वे' अमेरिका में चलने वाली मेट्रो रेल को कहते हैं। यहां के पुराने शहरों में एक बोस्टन में मेट्रो को सब-वे के बजाय 'टी' कहा जाता है।

दिल्ली मेट्रो रेल

-दिल्ली मेट्रो रेल की शुरुआत 24 दिसबर, 2002 को शाहदरा-तीस हजारी लाइन से हुई।

-रोजाना 20 लाख यात्री दिल्ली मेट्रो रेल में सफर करते हैं।

-इसकी अधिकतम गति 80 किमी/घटा रखी गई है। हर स्टेशन पर लगभग 20 सेकेंड रुकती है मेट्रो रेल।

-यह कुल 185 किमी दायरे में फैली है। 2021 तक 440 किमी तक विस्तार की योजना है।

-दिल्ली मेट्रो दुनिया का पहला ऐसा रेलवे नेटवर्क है, जिसे सयुक्त राष्ट्र ने ग्रीन हाउस गैसों में कमी लाने के लिए 'कॉर्बन क्रेडिट' दिया है। इन्हे हासिल करने वाली कंपनियों को वितीय सहायता दी जाती है।

अंत मे केवल यही कहूँगा कि

ये तो खैर मनाओ कि दिल्ली "मैट्रो" मे स्लीपर कोच नही है ... :)
सादर आपका 
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मैट्रो में छायी अश्लीलता…जिम्मेदार कौन?

ये कैसा सावन..

महिलाओं को सुरक्षा देने में नाकाम होती सरकारें !!

खुद से दूर - डॉ नूतन गैरोला

एक जवान लड़की का पिता

“लुटेरा” - अच्छी और अलग फ़िल्म

मिस्र के ऊँठ

कस्तूरी कुंड़लि बसैं, मृग ढूंढ़े बन माहिं

लद्दाख साइकिल यात्रा- पहला दिन- दिल्ली से प्रस्थान

अँग्रेजी की बात 

मास्टर जी (व्यंग)

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अब आज्ञा दीजिये ...

जय हिन्द !!!

15 टिप्‍पणियां:

  1. धन्यवाद ... ब्लॉग बुलेटिन मे अपनी रचना देखना अच्छा लगा .. सादर

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  2. मेट्रो के बारे मे यह जानकारी अच्छी लगी..

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  3. बढिया जानकारी और सुंदर लिंक्स, आभार.

    रामराम.

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  4. सारी जानकारी एक ही साथ बहुत ही बढ़िया लगी, और स्लीपर वाला आईडिया तो गजब धाँसू है, एकदम हिट हो जायेगा ।

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  5. बढ़िया है भाई किस किस को कहाँ कहाँ तक रोका जायेगा? मेट्रो के वीडियो नेट पर आ गए और जो भारतीय रेल के वीडियो हैं उनका क्या? यह सब तो चलता रहेगा जैसे चलता आया है कोई कुछ नहीं करता इसके लिए कोई कानून नहीं बनाया जाता सब पैसे ले दे कर रफा दफा कर दिया जाता है | भगवान् ही मालिक है अब तो इस देश का | खैर बुलेटिन ज़ोरदार है | पढ़कर आनंद आया | अब लिनक्स देख लिए जाएँ |

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  6. मेट्रो के बारे में सुन्दर जानकारी, सुन्दर और पठनीय सूत्र..

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  7. ठीक बुलेटिन है...

    कांग्रेस के एक मुख्यमंत्री असली चेहरा : पढिए रोजनामचा
    http://dailyreportsonline.blogspot.in/2013/07/like.html#comment-form

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  8. बहुत बढिया बुलेटिन ………शानदार लिंक्स

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