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गुरुवार, 23 मई 2013

अच्छा - बुरा - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों ,
प्रणाम !

आज का ज्ञान:
 अगर कोई हमें अच्छा लगता है - तो अच्छा वो नहीं हम हैं।
 और अगर कोई हमें बुरा लगता है - तो बुरा वही है क्योंकि हम तो अच्छे ही हैं न !!!


सादर आपका 

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15वीं राष्‍ट्रीय जनगणना वर्ष 2011 - अंतिम आंकड़े

घनश्याम मौर्य at सामान्‍य ज्ञान कोश
- 15वीं राष्‍ट्रीय जनगणना के जनगणना आयुक्‍त्‍ा- श्री चन्‍द्रमौलि - भारत की कुल जनसंख्‍या - 1,21,07, 26,932 - कुल शहरी जनसंख्‍या - 37.7 करोड़ (31.2 प्रतिशत) - कुल ग्रामीण जनसंख्‍या - 83.3 करोड़ (68.8 प्रतिशत) - लिंगानुपात - 843 - जनसंख्‍या घनत्‍व - 384 व्‍यक्ति प्रति वर्ग किमी0 - साक्षरता प्रतिशत - 73 प्रतिशत - पु0 साक्षरता प्रतिशत - 80.9 प्रतिशत - महिला साक्षरता प्रतिशत - 64.6 प्रतिशत - सर्वाधिक लिंगानुपात वाला राज्‍य/संघीय क्षेत्र - केरल (1084) - न्‍यूनतम लिंगानुपात वाला राज्‍य/संघीय क्षेत्र - हरियाणा (879) - सर्वाधिक साक्षर प्रथम तीन राज्‍य/संघीय क... more »

परदेस का एक रेस्टोरंट का टेबल ....

प्रीति टेलर at जिंदगी : जियो हर पल
एहसान या क़र्ज़ कहाँ होता है इस दुनिया में ??? ये तो रिश्तोंको जोड़े रखने का बहानाभर होता है .... बस मिट्टी के टीले पर बैठे हुए नापते है रिश्तेको ??? माजरा फकत ये है की बस फर्क बैठनेभर का है ... तुम्हारी वाली मिटटी थोड़ी सी ऊपर है , मेरे वाली थोड़े नीचे पर बिछी हुई है .... आज भी किवाड़े खटकने एक एहसास होता है आधी रात , आज भी लगता है शायद दरवज्जे पर हमवतन है खड़ा .... चूल्हे की खुशबु चिपकी मिलती है राखके लिबास में रोटी पर , महक वो सौंधी मिटटीकी हर निवालेमें निगली जाती है ख्यालोंमें .... पित्ज़ा के टोपीन्गज़ पर पिघला हुआ चीज़ का टुकड़ा मेरी रोटी पर लगे मक्खनकी याद दिलाता है अक्सर , जो चोला ब... more »

स्वयं ही स्वयं को लिखता पाती

स्वयं ही स्वयं को लिखता पाती जीवन है सौगात अनोखी माँ का आंचल, पिता का सम्बल, प्रियतम का सुदृढ़ आश्रय वात्सल्य का निर्मल सा जल ! गीत भी है, संगीत जहाँ में दृश्य सुहाने मोहक मंजर, वर्षा की सोंधी सी खुशबू   भोर हुए पंछी के मृदु स्वर ! झोली भर-भर मिले खजाने कुदरत का अनन्य कोष है, तृप्त हुआ बस डोले इत-उत अंतर जिसके जगा तोष है ! श्वास-श्वास है नेमत उसकी अमृत सा जल,

टिकट फिक्स है !!!


चटाईयां पेड़ पर नहीं उगती .................अरशद अली

Arshad Ali at Arshad ke man se........
कल एक बुढिया को चटाई बुनते देखा तब लगा चटाईयां बुनी जाती हैं पेड़ पर नहीं उगती पैसों के जोर पर वो खुशियाँ खरीदने निकल जाता है उसे ज्ञान नहीं खुशियाँ बाज़ार में नहीं मिलती सतह पर टिकने के लिए कुछ प्रयास सतही हो सकते हैं पर ग्रुत्वाकर्षण के सिद्धांत के बगैर कोई चीज सतह पर नहीं टिकती जन्म से मृत्यु तक सुख और दुःख के काल खंड पलटते रहतें हैं पूरा जीवन सुख या सिर्फ दुःख में नहीं गुजरती मै बुढिया से मूल्य कम करा लेता हूँ चटाई की वो मेरे चले जाने से डरती है और किसी नुकसान से नहीं डरती -----अरशद अली-----

ताज और मुमताज

Rajeev Sharma at Do Took
राग ताज का मत छेड़ो मुमताज महल रो देती है तुम अपनी प्रेम निशानी में एक फूल गुलाबी दे देना पत्थर को हीरे में जड़कर मत खड़ी इमारत तुम करना बस अपनी प्रेम कहानी में किरदार नवाबी दे देना।। ऊंची मीनारों पर मुझको मुमताज दिखाई देती है सूनापन उसको डंसता है इक चीख सुनाई देती है जब मैं तन्हा महसूस करूं तुम इतना करना प्राणप्रिये साकी बन जाना तुम मेरे इक जाम शराबी दे देना।। कब कहती थी ताज चाहिए मुमताज प्यार के बदले में कहती थी बस प्यार चाहिए मुमताज प्यार के बदले में आंगन की छोटी बगिया में तुम प्रेम पल्लवित कर देना मैं पुष्प बनूं, तुम भंवरा बनकर प्यार जवाबी दे देना।।

टू -ईन -वन

Amod Srivastava at अभिव्यक्ति
आज मेरी नज़र ऊपर तांड पर पड़ी वहां धुल में सना उसकी आगोश में समाया हमारा जो कभी आँखों का तारा , हमारा प्यारा हुआ करता था टू -ईन -वन महोदय पर जब पड़ी और उनकी यह दुर्दशा हमसे न देखी गयी और आँखों के सामने न जाने कितनी तस्वीर चलने लगी .... बात उस समय की है जब हमारे घर में एक बड़ा सा रेडिओ जो लकड़ी के एक बॉक्स में हुआ करता था। सामने की आलमारी में रखा हुआ जिसपर क्रोशिये से बनाई गई सुन्दर सी चादर पड़ी रहती थी। और हम सभी बड़े ही शौक से उसका आनन्द लिया करते थे। सबका अपना अपना समय बंधा होता था, सुबह सुबह के समय उसी चिर परिचित आवाज में रामायण की चौपाई कुछ देर बाद सात बजे एक मोटी स... more »

क्या यूपी में चल पाएगा मोदी का करिश्मा?

pramod joshi at जिज्ञासा
कर्नाटक चुनाव में धक्का खाने के बाद भाजपा तेजी से चुनाव के मोड में आ गई है. अगले महीने 8-9 जून को गोवा में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होने जा रही है, जिसमें लगता है गिले-शिकवे होंगे और कुछ दृढ़ निश्चय. मंगलवार को नरेन्द्र मोदी का संसदीय बोर्ड की बैठक में शामिल होना और उसके पहले लालकृष्ण आडवाणी के साथ मुलाकात करना काफी महत्वपूर्ण है. मोदी ने अपने ट्वीट में इस मुलाकात को ‘अद्भुत’ बताया है. भारतीय जनता पार्टी किसी नेता को आगे करके चुनाव लड़ेगी भी या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं है. क्लिक करेंकर्नाटक के अनुभव ने इतना ज़रूर साफ किया है कि ऊपर के स्तर पर भ्रम की स्थिति पार्टी के ... more »

जिस-जिस गली से गुज़रे ...

Suresh Swapnil at साझा आसमान
ये: शौक़-ए-ख़राबां है इस इश्क़ से भर पाए हंस-हंस के न जी पाए रो-रो के न मर पाए हाथों की लकीरों में कोहरे-सी इबारत थी उम्मीद के धोखों में संभले न बिखर पाए सूखे हुए पत्तों की तरह शाख़ से बिछड़े हैं अब अपना मुक़द्दर तो शायद ही संवर पाए ख़्वाबों के सफ़र अक्सर तनहा ही गुज़रते हैं इस राह पे साथी की उम्मीद न कर पाए कहते थे जिसे जन्नत उसकी ये: हक़ीक़त है जिस-जिस गली से गुज़रे जलते हुए घर पाए ! ( 2013 ) * ** ... more »

अपना आकलन करना सिखाती है परीक्षा

Harminder Singh at vradhgram
रिजल्ट की बारी आती है तो बच्चे थोड़ी घबराहट महसूस करने लगते हैं। यह ठीक उसी तरह होता है जैसा परीक्षाओं के दौरान हमें देखने को मिलता है। ऐसा नहीं है कि घबराहट स्थायी होती है, लेकिन इसका असर तो पड़ता है। मुझे आज भी एक्ज़ाम के नाम पर कहीं न कहीं घबराहट महसूस होती है। मैं हर साल कोई न कोई इम्तहान देता हूं। किसी ने मुझसे पूछा कि आप पढ़ाई कब छोड़ने वाले हैं? मेरा जबाव था-‘जब जिंदगी मुझसे रुठ जायेगी।’ सच ही तो है इंसान जीवन भर पढ़ता रहता है। जीवन की एक पाठशाला होती है जिसमें हम जिंदगी के ’क’,’ख’ सीखते हैं। किताबी पढ़ाई से अलग होती है जीवन की पढ़ाई। यहां अक्षर यूं ही नहीं तैर  more »

अपने एक एक आंसू का हिसाब रखना ......!!!

sunil..... at different stroks
चेहरो पे ठंडक दिलो में आग रखना , अपने ज़ज्बातो पे नकाब रखना . फिरेगे दिन अपने भी तो देखेगे , अपने एक एक आंसू का हिसाब रखना ......!!!
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अब आज्ञा दीजिये ...

जय हिन्द !!!

7 टिप्‍पणियां:

  1. राम -राम जी , आज का ज्ञान पढ़ कर चक्षु खुल गए .........
    कुछ लिंक पढ़े और कुछ पढने जा रहे हैं .........अच्छा संयोजन किया है

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  2. बढ़िया सूत्र भैया जी | जय हो

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  3. बेहतरीन लिंक्‍स एवं प्रस्‍तुति ...
    आभार

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  4. BEHAD SUNDER LINKS...AAPKA AABHAR MERE POST KO JAGAH DENE KE LIYE..
    DER HIN SAHI MAGAR DURUST AAYA...

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