प्रिय ब्लॉगर मित्रों ,
प्रणाम !
आज कल के मौजूदा दौर मे जब जब आप का दिल रुपये की गिरती कीमत और टमाटर के बढ़ते दामों दुखी होने लगे ... तब तब ... ज़रा गौर से सोचिएगा कि ...
उस अमरीकी डॉलर की भला क्या औकात है ?
शिवम मिश्रा
प्रणाम !
आज कल के मौजूदा दौर मे जब जब आप का दिल रुपये की गिरती कीमत और टमाटर के बढ़ते दामों दुखी होने लगे ... तब तब ... ज़रा गौर से सोचिएगा कि ...
उस अमरीकी डॉलर की भला क्या औकात है ?
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उस से महंगे तो हमारे टमाटर हैं।
सादर आपका
शिवम मिश्रा
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
badhiya links ..ekdam tamatar jaise unche:)
जवाब देंहटाएंटमाटर तो अब लोग कमाकर भी नहीं खा पा रहे हैं | आग लगी पड़ी है सब्जियों के दामों में फिर वो चाहे ललाम लाल टमाटर हो या कोई और सब्ज़ी हो | अब चलते हैं लिनक्स की ओर | जय हो |
जवाब देंहटाएंआज कोई फिलोसोफी नहीं कोई खबर नहीं ???
जवाब देंहटाएंकोरे कोरे लिंक्स ??
मगर अच्छे हैं सभी लिंक्स
शुक्रिया
सस्नेह
अनु
शानदार बुलेटिन
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा लिंक्स प्रस्तुति,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST: गुजारिश,
मेरी रचना को स्थान देने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया
जवाब देंहटाएंबढ़िया लिंक्स मिले .... आभार
जवाब देंहटाएंachchhe links....
जवाब देंहटाएंलाजवाब लिंक्स.
जवाब देंहटाएंरामराम.
लाजवाब बुलेटिन शिवम भाई।
जवाब देंहटाएंआप सब का बहुत बहुत आभार !
जवाब देंहटाएंरोचक सूत्र..
जवाब देंहटाएंअनुपम लिंक्स एवं प्रस्तुति ... आभार
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