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बुधवार, 8 मई 2013

कर्म की मिठास

प्रिये  ब्लॉगर मित्रों आज की बुलेटिन में प्रस्तुत है मेरी एक रचना जिसमें मैंने कर्म की मधुरता और मिठास को दर्शाने का प्रयत्न किया है । आशा है कर्म का महत्त्व और कर्म की महिमा सभी को ज्ञात होगी । उम्मीद करता हूँ  मेरा यह छोटा सा प्रयास आपको कुछ प्रेरणा प्रदान करेगा  । 


पग घुंघरू बाँध
मीरा नाची थी
केशव
की याद में, या
फिर केशव
के कर्म
रंग, रूप, गुण
की गंध में
मुग्ध हुई
मन वीणा, की
झंकार पर
नाची थी
हाँ
कर्म की
झंकार ही ने
मीरा को
बाध्य किया
नाचने पर
कर्म की मिठास ही
जीवन को सतरंगी
बनाती है 


आज की कड़ियाँ 













धन्यवाद्
तुषार राज रस्तोगी 

जय बजरंगबली महाराज | हर हर महादेव शंभू  | जय श्री राम 

9 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत मीठी रचना... सुंदर प्रस्तुति!!

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  2. वाह ... बुलेटिन की बेहद सुंदर प्रस्तुति के लिए आभार तुषार भाई !
    अब लिंक्स देखता हूँ !

    जवाब देंहटाएं
  3. सभी महानुभावों का आशीर्वाद प्राप्त हुआ | बहुत बहुत आभार और धन्यवाद् :)

    जवाब देंहटाएं
  4. तुषार राज रस्तोगी जी "अनमोल वचन - सवाई सिंह राजपुरोहित" Aaj ka Agra को भी बुलेटिन में सम्मिलित करने के लिए आपका विनम्र आभार

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  5. अच्छे लिंकों का सुन्दर संयोजन किया है आज की बुलेटिन में
    आभार .....

    जवाब देंहटाएं

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